व्यवसाय विचार

तेल और गैस पीएसयू विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप को दे रहे बढ़ावा: हरदीप एस पुरी

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Oct 12, 2023 - 4 min read
तेल और गैस पीएसयू विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप को दे रहे बढ़ावा: हरदीप एस पुरी image
भारत आज इथेनॉल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपयोगकर्ता है, जिसका श्रेय पिछले पांच वर्षों में हुए लगभग तीन गुना उत्पादन को जाता है। पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण 2014 के 1.5 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान में ~11.70 प्रतिशत हो गया है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने अपनी जीवंत उद्यमशीलता की भावना और तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ कई यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप का उदय देखा है, जो हमारी अर्थव्यवस्था और बाजारों को नया रूपाकार दे रहे हैं। यूनिकॉर्न की गिनती के मामले में भारत आज विश्व में तीसरे स्थान पर है और यहां ~347 बिलियन अमरीकी डॉलर(28801 करोड़) के संयुक्त मूल्यांकन के साथ 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।

पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को निर्देश दिया है कि वे अपस्ट्रीम,मिडस्ट्रीम,डाउनस्ट्रीम परिचालनों में आईओटी, व्यावसायिक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण, हरित ईंधन, वैकल्पिक ऊर्जा आदि जैसे क्षेत्रों में एक नए इकोसिस्टम को बढ़ावा दें। तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल 405 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड बनाए हैं। तेल और गैस पीएसयू 208 करोड़ रुपये के संवितरित मूल्य के साथ 232 स्टार्टअप का वित्त पोषण कर रहे हैं।

पुरी ने इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा वित्त पोषित टेक्नोलॉजी आधारित कंपनी वसीतार्स प्राइवेट लिमिटेड की सराहना की, जो खराब पाइपलाइनों की मरम्मत के लिए पेटेंट पंजीकृत नवाचार नैनो फिलर से युक्त पॉलिमर कम्पोजिट रैप का उपयोग करके ट्रांसमिशन पाइपलाइनों में सभी प्रकार के नुकसान के लिए पूर्ण इन-सीटू समग्र मरम्मत समाधान प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत में पाइपलाइन मरम्मत में क्रांति ला सकती है।

मंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग तेजी से बढ़ रही है और यह भविष्य के आर्थिक विकास के लिए ईंधन प्रदान करना जारी रखेगी। भारत तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, वह तीसरा सबसे बड़ा एलपीजी उपभोक्ता भी है, इसके अलावा वह चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक, चौथा सबसे बड़ा तेल शोधक और चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है। अगले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि में भारत का योगदान 25 प्रतिशत होगा।
भारत की डीकार्बनाइजेशन की यात्रा में ऊर्जा उद्योग की भूमिका का उल्लेख करते हुए, उन्होंने 2038 -2046 की अवधि के दौरान अपने शुद्ध शून्य उत्सर्जन - स्कोप 1 और 2 को प्राप्त करने के लिए तेल और गैस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की प्रतिबद्धताओं का उल्लेख किया।

जैव ईंधन के क्षेत्र में देश द्वारा तेजी से की गई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने कहा कि भारत आज इथेनॉल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपयोगकर्ता है, जिसका श्रेय पिछले पांच वर्षों में हुए लगभग तीन गुना उत्पादन को जाता है। पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण 2014 के 1.5 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान में ~11.70 प्रतिशत हो गया है।  हमने 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को 5 साल आगे बढ़ाकर 2025-26 कर दिया है और लगभग 5000 ईंधन स्टेशन पहले से ही ई20 ईंधन वितरित कर रहे हैं।

विश्व के पहले बीएस-6 चरण-2, विद्युतीकृत फ्लेक्स ईंधन वाहन के प्रोटोटाइप का उल्लेख करते हुए पुरी ने कहा कि देश बड़े पैमाने पर जैव ईंधन अपनाने के लिए फ्लेक्स-ईंधन वाहनों को प्रोत्साहित कर रहा है।
वैश्विक जैव ईंधन परिदृश्य को बदलने के लिए हाल ही में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका और ब्राजील के साथ भारत द्वारा शुरू किए गए ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (जीबीए) के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि यह सहयोगी मंच सर्वोत्तम प्रथाओं, टेक्नोलॉजी विकास और अनुकूलन, नीति सीखने और बाजार विकास जैसे प्रमुख पहलुओं पर ज्ञान साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा। जैव ईंधन गठबंधन हमें 500 अरब डॉलर के अवसर देगा, क्योंकि हम टेक्नोलॉजी हस्तांतरण की सुविधा देकर विश्व स्तर पर जैव ईंधन का उपयोग बढ़ाने में तेजी लाएंगे।

केपीएमजी के इनोवेशन एंड एनर्जी कॉन्क्लेव के 14वें संस्करण एनरिच 2023 में पुरी ने हरित हाइड्रोजन के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि हरित हाइड्रोजन एक और सतत ईंधन विकास अवसर है जहां भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार द्वारा शुरू किए गए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य 2030 तक पांच एमएमटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है और भविष्य ग्रीन हाइड्रोजन का ही है। पुरी ने हितधारकों से सामाजिक और पर्यावरणीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए भारतीय ऊर्जा उद्योग में निवेश के अवसरों का पता लगाने और सतत व्यवसाय करने का आग्रह किया है क्योंकि इसी के माध्यम से व्यवसाय भविष्य में पनपेंगे और जीवित रहेंगे।

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