कारोबारियों के लिए लॉकडाउन में डिजिटल पेमेंट काफी मददगार साबित हुआ है। इसने छोटे कारोबारियों के बिजनेस सफर को न केवल आसान बनाया है, बल्कि कई सरल विकल्प भी उपलब्ध कराए, जिससे उनका व्यापार लॉकडाउन में आई समस्याओं के बावजूद भी स्थिर और वित्तीय संतुलन में रहा। इन डिजिटल पेमेंट माध्यमों और उपकरणों ने बिजनेस को नया स्वरूप देने में भी मदद की हैं।
छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े कारोबारियों तक के लिए डिजिटल पेमेंट काफी कारगर है। इसकी सहायता से कारोबारी आसानी से पेमेंट प्राप्त कर सकते हैं और ग्राहकों से सीधे संपर्क कर सकते हैं। यह लेन-देन में काफी सुरक्षित है और इसे उपयोग करना भी बेहद आसान है। बिना किसी अतिरिक्त शुल्क अदा किए हुए आप इसमें ऑफर का लुत्फ भी उठा सकते हैं।
कारोबारी एक बैंक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में तुरंत पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें सेल्स के आंकड़ों का कारोबारी रोजाना, हफ्ते और महीने के हिसाब से आकलन कर सकते हैं। साथ ही, पिछले लेनदेन से यह जांच सकते हैं कि सेल्स के आंकड़े कैसे चल रहे हैं।
डिजिटल फाइनेंसिंग कैसे मददगार हैं
छोटे दुकानदारों और कारोबारियों के लिए डिजिटल के माध्यम से लोन लेना काफी आसान हो गया है। आंत्रप्रेन्योर 2022 के आयोजन में प्रोगकैप की सह-संस्थापक और निदेशक पल्लवी श्रीवास्तव ने डिजिटल फाइनेंसिंग पर बताया कि आजकल मोबाइल का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है। डिजिटल माध्यम से लोन लेना और दस्तावेज जमा करना काफी आसान हो गया है।
पहले लोन लेने का जो प्रोसेस था, वह काफी लम्बा होता था और उसमें समय लगता था। ग्राहकों को जानकारी भी नही होती थी वह लोन के लिए कहां जाए, कैसे डॉक्यूमेंट सबमिट करें, तो बैंकिंग डिजिटल होने से ग्राहकों और कारोबारियों को काफी फायदा हुआ है। डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से दस्तावेज को जमा करके और यूपीआई द्वारा पेमेंट करना काफी आसान हो गया है। अब काफी फिनटेक कंपनियां आई हैं, हम भी एक फिनटेक कंपनी को चलाते है और हमारा उद्देश्य एमएसएमई की मदद करना है।
सुरक्षा मानदंड क्या है
सबसे पहले यह देखना की जिस भी कंपनी के माध्यम से लोन लिया जा रहा है उनकी प्राइवेसी के नियम क्या हैं। काफी कंपनियों का अंडरराइटिंग मॉडल होता है जिसके द्वारा ग्राहकों का पता चलता है कि ग्राहक को लोन मिलना चाहिए कि नही और डाटा की निजता बहुत जरूरी है।कई कंपनियां जो फिनटेक है और डिजिटल एमएसएमई कंपनी है,वह आईएसओ सर्टिफिकेशन करवाती है और अगर वह अपनी वेबसाइट पर डालती है, तो उसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है।डाटा का उपयोग कैसे किया जा रहा है, इसके बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है।कंपनी को ग्राहकों के डाटा की सुरक्षा और निजता का ध्यान रखना चाहिए। सरकार भी कई सुरक्षा मानदंड लेकर आ रही है ताकि ग्राहकों के डाटा का उपयोग गलत तरीके से न किया जाए। इन नियम को एक कंपनी, ग्राहक और कारोबारियों को मानना पड़ता है।
इसलिए जरुरी था इस सेक्टर में आना
पल्लवी ने बताया जब हम कारोबार में आए तो हमने देखा कि सरकारी और निजी सेक्टर जब एमएसएमई की बात करते हैं, तो उनका ज्यादातर ध्यान मैन्यूफैक्चरिंग पर रहता है। लेकिन हम सीधे रूप से मैन्यूफैक्चरिंग से नहीं जुड़े थे। ऐसे में हमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हमारा ध्यान ट्रेडिंग एमएसएमई की तरफ था, क्योंकि उस सेक्टर में कंपनियों की बड़ी कमी थी, जो अभी भी है।
छोटे खुदरा दुकानदारों के पास कर्ज लेेने का कोई औपचारिक जरिया नहीं था। कर्ज के लिए वे अक्सर सूदखोर महाजनों पर निर्भर रहते थे। कुल मिलाकर यह कि छोटे कारोबारियों को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कर्ज दिलाने के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी खाई थी। इसी समस्या के समाधान के लिए हमने अपनी कंपनी शुरू की। इसका लक्ष्य छोटे खुदरा दुकानदारों को आसान तरीके से संस्थागत कर्ज उपलब्ध कराना है, ताकि वे वर्तमान स्पर्धा का सामना कर सकें।
रिफाइन के सीईओ और सह-संस्थापक चित्रेश शर्मा ने फाइनेंशियल वैलनेस पर कहा फाइनेंशियल वैलनेस श्रेणी में सेवा देने के लिए, आपको किसी एकल उत्पाद या तकनीक के बजाय समाधान के साथ आना होगा। फिनटेक के विषय पर चर्चा करने के दौरान रिवॉल्यूट की सीईओ परोमा चटर्जी ने कहा किसी भी ऐप के लिए पेमेंट सिस्टम का एकीकरण सबसे महत्वपूर्ण चीज है।