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- दिल्ली सरकार ने उद्यमियों को वित्तीय सहायता देने के लिए स्टार्टअप पॉलिसी को दी मंजूरी
अपनी पढाई के साथ- साथ छात्र अब खुद के व्यवसाय के बारे में भी सोच सकते है और दिल्ली सरकार की मदद से वह अपने कॉलेज के दौरान बिज़नेस आईडिया को तैयार कर सकते है और अपने आने वाले भविष्य को अच्छा बना सकते है। पहले का समय याद करे तो छात्र अपने कॉलेज पूरा करने के बाद ही नौकरीयों के बारे में सोचते है लेकिन खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना कई छात्रों का अधूरा ही रह जाता था। छात्र नौकरी करने के साथ-साथ ही अपने व्यवसाय को चलाने की कोशिश करते थे लेकिन पूंजी के कारण वह अपने व्यवसाय को नही चला पाते थे या फिर आप ये भी कह सकते है की कॉलेज पूरा होने के बाद ही वह अपने भविष्य के बारे में सोचते है, लेकिन अब ऐसा नही होगा क्योकि बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम और एंटरप्रिन्योरशिप की पढाई अब कॉलेजों में भी शुरू की जाएंगी। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान छात्र बिजनेस आइडियाज तैयार कर सकेंगे और दिल्ली सरकार उनकी पूरी तरह से मदद करेगी।
दिल्ली सरकार ने स्टार्टअप पॉलिसी को लॉन्च किया है और अब वह बिना गारंटी के को-लेटरल फ्री लोन दिलाने में मदद करेगी, जो एक साल के लिए ब्याज मुक्त होगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकीलों, विशेषज्ञओं आदि का पैनल बनाया जाएगा, जहां स्टार्टअप को मुफ्त मदद दी जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पॉलिसी का उद्देश्य कंपनियां बनाने के लिए युवाओं को वित्तीय मदद देना है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में चलाए जा रहे ‘बिजनेस ब्लास्टर’ कार्यक्रम का विस्तार कॉलेज के छात्रों तक किया जाएगा जिससे वे व्यवसाय के अपने विचारों पर काम कर सकें और कारोबार शुरू करने के लिए शुरूआती फंड सरकार से ले सकें।
कॉलेजों में पढ़ने वाला कोई बच्चा अगर स्टार्टअप करना चाहता है, तो वो एक से दो साल तक की छुट्टी भी ले सकता हैं। एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जहां स्टार्टअप पॉलिसी में रजिस्टर करने के लिए आवेदन करना होगा। दिल्ली के सीएम ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में दिल्ली के युवा एक यूनिकॉर्न बनाएंगे। दिल्ली से बड़ी-बड़ी कंपनियां निकलेंगी और खूब तरक्की करेंगी। मंत्रिमंडल बैठक में उद्योग विभाग द्वारा रखे दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी-2021 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी 2021 के संबंध में कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारे देश की उम्मीद और भविष्य हमारे युवा हैं। युवाओं में बहुत क्षमता है, बहुत ही बुद्धिमान और मेहनती हैं। लेकिन हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था और पूरा सिस्टम और राजनीति इस तरह की है कि हमारे देश का युवा आज बेरोजगार घूम रहा है और नौकरी ढूंढने के लिए दर-दर की ठोंकरें खा रहा है। दिल्ली में हमने बिजनेस का माहौल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस बार दिल्ली के बजट में दिल्ली के अंदर बिजनेस का माहौल बनाने और नई उर्जा पैदा करने के लिए बहुत सारे प्रावधान किए गए हैं। कई मार्केट्स को विकसित किया जा रहा है।
पॉलिसी का उद्देश्य
दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी 2021 का उद्देश्य 2030 तक दिल्ली को ग्लोबल इनोवेशन और स्टार्टअप हब बनाना है,ताकि एक मजबूत तंत्र के माध्यम से इनोवेशन आधारित अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जा सके और 15 हजार स्टार्टअप को मदद देकर उन्हें प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा एंटरप्रिंन्योरशिप के नए रास्ते पैदा कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करना है। शुरुआती शिक्षा से ही सीखने के लिए अनुकूल वातावरण, फंडिंग, नवीन विचारों को बढ़ावा देना, प्रोएक्टिव एंगेजमेंट, अकादमिक और उद्योग, अत्याधुनिक इन्क्यूबेशन की स्थापना के अलावा स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनाना है।एजुकेशन टेक्नॉलॉजी, हेल्थकेयर टेक्नॉलॉजी, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, परिवहन, मोटर वाहन, व्यापार और नागरिकों को जोडऩे के लिए के लिए ई-गवर्नेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स सर्विस के रूप में सॉफ्टवेयर, फिनटेक, रोबोटिक्स और ओटोमेशन, ग्रीन टेक्नॉलॉजी, बायो फार्मा और मेडिकल डिवाइस, आईटी और आईटीईएस क्षेत्र शामिल हैं।
पॉलिसी गवर्नेंस मैकेनिज्म के लिए तीन कमेटियों का गठन होगा। इसमें स्टार्टअप पॉलिसी मॉनिटरिंग समिति, स्टार्टअप टास्क फोर्स औऱ नोडल एजेंसी शामिल हैं। दिल्ली स्टार्टअप पॉलिसी की निगरानी के लिए स्टार्टअप पॉलिसी मॉनिटरिंग समिति बनेगी। इसकी अध्यक्षता दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री करेंगे। उद्योग मंत्री और दूसरे राज्य विभाग के वरिष्ठ प्रतिनिधि सदस्य शामिल होंगे। इसके अलावा, स्टार्टअप टास्क फोर्स की अध्यक्षता के लिए दिल्ली सरकार के उद्योग मंत्री द्वारा एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। कमेटी में पांच प्रतिशत सरकारी प्रतिनिधि, 10 प्रतिशत शैक्षणिक संस्थान और 85 प्रतिशत निजी क्षेत्र से लोग शामिल होंगे। कमेटी का मुख्य कार्य मान्यता प्राप्त उद्यमी, स्टार्टअप और इन्क्यूबेटर्स के आवेदनों का मूल्यांकन और अनुमोदन करना होगा। नोडल एजेंसी में उद्योग विभाग की निगरानी में एक सेल स्टार्टअप पॉलिसी को लागू करने के लिए होगा। इसका स्टार्टअप और हितधारकों से सीधा संपर्क होगा।
सरकार लीज रेंटल पर 50 प्रतिशत तक रीइंबर्समेंट देगी, जो अधिकतम 5 लाख रुपए तक प्रति वर्ष हो सकता है। पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, इंडस्ट्रियल डिजाइन करने के लिए एक लाख रुपए तक भारत में और तीन लाख रुपए तक विदेश में रीइंबर्समेंट दिया जाएगा। महिलाओं, वंचित वर्ग या विकलांग व्यक्तियों को 100 प्रतिशत और अन्य के लिए 50 प्रतिशत से 5 लाख रुपए तक साल में एक बार प्रदर्शनी स्टाल या किराए की लागत की रीइंबर्समेंट दी जा सकती है। एक वर्ष तक परिचालन या कर्मचारी के लिए मासिक भत्ता के तौर पर 30 हजार रुपए प्रतिमाह दी जा सकती है। प्रतिस्पर्धी कार्यक्रमों के विजेता और चयनित लोगों को टोकन पुरस्कार दिया जाएगा। विजेता छात्रों के शैक्षिक शुल्क के लिए छात्रवृत्ति, फैब्रिकेशन लैब और को-वर्किंग स्पेस के लिए वित्तीय सहायता, इंटरनेट का चार्ज भी दिया जा सकता है, जो 50 प्रतिशत से ज्यादा 2.5 लाख रुपए तक प्रतिवर्ष हो सकता है और यह सुविधा तीन साल के लिए होगी। इससे पहले दिल्ली सरकार ने बिज़नेस ब्लास्टर्स शो के बारे में भी चर्चा करी थी
बिज़नेस ब्लास्टर्स क्या है
बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोजेक्ट 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए है और एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम एक प्रेक्टीकल कम्पोनेंट है, जहां छात्र एक ऐसे विचार पर निर्माण करने के लिए सीड फंड (प्रत्येक 2000 रुपये) लगाएंगे जो लाभ उत्पन्न करता है, या एक सामाजिक समस्या को हल करता है।
बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोजेक्ट ईएमसी छात्रों को मूल्य बनाकर अपनी समस्या को सुलझाने की क्षमता का प्रदर्शन करने में सक्षम करता है।
