थ्री व्हील्स यूनाइटेड (टीडब्ल्यूयू) कंपनी ने ई-कॉमर्स उद्योग के लिए भारत के सबसे बड़े ईवी लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म ज़िन्गो के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी से इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, खासकर लास्ट माइल डिलीवरी (गंतव्य तक सामान पहुंचाने) करने वालों को इसका अधिक लाभ मिलेगा। इस साझेदारी के दौरान टीडब्ल्यूयू ड्राइवरों के लिए आवश्यक फाइनेंसिंग सॉल्यूशन प्रदान करेगा, और ज़िन्गो ड्राइवरों को वाहन रख-रखाव, चार्जिंग तक पहुंचने में सहायता करेगा।
ये दोनों साझेदार कंपनियां डिलीवरी करने वाले को आसान ऋण देने में मदद करेंगी, ताकि वे ईवी वाहनों को अपना सकें। उम्मीद की जा रही है कि इस साझेदारी से वित्त वर्ष 2023 के अंत तक दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में 2500 से अधिक ईवी व्हीलर्स सड़क पर दौड़ेगी।
एक रिसर्च ग्रुप और क्लीन मोबिलिटी कलेक्टिव के हाल में किए गए शोध में सामने आया कि भारत में लास्ट माइल डिलीवरी वाहन के कारण होने वाला उत्सर्जन वैश्विक औसत से बहुत अधिक है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत के शहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और चेन्नई का लास्ट माइल डिलीवरी के कारण होने वाला उत्सर्जन फ्रांस और कनाडा जैसे देशों की तुलना में अधिक है।
ज़िन्गो के सीईओ और संस्थापक प्रतीक राव ने कहा, “हम ई-कॉमर्स स्पेक्ट्रम में लास्ट माइल डिलीवरी सेवाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। इस पहल के लिए लास्ट माइल डिलीवरी में ईवी इकोसिस्टम के पैनल को सक्षम करने के लिए इस तरह के सहयोग की आवश्यकता है।”
थ्री व्हील्स यूनाइटेड के सीईओ और सह-संस्थापक सेड्रिक टैंडोंग ने कहा, “दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन के सबसे बड़े स्रोतों में से एक लास्ट माइल डिलीवरी है। उत्सर्जन में बड़े पैमाने पर कमी करने लिए सहयोग की आवश्यकता होती है। ज़िन्गो के साथ यह साझेदारी उस दिशा में एक कदम है। हम ज़िन्गो के साथ साझेदारी करने के लिए उत्साहित हैं।”
थ्री व्हील्स यूनाइटेड के प्लेटफार्म पर 50,000 से अधिक ड्राइवर हैं, जिन्हें कंपनी द्वारा सेवाएं प्रदान की जाती है। कंपनी का दावा है कि उसने 4000 से अधिक ऑटो-रिक्शा को फाइनांस किया है, जिसके परिणामस्वरूप 1,72,000 टन से अधिक कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है, और ड्राइवरों के लिए अतिरिक्त 7.1 करोड़ डॉलर की आय हुई है।