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- धर्मेंद्र प्रधान ने IIM Mumbai में कहा- नौकरी करने वाले नहीं, देने वाले बनें
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आईआईएम मुंबई के प्रथम दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और कहा कि भारत दुनिया की सबसे विकसित अर्थव्यवस्था बन सकती है और विकसित भारत में हम दुनिया को साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने नए स्नातकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे युवाओं को नौकरी करने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनना चाहिए।
साल 1963 में स्थापित आईआईएम मुंबई के पहले दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने साल 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत बनाने के सपने को पूरा करने में शिक्षा और तकनीक के योगदान को अहम् माना। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे विकसित अर्थव्यवस्था बन सकती है और विकसित भारत में हम दुनिया को साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने नए स्नातकों का आह्वान किया कि नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में समारोह में संस्थान के 1013 छात्रों को स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान की गई।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईएम मुंबई के स्नातकों की राष्ट्र निर्माण के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने देश में युवाओं के नेतृत्व वाली वृद्धि और विकास के बारे में भी बताया। दीक्षांत समारोह में सभी स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 32 फेलो छात्र, 955 स्नातकोत्तर (पीजीडीआईई) विद्यार्थी, पीजीडीआईएम, पीजीडीएमएम, पीजीडीपीएम और पीजीडीएसएम और 26 वीएलएफएम छात्र शामिल थे।
भारतीय प्रबंधन संस्थान मुंबई (IIM मुंबई) को शैक्षिक उत्कृष्टता का केंद्र माना जाता है, जिसने देश के शैक्षिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उद्योग की जरूरतों को पूरा करने वाले कार्यपालक कार्यक्रम, तीन एमबीए कार्यक्रम, वैश्विक और राष्ट्रीय प्रमाणन कार्यक्रमों की IIM मुंबई पेशकश करता है। संस्थान शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से योगदान देता है। यही कारण है कि NEP-2020 के साथ संरेखित करने की प्रतिबद्धता के साथ IIM मुंबई को Logistics और Supply Chain Management में क्षमता निर्माण के लिए नोडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है।