इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी चेतक ने केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (केपीकेबी) और गृह मंत्रालय के साथ साझेदारी की घोषणा की है, ताकि पूरे देश में केपीकेबी के लाभार्थियों को चेतक 2903 उपलब्ध कराया जा सके। चेतक अर्बनाइट बिजनेस यूनिट ने केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) पर चेतक 2903 को सूचीबद्ध किया है और यह 18 सितंबर से प्रभावी बताया गया है।
चेतक 2903 को अब पूरे भारत में KPKB के लाभार्थियों को विशेष दरों पर चेतक एक्सपीरियंस सेंटर (CECs) के जरिए बेचे जाने के लिए अधिकृत किया गया है; इस साझेदारी का लाभ उठाने के लिए नजदीकी 'मास्टर भंडार' या ' सब्सिडियरी भंडार' से प्राप्त एक अधिकृत पत्र और एक वैध विभागीय पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। एक बार जब अधिकृत पत्र प्राप्त हो जाता है, तो वाहनों को किसी भी स्थानीय चेतक डीलर के माध्यम से खरीदा जा सकता है, जिससे यह प्रक्रिया सुगम और बेहद आसान हो जाती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों तक पहुंच बढ़ाकर एक हरित भविष्य में योगदान देने के लिए, कंपनी ने इस मॉडल को एक मजबूत, उच्च क्वालिटी वाले फ्रेम और सामग्रियों के साथ डिजाइन किया है, जो लंबे समय तक प्रदर्शन सुनिश्चित करते हैं। इस टू-व्हीलर में 2.88 किलोवाट बैटरी क्षमता के साथ प्रति चार्ज 123 किमी की रेंज भी है, जो 63 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति प्रदान करती है, और इसमें 4.2 किलोवाट की शक्ति वाला ब्रशलेस डीसी इलेक्ट्रिक मोटर (BLDC) है।
अर्बनाइट बिजनेस (Urbanite Business)यूनिट के प्रेसिडेंट एरिक वास ने कहा हमें केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार के साथ साझेदारी करने में खुशी हो रही है ताकि हम देश भर में विभिन्न विभागों में सेवा देने वाले बहादुर कर्मचारियों को चेतक 2903 प्रदान कर सकें। यह सहयोग हमें अपने उन्नत इलेक्ट्रिक स्कूटर के लाभों को एक विस्तृत दर्शकों तक पहुँचाने की अनुमति देता है। हम मानते हैं कि चेतक 2903, अपनी मजबूत डिजाइन और बेहतरीन विशेषताओं के साथ, विभागीय कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए पसंदीदा स्कूटर होगा। हमारा लक्ष्य है कि हर ग्राहक उस सुविधा, विश्वसनीयता और पर्यावरण मित्रता का अनुभव करे जिसके लिए चेतक जाना जाता है।
केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB), की स्थापना 2006 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एक कल्याण योजना के रूप में की गई थी। यह योजना केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, जैसे BSF, CRPF, CISF, ITBP, SSB और असम राइफल्स की जरूरतों का समर्थन करती है। इसके लाभ कुछ केंद्रीय पुलिस संगठनों, जैसे IB, BPRD और NCRB को भी मिलते हैं।