भारत में निजी हेल्थकेयर क्षेत्र हमेशा आसानी से मिलने वाली गुणवत्ता और भरोसेमंद सेवाओं के लिए जाना जाता है। हालांकि यह विकास कई कारकों की वजह से है, जिसमें उपभोक्ता मांग से सरकारी समर्थन तक बहुत कुछ शामिल है।
उच्च गुणवत्ता वाले हेल्थकेयर
टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग ने हेल्थकेयर सेवाओं को बेहतर परिचालन दक्षता के साथ लाखों तक पहुँचाया है। अभिनव व्यापार मॉडल और प्रतिस्पर्धी माहौल ने किफ़ायती तरीके से गुणवत्तायुक्त हेल्थकेयर सेवाएं प्रदान करने की राह आसान बनाई है। निजी क्षेत्र मरीजों को बेहतर गुणवत्ता वाले हेल्थकेयर सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार नई और उन्नत तकनीक अपना रहे हैं। विशेष रूप से, टेलीमेडिसिन ने गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का नेटवर्क बनाकर ग्रामीण इलाकों में हेल्थकेयर सेवाओं की पहुंच में वृद्धि की है।
आय और हेल्थकेयर व्यय में बढ़ोतरी
बढ़ती आय के स्तर के कारण अधिक से अधिक उपभोक्ता स्वेच्छा से गुणवत्तायुक्त हेल्थकेयर सुविधा लेने की मांग करते है। इसके अलावा, आसानी से मिलने वाले चिकित्सा बीमा ने हेल्थकेयर और संबंधित सेवाओं की पहूंच में सकारात्मक योगदान दिया है। इसके अलावा, ज्यादा उम्र वालों की बढ़ रही आबादी भी भारत में निजी हेल्थकेयर क्षेत्र के विकास तथा हेल्थकेयर व्यय की बढ़ोतरी में योगदान देने वाला महत्वपूर्ण कारक है।
स्वास्थ्य के बारे में जन जागरूकता
वर्तमान हेल्थकेयर सेक्टर में संक्रमणीय बीमारियों से लाइफस्टाइल रोगों में बदलाव आया है। आज के शहरीकरण और आधुनिक जीवन से जुड़ी समस्याओं ने पारंपरिक स्वास्थ्य समस्याओं को लाइफस्टाइल रोगों के साथ बदल दिया है, जिसने विशेष हेल्थकेयर सेवाओं की मांग में और वृद्धि की है। इसने व्यक्तिगत स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ-साथ सावधानीपूर्वक उपचार के प्रति वर्तमान पीढ़ी की जागरूकता को बढ़ाया है। नतीजतन, इन सभी से आप डायग्नोस्टिक उपचार की तरफ जाते है, जिसके परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती होने में वृद्धि हुई है।
सरकारी कारक
पिछले दशकों में, सरकार ने निजी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस तथ्य को जोड़ने के लिए, भारत सरकार ने अस्पताल की स्थापना के लिए कम दरें प्रदान करके निजी क्षेत्र के संगठनों को सब्सिडी दी है और आयातित चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के लिए कर और ड्यूटी में छूट दी है।
चिकित्सा पर्यटन
भारत में चिकित्सा पर्यटन एक अरब डॉलर का कारोबार बन रहा है। कॉस्मेटिक और रिजनरेटिव उपचार से कार्डियक उपचार और अन्य गंभीर बीमारियों तक सब कुछ भारतीय निजी हेल्थकेयर सेक्टर द्वारा सफलतापूर्वक संभाला जा रहा है। भारत में मेडिकल टूरिज्म के विकास और उसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाने वाले कारण उच्चतम टेक्नोलॉजी, उन्नत चिकित्सा सुविधाएं, व्यावसायिक रूप से प्रमाणित हेल्थकेयर प्रदाताओं और कम लागत वाले उपचार है। इसने अंतर्राष्ट्रीय मान्यता और निजी स्वास्थ्य बीमा को भी प्रोत्साहित किया है, जिससे निजी अस्पतालों के फाइनेंसिंग और विनिमयो में और बदलाव आए है।