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- जानें IIT जैसे इंस्टीट्यूट ही क्यों छात्रों को करते हैं प्रोत्साहित
नवीनीकरण को प्रोत्साहित करने और सीखने के चरण में भविष्य की पीढ़ी के बीच उद्यमिता कौशल को बढ़ावा देने के लिए कई इंस्टीट्यूट अपने स्वयं के कार्यक्रम ला रहे हैं।
हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) खड़गपुर ने घोषणा की है कि यह एकेडमी ऑफ लीडरशिप स्थापित करने जा रहा है।
आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर पीपी चक्रवर्ती ने कहा, 'यह वास्तव में आईआईटी खड़गपुर में अकादमिक श्रेष्ठता के मूल्य प्रस्ताव के दायरे को बढ़ाने का उपयुक्त समय है, जो अगली चरण शिक्षा प्रक्रिया विकसित कर रहा है। यह न केवल वैज्ञानिक और तकनीकी ट्रेनिंग बल्कि प्राचीन दर्शन, विचार, अंतर्ज्ञानी सोच, सिस्टम इंजीनियरिंग और पिछली सफलताओं और मानवता की असफलताओं की शिक्षाओं को भी केंद्रित करेगा।'
यह निर्णय किया गया है कि अकादमी को पूर्व छात्र और आईआईटी केजीपी के मैनेजमेंट कंसल्टेंट, पार्थ एस घोष ने अकादमी की स्थापना के लिए संस्थान को 1 मिलियन डॉलर का दान दिया था। जिसके बाद इसे 'पार्थ एस घोष अकादमी ऑफ लीडरशिप' कहा जाएगा।
चक्रवर्ती ने कहा, 'इस अकादमी के तहत, कार्यक्रम व्यक्तियों और संगठनों में नेतृत्व गुणों को पोषित करेगा, विभिन्न दृष्टिकोणों के लीडर्स इसे अपनी योजना साझा करने के लिए सक्षम बनाएंगे, जिससे वैश्विक प्रतिष्ठा के साथ यह एक जीवंत आत्मनिर्भर हो सके।'
कई एजुकेशनल इंस्टीट्यूट छात्रों के लिए अपने विचारों के साथ आने और स्टार्टअप विकसित करने के लिए प्रतियोगिताओं को भी चलाते हैं।इंस्टीट्यूट उन्हें धन जुटाने, विचार विकसित करने और उस विचार को वो कैसे मार्किट करते हैं इस पर मूल्यांकन करेगा। अगर छात्र भविष्य में कोई स्टार्टअप करना चाहते हैं इस तरह के कार्यक्रम उन्हें प्रेरित, सक्रिय और समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं।
यह न केवल कौशल उद्यमियों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो विभिन्न व्यवसायों या संगठनों की टीमों में काम करना चाहते हैं। टीम के सदस्यों की समस्याओं पर ध्यान देकर, उन्हें काम करने के लिए असाइन करते समय, अपने विचारों को ध्यान में रखते हुए रणनीतियों का निर्माण करते समय और उन्हें आसानी से पूरा करने से पूरी टीम को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।