पुणे की स्टार्ट-अप कंपनी इन-मेड प्रोग्नोस्टिक्स को 50 लाख रुपए का बायोटेक्नोलॉजी इग्निशन अनुदान मिला है। ये राशि इसे 18 महीने के लिए बायो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC), सरकार से प्राप्त हुई है।
इस अनुदान को क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। ये प्लेटफॉर्म 3डी एमआरआई छवियों का इस्तेमाल करके मस्तिष्क संरचानाओं के विस्तार को लेबल, कल्पना और परमाणित करेगा।
इन-मेड प्रोग्नोस्टिक्स के को-फाउंडर राजेश पुरुषोत्तम ने कहा, 'हमारा मालिकाना सॉफ्टवेयर 'न्यूरोफील्ड' न्यूरोलॉजी में समय की आवश्यकता को संबोधित करता है: मस्तिष्क और उसकी संरचाओं का सटीक विश्लेषण। हम समय की बचत करने वाले सटीक न्यूरो विश्लेषण प्राप्त करने के लिए डीप लर्निंग, अल्गोरिथम और मशीन लर्निंग का अच्छा लाभ उठाएंगे जो किफायती मूल्यों पर डिमेंशिया, अल्जाइमर और पार्किंसन जैसे न्यूरोलॉजिकल विकारों के आंकलन और उनके जल्दी पता लगाने में मददगार होगा। इसका प्रस्तावित समाधान 20 मिनट के भीतर एक स्व-खोजी वॉल्यूमेट्रिक रिपोर्ट प्रदान करना है।'
राजेश पुरुषोत्तम द्वारा स्थापित, डॉ लता पूनमल्ले और डॉ अल कर्रेन, इन-मेड प्रोग्नोस्टिक्स का उद्देश्य भारत और अन्य उभरते बाजारों में किफायती, सुलभ, साक्ष्य आधारित मस्तिष्क स्वास्थ्य निदान और रोग संबंधी उपकरण लाना है।