अगर संभावित डे-केयर संचालकों ने अपनी व्यवसाय की आदर्श जगह के खास पहलुओं की एक ‘विश-लिस्ट’ बनाई, तो उसमें यकीनन कई चीजें होंगी। डे-केयर व्यवसाय के लिए जगह तय करने से पहले ये जांच लें कि आप उस जगह का कानूनन इस्तेमाल कर सकते हैं। पहुंचने में आसानी, सुरक्षा और स्वास्थ्य के हिसाब से जगह का मूल्यांकन कर लें। आपका आर्थिक रूप से सक्षम होना निश्चित ही अहम् मुद्दा है, क्योंकि जगह कितनी भी अच्छी क्यों ना हो, वह मायने नहीं रखती अगर पैसे के हिसाब से पहुँच से बाहर हो। इसीलिए डे-केयर साइट तय करने से पहले अपना बजट तय करना जरूरी है। यहां कुछ चीजें दी गई हैं, जिनपर आपको लोकेशन निश्चित करने से पहले गौर करना चाहिए।
जनसंख्या का विश्लेषण
डे-केयर के लिए जगह पक्की करने से पहले वहां रहने वाले लोगों से वाकिफ होना और उनसे तथा आस-पास के व्यवसायों के कर्मचारियों की जरूरतों को समझ लेना अच्छा होता है। इलाके के लोगों को ध्यानपूर्वक समझने से कई गलतियों को टाला जा सकता है। डे-केयर की सबसे ज्यादा कहां जरूरत है और कहां से ज्यादा संख्या में ग्राहक आएंगे, इस बात का पता चल जाए, तो उससे आपके लिए काफी बातें आसान हो जाएंगी। बढ़ते परिवार वाला इलाका हमेशा अच्छा होता है। चहल-पहल वाले रास्तों पर साफ दिखाई देने वाली जगह पालकों के लिए सबसे ज्यादा अच्छी और आसान होती है।
जगह का विस्तार
आपकी डे-केयर लोकेशन में काफी अंदरूनी और बाहरी जगह होना जरूरी है। कोई भी इमारत या लोकेशन चुनने से पहले, लोकेशन में ये बातें हैं या नहीं यह देख लेना आवश्यक है:
- आपके डे-केयर में आने वाले बच्चों की उम्र के हिसाब से खेलने के लिए काफी आउटडोर जगह।
- हर बालक के निजी सामान के लिए पर्याप्त जगह।
- हर बच्चे को आसानी से चलने फिरने के लिए पर्याप्त जगह।
- बच्चों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हर कमरे में से देखने के लिए खिड़कियां।
- जगह के नक्शे का उचित व्यवस्थापन, ताकि देखरेख करने वाले हर समय पूरी जगह पर नजर रख सकें।
- बहती हवा और आरामदायक तापमान।
- बच्चों को खेलने, खाने और आराम करने के लिए जगह।
- स्वच्छता-सामग्री, स्टाफ का सामान और अतिरिक्त चीजें रखने के लिए जगह।
और एक चीज जिसकी आपको आवश्यकता है, वो है नैचुरल लाइट। अगर आप दो ऊंची इमारतों के बीच फंसने वाले हैं, तो स्काईलाइट्स की मांग करें।
आग की रोकथाम और सुरक्षा
ये गंभीर विषय है। आपके लिए बच्चों की सुरक्षा अहम है। उस नजरिए से स्वास्थ्य और सुरक्षा के कुछ कदम उठाने पड़ेंगे। सभी संभावित जगहें सुरक्षित हैं, इसकी एहतियात बरतनी होगी। समतल बाहरी सतहें, बड़ा प्ले रूम, खेलने के लिए बाउंड्री लगे बगीचे, किचन और बाथरूम के लिए काफी जगह और पालकों के लिए पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह- आपको इन सब बातों पर सोचना होगा। रोकथाम के लिए सब जगहों पर अग्निशमन व्यवस्था होना बहुत जरूरी है। बच्चों के इस्तेमाल के हर कमरे में से आने-जाने के लिए दो निकास द्वार होने चाहिए। एक सीधे बाहर की ओर ले जाने वाला होना चाहिए। शिशुओं के पालने दरवाजे से आसानी से बाहर निकलने योग्य आकार के होने चाहिए। स्थानीय अग्नि सुरक्षा नियमों को जानने के लिए स्थानीय फायर स्टेशन से संपर्क करें।
स्वास्थ्य
जब आप स्वास्थ्य के विषय पर बाहरी और भीतरी दोनों जगहों का मुआयना कर सोचें। ज्यादा वायु प्रदूषण के इलाकों को टालें। ये जांचे कि इमारत में एस्बेस्टोस, लेड या अन्य विषैले पदार्थ नहीं हैं और हां, जमीन के नीचे या ऊपर गैस/ऑइल की स्टोरेज टंकियां जमा होती हैं, ऐसे गैस स्टेशन के आस-पास के इलाके टालना ही बेहतर होगा।