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- डीईपीडब्ल्यूडी ने दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए मिलाया इनेबल इंडिया से हाथ
रोजगार कौशल पाठ्यक्रम के माध्यम से दिव्यांगों की बदलेगी जिंदगी
70 घंटों का होगा यह इंटरैक्टिव रोजगार कौशल पाठ्यक्रम
दिव्यांगों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने दिव्यांगों को सशक्त बनाने की दिशा में इनेबल इंडिया के साथ करार किया है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में दिव्यांगजनों को प्रशिक्षित करके रोजगार की दिशा में आगे बढ़ाना है ताकि वे आर्थिकरूप से आत्मनिर्भर बन सकें। साझेदारी के तहत रोजगार कौशल पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह रोजगारपरक पाठ्यक्रम 70 घंटे का इंटरैक्टिव सेशन है, जिसे इनेबल इंडिया यानी कि सक्षम भारत की मदद से चलाया जाएगा। इनेबल इंडिया एक ऐसा सरकारी संगठन है, जो दृष्टिबाधित, शारीरिक और श्रवणबाधित दिव्यांगों की आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान की दिशा में कार्य करता है। बेंगलुरु में स्थापित इनेबल इंडिया की स्थापना 1999 में हुई थी।
डीईपीडब्ल्यूडी सचिव राजेश अग्रवाल के मार्गदर्शन में तैयार किए गए इस परिवर्तनकारी पाठ्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगों के लिए रोजगार के अवसरों तक पहुंच में बदलाव लाना है। इस कोर्स की आधिकारिक लॉन्चिंग पर्पल फेस्ट में हुई, जिसका लक्ष्य विकलांग व्यक्तियों के लिए एक आशाजनक भविष्य बनाना है। बकौल राजेश अग्रवाल इस पाठ्यक्रम को अधिक समावेशी और सशक्त समाज बनाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
इस घोषणा के साथ-साथ, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद ने, विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग के सहयोग से, पहुंच मानकों के लिए व्यापक दिशानिर्देशों की भी जानकारी दी गई। ये दिशानिर्देश, भौतिक और डिजिटल कौशल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे दोनों के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किए गए हैं, जो विविध विकलांगताओं वाले व्यक्तियों के लिए समावेशिता के एक प्रतीक के रूप में काम करते हैं। इस पहल का उद्देश्य सरकार से जुड़े सभी कौशल प्रशिक्षण संगठनों द्वारा राष्ट्रव्यापी मानकों को अपनाना सुनिश्चित करना है ताकि अधिक से अधिक संख्या में जरूरतमंदों को इसका लाभ दिया जा सके।