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- देशभर से विश्वविद्यालयों की 32 टीम ने हैकथॉन में तलाशे रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान
स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2023 का ग्रैंड फिनाले हुआ संपन्न
शिक्षा मंत्रालय की ओर से हाल ही में एक पहल की गई। यह थी 36 घंटे की नॉन-स्टॉप सॉफ्टवेयर उत्पाद विकास प्रतियोगिता, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एसआईएच)-2023। इसका ग्रैंड फिनाले एमिटी यूनिवर्सिटी के नोएडा परिसर में संपन्न हुआ। इसमें बंसीलाल रामनाथ अग्रवाल चैरिटबल ट्रस्ट, विश्वकर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से टीम डिफेंसिफाई, ईश्वरी इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुवल्लूर, तमिलनाडु से टीम डोनट, पंधी द्वारका प्रसाद मिश्रा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और विनिर्माण संस्थान, जबलपुर मध्य प्रदेश से टीम ओवरलोडेड सहित अन्य संस्थानों की 7 टीमों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग, कांचीपुरम तमिलनाडु से टीम अनकोडर, गलगोटियास कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा से टीम मोनोलिथ, महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट दिल्ली से टीम लाइव-वायर, वेलाम्मल इंजीनियरिंग कॉलेज तिरुवल्लूर से टीम रेस्क स्क्वाड तमिलनाडु को विजेता घोषित किया गया और विजेता टीमों को उनकी नई परियोजनाओं के लिए ट्रॉफी के साथ-साथ एक लाख रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार वितरित करते समय डायरेक्टर जनरल डॉ. नवीन कुमार सिंह नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआईआईपीसी), सरकार। ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से छात्रों को बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का एक मात्र यह उद्देश्य होता है कि इसके जरिए हम छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान कर सकें, जहां वह हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले वास्तविक जीवन के मुद्दों पर बात कर सकें। साथ ही इस दौरान आने वाली समस्याओं पर बात करने के साथ ही उनके समाधान पर भी चर्चा कर सकें। उन्होंने प्रतियोगिता में असफल रहने वाली टीमों से कहा कि उन्हें असफलता से निराश नहीं होना चाहिए क्यूंकि प्रतियोगिता में भाग लेना जीतने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
हैकथॉन को लेकर एमिटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ बलविंदर शुक्ल ने कहा कि इस प्रतियोगिता के जरिए संस्था में भारत की दो प्रतिशत प्रतिभाएं जो बेमिसाल हैं, वह सामने आईं। यहां उनकी एक नई यात्रा शुरू हुई, जहां उन्होंने न केवल नए लोगों को जाना-समझा बल्कि राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को समझते हुए उनके समाधान भी बेहतरीन अंदाज में खोज निकाले।
प्रतियोगिता में देशभर से 32 टीमों ने भाग लिया। इसमें वीआईटी आंध्र प्रदेश, आईआईआईटी - डिजाइन और विनिर्माण, कांचीपुरम, तमिलनाडु, भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दुर्ग, आईआईआईटी कल्याणी, अमृता स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, कोच्चि, आईआईटी चेन्नई, भारती विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली, महाराजा सूरजमल इंस्टीट्यूट, दिल्ली, एनआईटी त्रिची, सहित कई अन्य प्रसिद्ध संस्थानों के 192 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस मौके पर प्रतिभागियों को कोडिंग के माध्यम से नई तरह की सोच के जरिए वास्तविक समय में समाधान खोजने के लिए ब्लॉक चेन, साइबर सुरक्षा और स्मार्ट ऑटोमेशन पर समस्याएं दी गई थीं।
44हजार विचारों ने दर्ज कराई अपनी उपस्थिति
नोडल सेंटर हेड साजिद अली के पठान ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 44 हजार विचारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसमें से 15 सौ विचारों का चयन किया गया, जो यह दर्शाता है कि भारत की केवल दो प्रतिशत प्रतिभाएं ही हैं जो यह नए तरीके से वर्तमान की समस्याओं को सुलझाने के लिए सोचती हैं। इन हैकथॉन के आयोजन के जरिए रियल टाइम सॉल्यूशन पर जोर दिया जाता है। इनमें आने वाले नवोन्मेषी विचारों को मंत्रालय व स्टार्टअप द्वारा अपनाया जाता है।