महाराष्ट्र सरकार राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया करवाएगी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, 'जिन परिवारों की सामूहिक सलाना आय आठ लाख रुपए से कम है-- खेती, वेतन बिजनेस इंडस्ट्री जैसे स्त्रोतों के माध्यम से-- इस दशा में आर्थिक रूप से पिछड़े माने जाएंगे।'
राज्य सराकर का ये निर्णय हाल ही में आए केंद्र सरकार के कदम के अनुरूप है जिसमें सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत कोटा देने को कहा गया है।
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुन्गान्तीवर ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षा और नौकरी में उन लोगों को 10 प्रतिशत कोटा देने का फैसला किया है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हो।'
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए शैक्षिक संस्थान में प्रवेश और सरकारी सेवाओं में नौकरी के लिए 10 प्रतिशत सीट या पोस्ट उपलब्ध रहेंगे।नौकरी भर्ती और प्रवेश के लिए ये सुविधा एक फरवरी 2019 से लागू हो चुकी है।