जहां अधिकांश शिक्षक छात्रों को पढाते समय आज बहुभाषावाद और सीमित संज्ञानात्मक क्षमता के साथ संघर्ष करते दिखते हैं, वहीं एआई (AI) रोबोट ने असीमित ज्ञान के स्रोत के रूप में अपनी खास जगह बना ली है। आज के उद्यमी शिक्षा के क्षेत्र में एआई बाजार के इस अंतर से अच्छी तरह वाकिफ हैं। वास्तव में, पश्चिमी देशों ने तो पहले से ही अपनी कक्षाओं और व्याख्यान कक्षों में एआई शिक्षकों को तैनात करना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत के लिए यह अभी भी नया है।
हालांकि, AI (एआई) अपनाने वालों की इस सूची में अब एक और नया नाम जुड़ गया है। खुशी की बात यह है कि यह हमारे देश के केरल राज्य में देखने को मिला है। केरल, जोकि पहले से ही देश में अपनी उच्च शिक्षा गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की इस नवीन शिक्षा में एक बड़ी छलांग लगाई है और अपने पहले ह्यूमनॉइड एआई शिक्षक, आइरिस को पेश किया है।
वास्तव में एक बहुमुखी शिक्षकः
तिरुवनंतपुरम के केटीसीटी हायर सेकेंडरी स्कूल में देश की पहली एआई शिक्षक आइरिस का अनावरण किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इससे छात्रों पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव और उत्साह देखने को मिलेगा।
खास यह है कि एआई टीचर आइरिस (IRIS), तीन अलग-अलग भाषाओं (अंग्रेजी, हिंदी और मलयालम) में धाराप्रवाह बोल सकती है और आसानी से जटिल प्रश्नों का उत्तर भी दे सकती है। इसका सबसे उल्लेखनीय गुण, व्याख्यानों को प्राकृतिक और जैविक बनाते हुए व्यक्तिगत तरीके से संवाद करने की इसकी क्षमता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आइरिस बिना किसी त्रुटि के छात्रों के प्रश्नों को हल कर सकती है, बातचीत कर सकती है और उनका उत्तर दे सकती है।
आश्चर्यजनक रूप से, यह दावा करता है कि छात्र इस एआई रोबोट टीचर से इतने प्रभावित हैं कि एआई शिक्षक द्वारा ली गई कक्षाओं में एक भी बच्चा अनुपस्थित नहीं होता। विशेष यह है कि एआई टीचर आइरिस नर्सरी से कक्षा 12 तक के छात्रों को को हर विषय पढ़ा सकती है। इसके अलावा, आइरिस ड्रग्स और हिंसा जैसी स्पष्ट सामग्री को भी फ़िल्टर कर सकती है।
नीति आयोग की परियोजनाः
बता दें कि केंद्र सरकार की यह परियोजना नीति आयोग द्वारा शुरू की गई थी। उन्होंने कल्पना की थी कि आने वाले समय में भारत का भविष्य यानी हमारी युवा पीढ़ी, नवाचार और उद्यमिता संबंधी कौशल विकास में लंबी छलांग लगा सकें। मेकरलैब्स एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी में, इस परियोजना का उद्देश्य आइरिस को संभव बनाना था। यह खुद को स्थापित करने के लिए संघर्षरत भारतीय शिक्षा क्षेत्र में एआई की प्रगति की उल्लेखनीय खबर है, जिसे सुनकर हर भारतीय के मन में देश के प्रति उत्साह और जोश में बढ़ोतरी होती देखी जा सकती है।
मेकरलैब्स ने अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर पोस्ट किया, "आइरिस के साथ, हमने वास्तव में व्यक्तिगत रूप से सीखने का अनुभव बनाने के लिए एआई की शक्ति का उपयोग करके शिक्षा में क्रांति लाने का फैसला किया है।
आइरिस (IRIS) के निर्माता, मेकरलैब्स, एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहां मानव जैसे रोबोट, शैक्षिक वातावरण के अनुरूप वॉयस असिस्टेंट जैसी नवीन सुविधाओं के माध्यम से भारतीय शिक्षा प्रणाली पर बोझ को कम करते हैं।
मेकर्सलैब एडुटेक की साहसिक दृष्टिः
दिसंबर 2020 में स्थापित, मेकरलैब्स एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड (एमईपीएल) केरल स्थित एक एड-टेक स्टार्टअप है। दुनिया की स्टेम लर्निंग सिस्टम को बदलने को लेकर आतुर यह समूह, हर उम्र के शिक्षार्थियों को डिजिटल युग में अन्वेषण, निर्माण और नवाचार करने के लिए सशक्त बनाने को समर्पित है।
कंपनी के पहले के नवाचारों में से एक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और व्यवसाय में रुचि रखने वाले बच्चों के लिए डिज़ाइन किए गए एसटीईएम कोर्स में सिखाए जाने वाले ज्ञान की एक श्रृंखला है। हालांकि, आइरिस उनका नवीनतम नवाचार था, जिसने उन्हें प्रसिद्धि और सफलता पाने के लिए प्रेरित किया। आइरिस के रूप में यह दुनिया के पहले एआई (AI) रोबोट शिक्षक IRIS को डिजाइन करने का दावा करता है।