केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए इस वित्त वर्ष में 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। सीतारमण ने बजट पेश करते हुए घोषणा की कि जो युवा घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन उनके पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं, उन्हें अब मदद मिलेगी। ऐसे युवाओं के लिए सरकार दस लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करेगी, जिससे वे अपनी पढ़ाई के खर्चों को पूरा कर सकेंगे। जिन युवाओं के पास अपनी पढ़ाई के लिए पूंजी की कमी है, उन्हें अब उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आसानी होगी। यह ऋण उन्हें आर्थिक रूप से मदद करेगा और शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने में सहायता प्रदान करेगा।
इस योजना के तहत, प्रति वर्ष एक लाख विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेने में मदद की जाएगी। प्रत्येक वर्ष एक लाख विद्यार्थियों को एक विशेष ई-वाउचर मिलेगा। यह वाउचर उन्हें ऋण के ब्याज पर छूट देने में मदद करेगा। इस ई-वाउचर के साथ, विद्यार्थियों को ऋण की ब्याज दर में तीन प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसका मतलब है कि वे ऋण पर तीन प्रतिशत कम ब्याज देंगे। ई-वाउचर मिलने से विद्यार्थियों को ऋण पर कम ब्याज देना पड़ेगा, जिससे उनका कुल खर्च कम होगा। इस छूट के कारण ऋण चुकाने में आसानी होगी और विद्यार्थियों को वित्तीय राहत मिलेगी।
उदाहरण के जरिए समझते है, एक छात्र ने उच्च शिक्षा के लिए दस लाख रुपये का ऋण लिया है और ऋण की सामान्य ब्याज दर आठ प्रतिशत है। यदि उसे तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट का ई-वाउचर मिलता है, तो वह केवल पांच प्रतिशत ब्याज पर ऋण चुकाएगा, जिससे उसकी कुल लागत कम होगी।
सरकार बेसिक रिसर्च और प्रोटोटाइप विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। बेसिक रिसर्च के तहत, विज्ञान और तकनीक में नई खोजों और बेसिक रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। इसका मतलब है कि नई और महत्वपूर्ण जानकारियों को खोजने के लिए रिसर्च किया जाएगा। प्रोटोटाइप विकास में रिसर्च के परिणामस्वरूप जो नई तकनीकें या उत्पाद सामने आएंगे, उनके शुरूआती मॉडल (प्रोटोटाइप) को विकसित करने में भी सहायता की जाएगी। प्रोटोटाइप एक तरह का शुरुआती मॉडल होता है जिसे परीक्षण और सुधार के लिए बनाया जाता है।
इस उद्देश्य के लिए एक विशेष फंड (अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड) तैयार किया जाएगा, जो बेसिक रिसर्च और प्रोटोटाइप विकास के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन प्रदान करेगा। यह फंड शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और उद्यमियों को आवश्यक वित्तीय सहायता देगा, जिससे वे अपने रिसर्च कार्य और प्रोटोटाइप विकास को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें। बेसिक रिसर्च को बढ़ावा देने से नए वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान की खोज की जा सकेगी। प्रोटोटाइप विकास से नई तकनीकें और उत्पाद जल्दी तैयार हो सकेंगे, जो उद्योग और समाज के लिए लाभकारी होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक नई योजना की घोषणा की है, जो निजी क्षेत्र द्वारा रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए बनाई जाएगी। यह योजना निजी कंपनियों को रिसर्च और नई टेक्नोलॉजी या उत्पादों के विकास के लिए मदद करेगी। यह योजना उन रिसर्च और इनोवेशन को सपोर्ट देगी जो बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रूप से लागू किए जा सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए एक बड़ा कोष तैयार किया जाएगा जिसकी राशि एक लाख करोड़ रुपये होगी। यह कोष रिसर्च और इनोवेशन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। निजी क्षेत्र की कंपनियां इस कोष का उपयोग अपने रिसर्च और इनोवेशन परियोजनाओं के लिए कर सकेंगी।
सरकार ने युवाओं को काम के अनुभव और अवसर देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। सरकार 500 बड़ी कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी। युवाओं को इंटर्नशिप के दौरान प्रति माह 5000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा। यह एक तरह की मासिक वेतन राशि होगी जो उन्हें उनके काम के लिए दी जाएगी। इसके अलावा, युवाओं को एक बार की 6000 रुपये की राशि भी दी जाएगी। यह अतिरिक्त मदद होगी जो इंटर्नशिप के दौरान या उसके बाद मिल सकती है।
निष्कर्ष
सरकार ने यह नया कदम उठाया है ताकि अधिक से अधिक युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें और उनके लिए वित्तीय बाधाएं कम हो सकें। केंद्रीय वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र द्वारा रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की है। यह कोष निजी कंपनियों को नए उत्पादों और तकनीकों के विकास के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। सरकार ने बड़ी कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए योजना बनाई है। इस योजना के तहत, युवाओं को प्रति माह भत्ता दिया जाएगा, जिससे उन्हें काम का अनुभव और वित्तीय मदद दोनों प्राप्त होंगे।