भारत सरकार के साथ अपनी पहली आधिकारिक बातचीत में एलोन मस्क के नेतृत्व वाली टेस्ला और अन्य वैश्विक ऑटोमोटिव (ऑटो) निर्माताओं ने नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति पर स्पष्टीकरण मांगा, विशेष रूप से निवेश दिशानिर्देशों और घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के लिए समयसीमा के संबंध में।
बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने मिडिया को बताया कि मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) ने यह समझने की कोशिश की कि क्या पूरा निवेश तीन या पांच साल में किया जाएगा और उन्हें 50 प्रतिशत डीवीए हासिल करने की कितनी अवधि होगी।
ऑटो ओईएम के प्रश्नों के समाधान के लिए परामर्श बैठक बुलाई गई थी। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के अतिरिक्त सचिव हनीफ कुरेशी ने बताया हमने निवेश और डीवीए की समयसीमा के संबंध में सवालों के जवाब दिए। इसके अतिरिक्त, उन्हें देश में परिचालन के शुरुआती तीन वर्षों में 25 प्रतिशत और पांचवें वर्ष तक 50 प्रतिशत डीवीए हासिल करना भी आवश्यक है।
एमएचआई के साथ हितधारक परामर्श बैठक में टेस्ला का प्रतिनिधित्व उसके सलाहकार, द एशिया ग्रुप (टीएजी) इंडिया ने किया था। द एशिया ग्रुप (TAG) वाशिंगटन मुख्यालय वाला एक रणनीति और व्यापार सलाहकार ग्रुप है। यह प्रतिनिधित्व टेस्ला के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एलोन मस्क के भारत दौरे से कुछ दिन पहले आया है।
विनफास्ट, मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू, किआ, वोक्सवैगन, टोयोटा, हुंडई और रेनॉल्ट-निसान सहित अन्य वैश्विक कंपनियां भी उपस्थित थीं। इसके अतिरिक्त, टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे भारतीय कार निर्माता बैठक में उपस्थित थे।
कुरैशी ने कहा राजस्व विभाग के अधिकारी भी रियायती शुल्क अधिसूचना पर स्पष्टीकरण देने के लिए उपस्थित थे, जो नीति में उल्लिखित प्रोत्साहनों की सुविधा प्रदान करता है।
भारत ने मार्च 2024 में वैश्विक ईवी निर्माताओं के लिए रियायती आयात शुल्क लागू किया।इसमें सरकार द्वारा अनुमोदन पत्र जारी होने की तारीख से पांच साल के लिए $35,000 और उससे अधिक के सीआईएफ मूल्य वाले वाहनों पर इच्छुक ईवी निर्माताओं के लिए आयात शुल्क को मौजूदा 70 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत या 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
हालांकि, सीमा शुल्क में छूट चाहने वाली कंपनियों को तीन साल में 500 मिलियन डॉलर का निवेश करना होगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं वाले कुछ विदेशी प्रमुखों ने इस पर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या वे रियायती आयात शुल्क के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए भारत में अपने मौजूदा निवेश का उपयोग कर सकते हैं।
हालांकि, एमएचआई के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि केवल नए निवेश ही प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे। नीति की घोषणा के बाद यह पहला परामर्श था। योजना पर काम कर रहे एक अधिकारी ने कहा हमारी योजना दो महीने में आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की है।