निरंतर नवीकरण लोगों की संचार प्रक्रिया में बदलाव कर रहा हैं। इसलिए, दूरसंचार उद्योग को लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए फिर से रणनीति बनाने की जरूरत हैं।
आज, दूरसंचार फ्रैंचाइज़र को अपने साथ टेक्नोलॉजी को जोड़ना होगा और व्यवसाय में जो भी लेटेस्ट ट्रेंड्स हैं उनको अपने ग्रहाकों को उपलब्ध करवाना होगा ।
इसमें कोई शक नहीं कि यह दूरसंचार उद्योग के लिए एक सक्रिय होने के साथ-साथ अशांत समय है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, फ्रैंचाइज़र को सावधानी से कार्य करना चाहिए ताकि वह मुनाफा कमा सके और साथ ही इंडस्ट्री से जुडी नई सेवाएं मुहैया करा सके।
अनुकूलन और विकास समाधान
प्रवृत्तियों और बढ़ते मुकाबले के साथ रहने के लिए परिवर्तन को अपनाना आवश्यक है। आज के समय में, उचित निवेश के माध्यम से एक उपयुक्त समाधान विकसित करना आपके दूरसंचार ब्रांड के भविष्य में सुधार करने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उभर सकता है। जो कंपनी मार्केट के अनुसार चल नहीं पाती वो दूसरे प्रतिभागियों और तेजी से बढ़ती हुई कंपनियों के आगे घुटने टेक सकती है।
ओवर-द-टॉप कंपनियों के साथ मुकाबला
मोबाइल मैसेजिंग एप्लीकेशन के इस्तेमाल ने दूरसंचार उद्योग को एक बड़ी चुनौती दी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 2.5 अरब लोग कम से कम अपने सेल फोन पर एक मोबाइल मैसेजिंग एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वजह से दूरसंचार कंपनियों को नुकसान पहुंच रहा है जो 2007 से 2015 तक 34.5% घटकर 22.1% हो गया है।
अगर इसी तरह से चलता रहा तो जल्द ही टेक्स्ट मैसेजिंग पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और ओटीटी कंपनियों को अवसर मिल सकते हैं।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स का उदय (आईओटी)
आईओटी हमारे दिन-प्रतिदिन जीवन पर हमला कर रहा है। चीजों को तेजी से बदल रहा हैं। यह माना जाता है कि 2020 के अंत तक 21 अरब लोग इससे जुड़ जाएंगें।
दूरसंचार फ्रैंचाइज़र को एक मंच विकसित करके इस मुद्दे को हल करने पर ध्यान देना चाहिए जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स के जैसा ही कार्य करने में समर्थ हो।
5जी का विकास
5जी 2020 तक भारत में उपलब्ध होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है की इससे सिर्फ गति में ही वृद्धि नहीं होगी, बल्कि क्षमता और विलंबता में भी सुधार होगा। इसके अलावा, इस वजह से असीमित कनेक्शंस होंगे और इसके तेज परिणाम भी देखने को मिलेंगे।
यह दौड़ दूरसंचार फ्रैंचाइज़र के लिए स्पष्ट रूप से चल रही है। जहां उन्हें बंद होने से पहले 5जी तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है।