तेलंगाना सरकार की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति – 'तेलंगाना इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा भंडारण (एनर्जी स्टोरेज) नीति 2020-2030' – 19 नवंबर से लागू होगी। राज्य के परिवहन मंत्री पोनम प्रभाकर ने 17 नवंबर को इस नीति की घोषणा की।
इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य हैदराबाद में प्रदूषण के स्तर को कम करना है। इसके तहत, तेलंगाना में खरीदे और पंजीकृत किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों को 31 दिसंबर 2026 तक पहले दो वर्षों के लिए रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस से 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
सरकार के आदेश के अनुसार, यह छूट इलेक्ट्रिक दोपहिया, चारपहिया, कमर्शियल पैसेंजर वाहन (जैसे टैक्सी), निजी कार, तिपहिया ऑटोरिक्शा, तीन-पहिया मालवाहक वाहन, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक बसों पर लागू होगी।
तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक बसों को अनिश्चितकालीन छूट दी जाएगी। वहीं, किसी उद्योग द्वारा केवल कर्मचारियों के परिवहन के लिए खरीदी गई बसों (गैर-वाणिज्यिक उपयोग के लिए) को भी 31 दिसंबर 2026 तक रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क से छूट मिलेगी। यह छूट वाहन संख्या पर निर्भर नहीं होगी।
प्रभाकर ने कहा,“इस नीति से उपभोक्ताओं को हर साल लगभग 1 लाख रुपये तक की बचत होगी। यह कदम हैदराबाद को दिल्ली जैसे प्रदूषित शहर बनने से रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।” तेलंगाना सरकार की यह नीति इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और राज्य में हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।