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- पुरुष एक्सेसरीज़ बाज़ार महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए एक बड़ा व्यापारिक अवसर है
भारतीय पुरुष उपभोक्ताओं की फैशन संवेदनशीलता विकसित हो रही है। इसलिए यह देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि विभिन्न एक्सेसरीज़ की मांग बढ़ी है।
जयपुर वॉच कंपनी(व्यक्ति विशेष के लिए बनी (बेस्पाक) घड़ियों के ब्राण्ड) के मालिक गौरव मेहता का कहना है कि “आज, दुनिया भर में समय में काफी बदलाव आया है, जिसके कारण ग्राहकों की मानसिकता अब इस अनूठीएक्सेसरीज़ की जांच-पड़ताल करने की है, खासतौर पर उनकी, जो निजी पसंद और शर्तों के अनुसार रहते-पहनते हैं, और वास्तव में यह पहनने वाले शख्स के व्यक्तित्व को भी प्रतिबिंबित करती है और उनके फैशन अभिव्यक्ति को भी आकार देती है,“और यहीं पसंद-नापसंद के अनुसार का विकल्प आता है और घड़ियों के लिए तो ख़ासा उत्साह है।
एक ए.टी. किर्ने ने कहा कि भारतीय फैशन और जीवनशैली बाज़ार आगामी पांच वर्षों में 12% की एक संयुक्त वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से वृद्धि के लिए वर्तमान में रुपये 2,21,000 करोड़ से रुपये 3,94,000 करोड़ तक पहुँचने के लिए तैयार है।
इसमें कुल एक्सेसरीज़ बाज़ार का एक हिस्सा भी शामिल है, जो आगामी पांच वर्षों में 8.8% से 14% तक बढ़ने का अनुमान है। इसमें परिधान सहायक सामग्री, बैग, वालेट,बेल्ट, फैशन जुलरी,घड़ियाँ और चश्में भी शामिल हैं।
मेहता अपनी बात में जोड़ते हैं, "व्यक्ति विशेष के लिए बनी एक्सेसरीज़ (बेस्पाक) भारत में काफी नया विषय है, लेकिन इसमें बड़ी व्यापारिक संभावना है। जाने-पहचाने महंगे ब्राण्ड का सामान रखने कि बजाय ग्राहक बेस्पाक एक्सेसरीज़ को प्राथमिकता दे रहे हैं जैसे घड़ियाँ।" चलो इससे अभिमुख होते हैं, वो समय गया जब एक घड़ी एक परिवार की विरासत हुआ करती थी।
तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उद्यमी इसे एक बढ़ते व्यापार क्षेत्र के रूप में देख रहे हैं और कई लोग एक या अधिक प्रकार के सामानों में विशेषज्ञता हासिल कर रहे हैं।
साकेत अग्रवाल एक युवा उद्यमी हैं जिन्होंने 2017 में लेज़ी जोजो की स्थापना की। उन्होंने अनुकूलित(customized) कैनवास जूतों की आपूर्ति करने का एकदम नया व्यवसाय शुरू किया है।
अग्रवाल साझा करते हैं "लोग अपने जूतों के प्रति बहुत गंभीर हैं। आज, सहायक सामग्री बाज़ार कीपूरे बाज़ार में गहरी पैंठ है। इसने ई-कॉमर्स बाज़ार में उछाल का लाभ उठाया है और पुरुष ग्राहक प्रयोग करने के लिए तैयार है। सोशल मीडिया को भी धन्यवाद, जिसने भारतीय उपभोक्ताओं को बहुत ही ब्राण्ड सचेत बना दिया है, आज का खरीदार सभी तरह की एक्सेसरीज़ का उपभोग कर एक पूर्ण जीवन जीना चाहता है।"
आज, सहायक सामग्री (एक्सेसरीज़) अब केवल पूरक सामग्री के रूप में नहीं देखे जाती है बल्कि अपने आप में एक उत्पाद बन गए हैं। वरुण रास्तोगी का Mufubu.comभारत की फैशन संवेदनशीलताओं को भुना रहा है और जो पुरुष अपनी एक्सेसरीज़ से प्यार करते हैं, उन्हें विशिष्ट और सजीले बेगपैक और स्मार्टवॉच प्रदाय कर रहा है। रूटीन से बाहर उन्होंने 2014 में स्मार्ट उपहार देने के आइडिया पर काम किया और 2017 के बाद पुरुषों की एक्सेसरीज़ में अपनी जगह बना रहे हैं।
रास्तोगी ने यह भी साझा किया कि "सच्चाई यह है कि ये एक्सेसरीज़ लोकप्रिय हैं क्योंकि मांग का दुहराव इतना है कि हम प्रतिदिन 300-400 नग बेच रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "महिलाओं के लिए एक्सेसरीज़ बाज़ार बनने से पहले बैग और घड़ियाँ पुरुष-वर्चस्व वाले वर्ग में रहे हैं। ये एक्सेसरीज़ अवश्य ही समाज के कार्यशील वर्ग के लिए एक पहचान को चिह्नित करती हैं और धीरे-धीरे अब फैशन अभिव्यक्ति बन गयी हैं।"
रास्तोगी शेयर करते हैं "सुलभ आय में बढ़ोतरी ने लक्जरी बैग और घड़ियों की खरीद-क्षमता की दिशा में काफी योगदान दिया है, लेकिन प्रौद्योगिकी उन्नति से विभिन्न प्रकार के खेल और विलासिता वर्ग एक्सेसरीज़ में वृद्धि हुई है, जिसमें उपभोक्ता को चुनने के लिए बहुत सारे विकल्प मिलते हैं।" उपयोगिता घड़ियों(स्मार्ट वॉच) की उनकी रेंज, जो सभी आयु वर्ग के पुरुषों के बीच खास है, पर मि. रश्तोगी को गर्व है।
जब क्रय शक्ति बढ़ती है, तो पुरुषों की बात आने पर उनकी कुछ बेहद व्यक्तिगत बैग, घड़ियां, जूते, बेल्ट और बहुत कुछ बनवाने की इच्छा होगी ही।