दिल्ली सरकार ने मौजूदा ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक विकल्पों से बदलने की योजना को मंजूरी दी है, जो राजधानी में स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय इसीलिए लिया गया है क्योंकि मौजूदा ग्रामीण सेवा वाहन अपनी 15 साल की उम्र के अंत के करीब पहुंच रहे हैं और उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा दिल्ली सरकार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पुराने ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलकर, हम न केवल प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, बल्कि यात्रियों के यात्रा अनुभव को भी बेहतर बना रहे हैं। ये नए इलेक्ट्रिक वाहन अधिक आराम और कुशलता प्रदान करेंगे, जिससे दिल्ली के निवासियों की जीवन की गुणवत्ता (क्वालिटी) में सुधार होगा।
सरकार ने प्रतिस्थापन प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं। जो ग्रामीन सेवा वाहन के मालिक इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तन करना चाहते हैं, उन्हें ऑनलाइन एक बिना चेहरे वाले प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवेदन करना होगा, जिसमें वेरिफिकेशन के लिए आधार का उपयोग किया जाएगा। यदि आधार उपलब्ध नहीं है, तो एक नामांकन आईडी का उपयोग किया जा सकता है।
आवेदन जमा करने के बाद, पंजीकरण प्राधिकरण सात दिनों के भीतर एक नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) जारी करेगा। यह प्रमाणपत्र सुनिश्चित करता है कि वाहन पर कोई बकाया कर, जुर्माना या कानूनी मुद्दे नहीं हैं और यह नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) डेटाबेस में साफ है। यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो मालिक को सूचित किया जाएगा और उन्हें उसी समय सीमा के भीतर इसे हल करना होगा।
NDC प्राप्त करने के बाद, मालिकों को 15 दिनों में अपने वाहन को एक अधिकृत स्क्रैपिंग सुविधा में ले जाना होगा। वाहन के स्क्रैप होने पर एक डिपॉजिट सर्टिफिकेट (COD) जारी किया जाएगा।
NDC और COD प्राप्त करने के बाद, मालिक किसी भी अधिकृत डीलर से नया इलेक्ट्रिक ग्रामीन सेवा वाहन खरीद सकते हैं, जो छह यात्रियों को ले जा सकता है। खरीद के बाद, उन्हें वाहन के पंजीकरण के लिए उसी बिना चेहरे वाली प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन करना होगा, जिसमें NDC, COD, आधार, कर चालान और वाहन निर्माता से संबंधित दस्तावेज़ प्रदान करने होंगे।
पंजीकरण प्राधिकरण इन जानकारियों की जांच करेगा और ग्रामीण सेवा योजना के तहत वाहन का पंजीकरण अपडेट करेगा। यह पुराने वाहन के लिए जिस रूट पर परमिट था, वही परमिट नए वाहन के लिए भी जारी करेगा। वर्ष 2011 में शुरू किए गए ग्रामीन सेवा वाहन मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, अनधिकृत कॉलोनियों और JJ क्लस्टरों में काम करते हैं, जिनकी संख्या वर्तमान में दिल्ली में 2,000 से अधिक है।