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- पीएम ईविद्या का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार, मिलेंगे मुफ्त शैक्षिक संसाधन
छात्रों को डिजिटल साक्षरता, कोडिंग और कम्प्यूटेशनल सोच से रूबरू कराना है उद्देश्य
रोजगार परक शिक्षा के लिए अलग-अलग भारतीय भाषाओं में दी जाएगी शिक्षा
अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचने के लिए पीएम ईविद्या रेडियो, सामुदायिक रेडियो और सीबीएसई पॉडकास्ट का प्रयोग
पीएम ईविद्या का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया जा रहा है। इस पहल में दीक्षा को भी शामिल किया गया है, जो राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री और सभी ग्रेडों के लिए क्यूआर कोडित प्रेरणादायी पाठ्यपुस्तकों की पेशकश करने वाला डिजिटल बुनियादी ढांचा है, जो एक राष्ट्र, एक डिजिटल प्लेटफॉर्म से संबंधित हैं। यानी कि संपूर्ण देश में एक ही प्लेटफार्म पर सभी शैक्षिक सामग्री उपलब्ध होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 डिजिटल बुनियादी ढांचे, ऑनलाइन शिक्षण उपकरण, वर्चुअल लैब, डिजिटल रिपॉजिटरी, ऑनलाइन मूल्यांकन, प्रौद्योगिकी-एकीकृत शिक्षाशास्त्र और अधिक को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके अलावा यह बहुभाषावाद के महत्व और नवीन और अनुभवात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षण और सीखने में भाषा की शक्ति का उपयोग करने पर भी जोर देता है। एनईपी का पैराग्राफ 4.23 अतिरिक्त रूप से छात्रों को डिजिटल साक्षरता, कोडिंग और कम्प्यूटेशनल सोच जैसे विशिष्ट विषयों, कौशल और क्षमताओं को प्राप्त करने के महत्व को दर्शाता है। राज्य की शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने हाल ही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि विविध डिजिटल पहलों के माध्यम से इन कौशलों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में, पीएम ई-विद्या नामक व्यापक पहल 17 मई, 2020 को शुरू की गई थी। यह पहल एक एकीकृत मंच के रूप में कार्य करती है, जो डिजिटल, ऑनलाइन और ऑन-एयर के क्षेत्र में सभी प्रयासों को शामिल करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा तक बहु-मोड पहुंच की सुविधा प्रदान करना है, जिससे सीखने के लिए एक समग्र और समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा देशभर में छात्रों के लिए बिना किसी लागत के उपलब्ध पीएम ई-विद्या पहल में शैक्षिक संसाधनों को बढ़ाने के उद्देश्य से दीक्षा को भी शामिल किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट के अनुरूप, पहल का विस्तार दोपहर 12 से दो बजे तक ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनलों तक हो गया है, जिससे कक्षा 1-12वीं के लिए अलग-अलग भारतीय भाषाओं में शिक्षा की सुविधा प्राप्त होगी।
इसके अलावा अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचने के लिए पीएम ईविद्या रेडियो, सामुदायिक रेडियो और सीबीएसई पॉडकास्ट- शिक्षा वाणी का भी प्रयोग किया जा रहा है। डिजिटल रूप से सुलभ सूचना प्रणाली (डेजी) पर और एनआईओएस वेबसाइट व यूट्यूब पर सांकेतिक भाषा में विकसित दृष्टि और श्रवण बाधितों के लिए विशेष ई-सामग्री भी उपलब्ध है। आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए, इस पहल का लक्ष्य 2023 तक 750 वर्चुअल लैब और 75 स्किलिंग ई-लैब स्थापित करना है, जो कक्षा 6वीं-12वीं के लिए विज्ञान और गणित विषयों पर केंद्रित है। रिपोर्ट्स के अनुसार दीक्षा प्लेटफॉर्म वर्चुअल लैब के लिए एक समर्पित वर्टिकल है। यह पीएम ईविद्या डीटीएच टीवी चौनलों के माध्यम से आयोजित प्रशिक्षण सत्रों के साथ, देश भर में शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करता है।
सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों को भी किया गया है शामिल
केंद्र प्रायोजित समग्र शिक्षा योजना के आईसीटी और डिजिटल पहल खंड में 6वीं-12वीं कक्षा वाले सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल शामिल हैं। स्कूलों में आईसीटी लैब्स और स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की सुविधा के लिए इस सेगमेंट के तहत वित्तीय सहायता दी जाती है। आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी में, देश भर में छात्रों को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता करने के लिए वर्तमान में, प्लेटफॉर्म के बीटा संस्करण पर देश भर के छात्रों से सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया मांगी जा रही है।