- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- नवाचार और अंतःविषय अनुसंधान पर IIT तिरुपति का ध्यान सराहनीय: प्रधान
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिये आईआईटी तिरुपति के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, "आईआईटी तिरुपति के चौथे और पांचवें संयुक्त दीक्षांत समारोह में शामिल होकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई। आज स्नातक करने वाले दोनों बैचों के सभी छात्रों को मैं बधाई और शुभकामनाएं देना चाहता हूं। मुझे विश्वास है कि आईआईटी तिरुपति के छात्र धन सृजन करने वालों में बदल जाएंगे और विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।"
उन्होंने कहा, हमें खुशी है कि हमारे नए आईआईटी तेजी से परिपक्व हो रहे हैं और उत्कृष्टता के केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। नवाचार और अंतःविषय अनुसंधान पर आईआईटी तिरुपति का ध्यान सराहनीय है। मुझे विश्वास है कि आईआईटी तिरुपति जैसे संस्थान भी सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के उत्प्रेरक में बदल जाएंगे, जो युवा शक्ति की ऊर्जा को वैश्विक कल्याण और मानवता की सेवा के लिए उपयोग करेंगे। वह "स्मार्ट विनिर्माण और इलेक्ट्रिक वाहन" पर केंद्रित उत्कृष्टता केंद्र का भी उद्घाटन करेंगे।
आईआईटी तिरुपति का स्थायी परिसर
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 20 फरवरी, 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आईआईटी तिरुपति का स्थायी परिसर राष्ट्र को समर्पित किया था। प्रधानमंत्री ने 20 फरवरी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भिलाई), आईआईएसईआर बेरहमपुर और रायपुर (छत्तीसगढ़) में दो नवनिर्मित केंद्रीय विद्यालय (केवी) भवनों का उद्घाटन भी किया। कौशल विकास और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी जम्मू में प्रधानमंत्री द्वारा पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय, गोशाला, संबलपुर, ओडिशा समेत वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर में कई शिक्षण संस्थाओं के उद्घाटन के गवाह बने रहे।
प्रधानमंत्री द्वारा जम्मू और कश्मीर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संस्थान और दो केवी को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में, आईआईटी भिलाई में छात्रों की संख्या 1,250 है, जो अगले तीन-चार वर्षों में बढ़कर लगभग 2,500 छात्र हो जाएगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, दुर्ग के सांसद विजय बघेल, आईआईटी भिलाई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के. वेंकटरमन और संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश भिलाई में आईआईटी परिसर के उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे।
400 एकड़ में फैला है आईआईटी भिलाई का परिसर
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जून, 2018 को आईआईटी भिलाई परिसर की आधारशिला रखी थी। इसका निर्माण जुलाई 2020 में शुरू हुआ था। जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आईआईटी भिलाई का परिसर 400 एकड़ में फैला हुआ है। शुरू में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसके निर्माण के लिए 1,090 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी थी। जम्मू और कश्मीर में विकास कार्यों के लिए कुल 32 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च करने की योजना है, जिसमें से 13,375 करोड़ रुपये की कई योजनओं की आधारशिला रखकर उसे राष्ट्र को समर्पित किया जा चुका है।
अधिकारी ने कहा कि परिसर में अब तक व्याख्यान कक्ष, सेमिनार कक्ष, कक्षा आदि बनाए गए हैं और वहां बनाई गई इमारतों का नाम छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों और पहाड़ों के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि संस्थान में 75 शिक्षण संकाय सदस्य और 110 अन्य कर्मचारी हैं। प्रधानमंत्री ने कवर्धा (कबीरधाम जिला) और कुरुद (धमतरी जिला) में केंद्रीय विद्यालय के नवनिर्मित भवनों का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।
आईआईटी भिलाई, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी जम्मू
बता दें कि देश भर में शिक्षा और कौशल अवसंरचना के उन्नयन और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने पहले ही लगभग 13,375 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का उद्घाटन कर उसे राष्ट्र को समर्पित करने की बात की थी। इन परियोजनाओं में आईआईटी भिलाई, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी जम्मू, आईआईआईटीडीएम कांचीपुरम का स्थायी परिसर; कानपुर में स्थित भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस)- उन्नत प्रौद्योगिकियों पर एक अग्रणी कौशल प्रशिक्षण संस्थान; और देवप्रयाग (उत्तराखंड) और अगरतला (त्रिपुरा) में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दो परिसर भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने आज तीन नए आईआईएम- आईआईएम जम्मू, आईआईएम बोधगया और आईआईएम विशाखापत्तनम का उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इनके अलावा देश भर में केंद्रीय विद्यालय (केवी) के लिए 20 नए भवनों, पांच केंद्रीय विद्यालय परिसरों और 13 नए नवोदय विद्यालय (एनवी) भवनों का उद्घाटन भी किया। एक नवोदय विद्यालय परिसर और नवोदय विद्यालयों के लिए पांच बहुउद्देशीय हॉल की आधारशिला रखा। निःसंदेह ये नवनिर्मित केवी और एनवी भवन देश भर के छात्रों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।