पूजा-पाठ सामग्री की बिक्री करने वाली कंपनी पूजाई ने बिलेनियर वेंचर कैपिटल(बीवीसी) से एक मिलियन डॉलर(लगभग आठ करोड़ रुपये) की सीड फंडिंग जुटाई है, जो पूजा-पाठ की चीजो के क्षेत्र में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का संकेत है। इस कंपनी की स्थापना श्रेष्ठ कलांजियम ने की थी। कंपनी का उद्देश्य परंपरा को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ना है। इस क्षेत्र के उद्योग में क्रांति लाना और इस सफर को शुरू करना उनके लिए स्वाभाविक था।
पूजाई रुद्र रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का एक ब्रांड है, जो भारत में पूजा-पाठ में उपयोग होने वाली जरूरी चीजो के बाजार पर ध्यान देता है, जिसका अनुमान लगभग 44 बिलियन अमरीकी डालर(लगभग 4400 करोड़ डॉलर यानी की 3.52 लाख करोड़ रुपये) है। इस कंपनी की योजनाएं वैश्विक विस्तार के लिए बड़ी हैं।
श्रेष्ठ कलांजियम ने कहा पूजा-पाठ में उपयोग होने वाली चीजो के बाजार का दायरा बहुत बड़ा है और 10 प्रतिशत की सीएजीआर से विस्तार होने की उम्मीद है, जिससे यह भारत में आईटी क्षेत्र के बाद सबसे तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय बन जाएगा। इस क्षेत्र में हमारे लिए अपार संभावनाएं है और हम इसमे निर्यात भी कर सकते है। निवेशक इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। भारत में पूजा- पाठ वाले स्थल बहुत ज्यादा है, जो फलफूल रहे है।
पूजा-पाठ के मामले में दक्षिण भारत आगे है और इसकी भारतीय बाजार में पकड बहुत ज्यादा है।बाजार मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के औषधीय, धार्मिक और पूजा-पाठ में उपयोगों होने वाली जरूरी चीजो की तेजी से बढ़ती उपभोक्ता मांग से प्रेरित है। पश्चिम में योग और मेडिटेशन जैसी गतिविधियों को विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय देशों में अपनाया गया है।
यह भारत में निर्मित पूजा वस्तुओं के बाजार को चलाने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है। पूजा- पाठ से जुड़ी वस्तुओं की आपूर्ति दर अभी की मांग से आधी है,जो प्रतिदिन 1500 मीट्रिक टन से ज्यादा है। पूजाई भक्ति के सामानों की आपूर्ति और मांग के बीच इस अंतर को दूर करने और साथ ही पूरे भारत में बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर देने करने के लिए आगे आई है।