केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत, दुबई में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का ऑफिस शुरू करने की योजना बना रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बुधवार को अबू धाबी में यूएई के अर्ली एजुकेशन स्टेट मिनिस्टर (एमओएस) और अबू धाबी डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन और नाॅलेज (एडीईके) के चेयरमैन सारा मुसल्लम से मुलाकात की।
प्रधान ने कहा कि मुसल्लम के साथ हुई चर्चा आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस को आगे बढ़ाने को लेकर भारत की ओर से दी जाने वाली सहायता की आवश्यकता पर केंद्रित थी। हमारी योजना है कि दुबई में सीबीएसई का ऑफिस शुरू करें ताकि सीबीएसई संबद्ध भारतीय स्कूलों को यूएई में चलाने में किसी भी तरह की समस्या न आए और एडीईके का पूरा साथ भी उन्हें प्राप्त हो। उन्होंने कहा, यूएई की सहायता से अमीरात में रह रहे भारतीय बच्चों को भारतीय स्कूलों में पढ़ाने से भारतीय पाठ्यक्रम और जड़ों से उन्हें जोड़े रखने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी कैंपस भारत और यूएई की दोस्ती का उदाहरण प्रस्तुत करेगी। प्रधान ने एक्स पर लिखा, "एमओएस फोर अर्ली एजुकेशन और अबू धाबी डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन एंड नाॅलेज (एडीईके) के चेयरपर्सन सारा मुसल्लम से अबू धाबी में मिलकर अच्छा लगा। हमारे द्विपक्षीय समझौते के सबसे मजबूत स्तंभ के रूप में शिक्षा को स्थापित करने और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने पर हमारी चर्चा उपयोगी रही। सारा मुसल्लम और मैं, दोनों शिक्षा के क्षेत्र में हुए इस समझौते को आगे ले जाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।"
केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने बुधवार को अबू धाबी स्थित आईआईटी दिल्ली कैंपस का दौरा भी किया। उन्होंने यूएई के शिक्षा मंत्री अहमद अल फलासी से भी मुलाकात की। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षिक सहयोग को मजबूती प्रदान करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यहां छात्रों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराने और शिक्षकों की उन तक पहुंच को आसान बनाने संबंधी मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा दोनों देशों की मदद से संयुक्त शोध कार्यक्रम, डिजाइनिंग कोर्सेस, सम्मेलन आयोजित करना और उसमें भाग लेना, लेक्चर्स, सिम्पोजिया, कोर्सेस, अलग-अलग क्षेत्रों में विज्ञान और शिक्षा से जुड़ी प्रदर्शनियां आयोजित करने की बात भी की गई। इस दौरान प्रधान 42 अबू धाबी स्कूल पहुंचकर वहां की विशेष शिक्षा शैली को समझने का प्रयास करते दिखे।
यूएई के शिक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, प्रधान ने कहा कि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट। इस लिहाज से दोनों देशों को अपने सभ्यतागत जुड़ावों को मजबूत करने के लिए एक ज्ञान सेतु निर्मित करने हेतु साथ मिलकर काम करना चाहिए। दोनों मंत्रियों ने शिक्षा और कौशल विकास में द्विपक्षीय गतिविधियों की समीक्षा की। जी-20 इंडिया के हिस्से के रूप में चौथी ईडीडब्ल्यूजी के दौरान अलग से हुई बैठक के दौरान जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई थी, उनकी प्रगति की समीक्षा हुई। उन्होंने शैक्षणिक और कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता, यूएई में भारतीय संस्थानों की मान्यता के लिहाज से हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इस क्षेत्र में निरंतर काम करने की ज़रूरत बताई। दोनों मंत्रियों ने संस्थागत तंत्रों को सुदृढ़ करने और छात्रों तथा कार्यबल की सुगम गतिशीलता के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
प्रधान ने अबू धाबी इंडियन स्कूल (एडीआईएस) में छात्रों और शिक्षकों के साथ सार्थक चर्चा की। प्रधान ने कहा कि अबू धाबी में भारतीय समुदाय के सबसे बड़े स्कूलों में से एक, एडीआईएस भारतीय छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन कर रहा है और उन्हें भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात, दोनों देशों की संस्कृति, मूल्यों एवं लोकाचार से ओतप्रोत कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये छात्र, भविष्य के वैश्विक नागरिक और भारत एवं इसके सभ्यतागत लोकाचार के दूत हैं। बाद में, केन्द्रीय मंत्री ने उड़िया समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।