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- दिल्ली सरकार की ईवी योजना हमारे जैसे व्यवसायों के लिए आशाजनक तस्वीर पेश करती है - इरफान खान
ईवी को अपनाने में तेजी लाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) योजना पर eBikeGo के फाउंडर और सीईओ डॉ. इरफान खान ने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर योजना 2023 को हालही में मंजूरी देना सराहनीय है। सरकार ने दिल्ली को देश के इलेक्ट्रिक वाहन परिवर्तन की यात्रा में प्रमुख स्थान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। खान ने आगे कहा इसे लेकर विशेष रूप से उत्साहित हूं। नए बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। कमर्शियल वाहनों को विशेष रूप से दोपहिया वाहनों को शून्य-उत्सर्जन इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने को अनिवार्य करने का कदम पूरे भारत में हरित और टिकाऊ मोबिलिटी को बढ़ावा देने के eBikeGo के विजन के अनुरूप है।
योजना में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी सेवाओं को शामिल करना हमारे जैसे व्यवसायों के लिए एक आशाजनक तस्वीर पेश करता है, जिससे ईवी क्षेत्र में अवसरों और संभावित प्रभाव का विस्तार हो सकता है। इस तरह की पहल के साथ, दिल्ली न केवल अन्य शहरों के लिए एक मानक स्थापित कर रही है, बल्कि देश में विद्युत क्रांति की गति को भी बढ़ावा दे रही है।मेरा दृढ़ विश्वास है कि, सरकार और eBikeGo जैसे हितधारकों के संयुक्त प्रयासों से, स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भविष्य का सपना हमारी समझ में है।
योजना के अनुसार, दिल्ली सरकार का लक्ष्य अगले छह महीनों में उबर और ओला जैसी कंपनियों द्वारा संचालित बेड़े में ईवी में पांच प्रतिशत की वृद्धि हासिल करना है। सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 50 प्रतिशत अपनाने की दर तक पहुंचने और पांच वर्षों में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बेड़े में परिवर्तन करने का है। इस पहल में वर्ष 2030 तक डिलीवरी वाहनों सहित सभी कमर्शियल श्रेणियों का पूर्ण विद्युत रूपांतरण शामिल है। यह नीति दिशानिर्देशों के साथ दिल्ली में बाइक टैक्सियों को कानूनी दर्जा देने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों को यात्रियों और ड्राइवरों के लिए मोटरसाइकिल के रूप में पंजीकृत किया जाएगा और चालक को परिवहन विभाग द्वारा जारी यात्री सेवा वाहन बैज की आवश्यकता होगी।
दिल्ली सरकार ने कहा दिल्ली सभी एग्रीगेटर्स के कमर्शियल वाहनों के बेड़े के समय के अनुसार परिवर्तन को अनिवार्य करने वाला भारत का पहला राज्य और विश्व स्तर पर बहुत कम शहरों में से एक बन गया है।
इस योजना को मंजूरी मिलने के बाद इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के शेयर 19 अक्टूबर को चार प्रतिशत से अधिक गिरकर 459 रुपये पर आ गए, जो संभावित रूप से राजधानी में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस गैस (सीएनजी) की बिक्री पर प्रभाव डाल सकते है।
जानिए दिल्ली सरकार की ईवी योजना के बारे में
दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर योजना दिल्ली में यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाले एग्रीगेटरों और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को व्यापक रेगुलेशन और लाइसेंसिंग के लिए एक प्लेटफार्म मुहैया कराएगी।इस नीति से एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कॉमर्स संस्थाओं के कमर्शियल फ्लीट्स को समयानुसार इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना होगा।
योजना की मुख्य विशेषताएं
1.योजना के तेहत सेवा प्रदाताओं को वायु प्रदूषण को कम करने और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए कमर्शियल फ्लीट्स को समयानुसार समयानुसार इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना होगा। दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स की पूरी फ्लीट 2030 तक इलेक्ट्रिक हो जाएगी।
2.सभी एग्रीगेटर्स को केवल इलेक्ट्रिक वाहन बाइक टैक्सी चलाने की ही अनुमति होगी। इसके साथ ही उन्हें योजना में दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
3.सर्विस क्वालिटी के लिए सख्त मानक रखे गए हैं। इनमें वाहनों की साफ-सफाई, ड्राइवर का व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों के समय पर समाधान शामिल है। सार्वजनिक सुरक्षा- इस योजना में यात्रियों की सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है।
यह योजना दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होगी। इसमें उन सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाएगा जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन ( दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया, बसों को छोड़कर) हैं। इसके अलावा, एप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल माध्यम का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए किया जाएगा हैं।
सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना के नोटिफिकेशन के 90 दिनों में परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है।
योजना के अनुसार, एग्रीगेटर्स के लिए नए बेड़े में दोपहिया ईवी को शामिल करने का लक्ष्य 100 प्रतिशत तय किया गया है। जबकि तीन पहिया वाहनों के नए बेड़े में छह महीने में 10 प्रतिशत ईवी, दो साल में 50 प्रतिशत और चार साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करना होगा। इसी तरह चार पहिया वाहनों के बेड़े में छह महीने के अंदर पांच प्रतिशत, तीन साल में 50 प्रतिशत और पांच साल में 100 प्रतिशत ईवी को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। पुराने और नए सभी एग्रीगेटर्स को अपने पूरे बेड़े को एक अप्रैल, 2030 तक 100 प्रतिशत ईवी में बदलना होगा।
नियम उल्लंघन पर 5,000 से 100,000 रुपये पेनल्टी का प्रावधान बनाया गया है। दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर योजना 2023 शहर के सस्टेनेबल मोबिलिटी के साथ ही कुशल परिवहन में परिवर्तन के प्रयासों में एक बड़ा कदम है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सर्विस की क्वालिटी पर खास ध्यान दिया गया है। इसके लागू होने से पर्यावरण और दिल्ली के लोगों को काफी लाभ होगा।
सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना के नोटिफिकेशन के 90 दिनों में परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है।