1. इनोवेशन जो कई जरूरतों या समस्याओं पर लागू किया जा सकता है।
2. बाज़ार में किसी आवश्यकता की पहचान करना और उसे पूरा करना।
3. एक कम्युनिटी में किसी समस्या को उठाना और उसे हल करना।
छात्र बाजार में कुछ उपभोक्ताओं या सामाजिक समस्या से प्रभावित लाभार्थियों के समूह को टारगेट कर सकते हैं। बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की शुरूआत करने से पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि अगर हम देश के सभी स्कूलों में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम एंड बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू करें, तो वह दिन दूर नहीं जब हम अपनी पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाएंगे कि भारत एक विकासशील देश नहीं बल्कि एक विकसित देश बनेगा। हम जल्द ही दिल्ली के स्कूल से बच्चों को नौकरी पाने के लिए लाइन में लगने के बजाय दूसरों को नौकरी देते हुए देखेंगे। तभी देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना भी पूरा होगा और बेरोज़गारी की समस्या भी ख़त्म होगी।
बिजनेस ब्लास्टर शो हर रविवार को शाम 7 बजे आता है। लोग इसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। इस शो में स्कूल के छात्रों की उद्यमशीलता का प्रसार कर रहा है। लाइट स्पीड इंडिया कंपनी के देव खरे ने कहा कि किसी भी कारण से मैं बिजनेस ब्लास्टर्स से अधिक प्रेरित हूं. यह दिल्ली के स्कूल के छात्रों की उद्यमशीलता का प्रसार कर रहा है।
बिजनेस ब्लास्टर्स शो इन्वेस्टर्स के सामने प्रोजेक्ट्स को प्रस्तुत करने का मौका देता है। बिजनेस ब्लास्टर्स के जरिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स में टीम वर्क, लीडरशिप, ब्रेन-स्टोर्मिंग, क्रिटिकल-थिंकिंग स्किल्स विकसित होती है। वहीं, बिजनेस ब्लास्टर्स शो भारत में अपनी तरह का पहला टेलीविजन कार्यक्रम है, जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 11वीं और 12वीं के छात्रों को इन्वेस्टर्स के सामने अपने प्रोजेक्ट्स को प्रस्तुत करने का अवसर देता है, जिससे उन्हें निवेश भी मिलता है। इस शो में करीब 3 लाख स्टूडेंट्स के 51 हजार बिज़नेस आइडियाज में से कुछ बेहतरीन बिज़नेस आइडियाज को दिखाया जा रहा है।
एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम क्या है
एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (ईएमसी) 2019 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में ग्रेड 9-12 के लिए पेश किया गया था, ताकि छात्रों को अपने करियर चुनने और अपनी क्षमता का पूरी तरह से पता लगाने में सक्षम बनाया जा सके। करिकुलम छात्रों में एक समस्या-समाधानकर्ता की मानसिकता को विकसित करने की उम्मीद करता है। यह गुणों और क्षमताओं का सम्मान करने पर ध्यान देता है जैसे कि अवसरों की पहचान करना, कुछ नया करने की कोशिश करना, असफलताओं से पीछे हटना और दृढ़ता-छात्रों को व्यवसाय या नौकरी में सफल होने में मदद करना।
एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (ईएमसी) छात्रों को नौकरी चाहने वालों के लिए नहीं, बल्कि नौकरी देने के लिए तैयार करने की उम्मीद करता है।इस तरह से छात्र अपनी पढाई के साथ-साथ अपने व्यवसाय को शुरू करने की प्लेनिग भी कर सकते है और अब उन्हे सोचने की जरूरत नहीं पढ़ेगी की कौन सा कोर्स उनके भविष्य के लिए अच्छा होगा और हमे इस कोर्स को करने से किस तरह की नौकरी मिलेगी। दिल्ली सरकार की इस पहल से छोत्रों को अपनी मंजिल तक जाने का रास्ता अपनी पढ़ाई के दौरान मिल सकता है और 12वी की पढ़ाई को पूरा करने के बाद वह अपने करियर के संपने को पूरा कर सकते है।