झारखंड में मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों ( एमएसएमई) के सहयोग और उनके ईको सिस्टम के विकास में स्मॉल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया (सिडबी) की प्रमुख भूमिका है। सिडबी अपनी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिटस (पीएमयू) टीम के माध्यम से इन उद्योगों को सपोर्ट कर रहा है, जिसमें नॉलेज पार्टनर के रूप में ग्रांट थोर्नटन कंपनी (जीटी) भारत में अपनी महत्वपूर्ण सर्विस दे रहा है। इसके तहत क्रेडिट, स्किलिंग, तकनीकी इंफ्रा, फिजिकल इंफ्रा, पॉलिसी से संबंधित नवीनतम तकनीक और सिस्टम शामिल हैं।
सोमवार को झारखंड उद्योग निदेशालय और सिडबी की ओर से ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। इसका विषय ‘ओरिएंटेशन प्रोग्राम फॉर एमएसएमई ईको सिस्टम डेवलपमेंट इन झारखंड’ था। इस मौके पर उद्योग निदेशालय जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में एमएसएमई समूहों को और मजबूत करने और अन्य राज्यों में लागू सर्वोत्तम सर्विस की मैपिंग कर उसे झारखंड में लागू करने की जरूरत है। सिडबी के एजीएम राजकुमार सिंह ने क्रेडिट के माध्यम से राज्यों में उद्योग इको सिस्टम बदलने व विकास में सिडबी की भूमिका पर जानकारी दी।
सिडबी क्या है ?
सिडबी सूक्ष्म लघु एवं मध्यम कारोबारियों को बिजनेस लोन प्रदान करता है। इसमें कई तरह के लोन होते हैं, जैसे की टर्म लोन, एमएसएमई के लिए सिक्योरिटी बिजनेस लोन, इत्यादि। सिडबी की स्थापना दो अप्रैल, 1990 को इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया (आईडीबीआई) के एक सहायक बैंक के रूप में की गई थी। सिडबी बैंक का हेडक्वाटर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित है। वहीं देशभर में सिडबी के 15 क्षेत्रीय और 100 शाखा कार्यालय हैं।
कैसे काम करता है सिडबी
सिडबी छोटे स्तर के उद्योगों और एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। छोटे उद्योगों को बिल डिस्काउंटिंग सर्विस भी देता है। वहीं छोटे उद्योगों के बीच रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देता है, साथ ही निर्यात के लिए व्यवसायों की मदद करता है।