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- डीयू और रेखी फाउंडेशन ने मिलकर शुरू किया 'हैप्पीनेस साइंस' कोर्स
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) हैप्पीनेस साइंस नाम का कोर्स शुरू कर रहा है। अगले शैक्षणिक सत्र से पांच महिला कॉलेजों में यह कोर्स पढ़ाया जाएगा। यूनिवर्सिटी ने अपना यह प्रयोग सबसे पहले पांच महिला कॉलेजों से शुरू करने का मन बनाया है। डीयू ने 'हैप्पीनेस साइंस' नाम का यह कोर्स शुरू करने के लिए 'रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस' के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान के अनुसार इस कोर्स का पाठ्यक्रम रेखी फाउंडेशन द्वारा विकसित और साझा किया जाएगा। हालांकि, डीयू छात्रों की जरूरतों और क्रेडिट संरचना के अनुरूप उस पाठ्यक्रम में संशोधन कर सकता है। डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि जीवन में ख़ुशी सबसे महत्वपूर्ण है। खुशी के विज्ञान के विचार और आवश्यकता को समझते हुए, डीयू ने अपने विभागों और कॉलेजों में चल रहे कार्यक्रमों के पाठ्यक्रम में खुशी के विज्ञान विषय को शामिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि एक बार पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी इसे अधिसूचित करेगा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी का हैप्पीनेस साइंस कोर्स
बता दें कि फिलहाल लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमेन, गार्गी कॉलेज, इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज, मिरांडा हाउस और दौलत राम कॉलेज, इन पांच महिला कॉलेजों में यह कोर्स शुरू किया जाएगा। इसे एक वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि समय के साथ प्रशासन इसे एक बड़े या छोटे विषय के रूप में भी विकसित कर सकता है। रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस एक गैर लाभकारी संस्था है। वर्ष 2016 से इसका संचालन सतिंदर सिंह रेखी और उनकी पत्नी हरप्रीत रेखी कर रही हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी का हैप्पीनेस साइंस कोर्स शुरू करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को खुशहाल और संतुष्ट जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण गुणों की सीख प्रदान करेगा। इसके अलावा, महिला कॉलेजों में इसे प्रोत्साहित करने से महिलाओं को अपने मानसिक स्वास्थ्य और खुशी के बारे में अधिक जागरूकता मिलेगी। रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के साथ किया गया समझौता इस पहल को और भी समर्थन और विकास प्रदान करेगा।
इसके अलावा, यह कोर्स एक वैकल्पिक विषय के रूप में भी पेश किया जा सकता है, जो छात्रों को उनके व्यक्तिगत हितों और अभिरुचियों के अनुसार चुनने की स्वतंत्रता देगा। इसके अलावा, उन्हें विभिन्न विषयों में गहराई से जानकारी प्राप्त करने का भी अवसर मिलेगा। रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस का काम भी इस संदेश को समर्थन करता है कि खुशी और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समाज में बढ़ाना चाहिए। उनका योगदान इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा सकता है।
खबर 2 : शिक्षा मंत्री IIT इंदौर में एक केंद्र का किया लोकार्पण
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज उज्जैन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में IIT इंदौर के नवाचार, प्रोद्योगिकी और उद्यमिता अनुभावात्मक विद्यार्जन केंद्र का लोकार्पण किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर का यह लोकार्पण उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के इस विद्यार्जन केंद्र के जरिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP-2020) का एक नया अध्याय आज उज्जैन पहुंचा है, जिससे नवाचार और प्रोद्योगिकी को और अधिक बढ़ावा मिलेगा एवं मध्य प्रदेश को दुनिया की अग्रणी ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
खबर 3 : युवा संगम के चौथे चरण में केरल-लक्षद्वीप के प्रतिभागी पहुंचेंगे छत्तीसगढ़
युवा संगम के चौथे चरण में केरल और लक्षद्वीप के प्रतिभागियों ने छत्तीसगढ़ और इसकी सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि का पता लगाने के लिए अपनी यात्रा शुरू की। इस मौके पर आईआईएम कोझिकोड के निदेशक प्रो. देबाशीष चटर्जी ने केरल के कोझिकोड से प्रतिनिधिमंडल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।