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- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारत में किया आमंत्रित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वाशिंगटन डीसी में माइक्रोन के सीईओ संजय मेहरोत्रा से मुलाकात की। उन्होंने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोन टेक्नोलॉजी को आमंत्रित किया और कहा कि भारत सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन के विभिन्न हिस्सों में प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान कर सकता है।
पीएम मोदी जनरल इलेक्ट्रिक के सीईओ एच. लॉरेंस कल्प जूनियर से भी मिले। उन्होंने भारत में मैन्युफैक्चरिंग की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के लिए जीई की सराहना की।। पीएम मोदी और कल्प जूनियर ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए जीई के व्यापक टेक्नोलॉजी सहयोग पर चर्चा की। पीएम मोदी ने जीई को भारत में विमानन और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया।
पीएम मोदी वाशिंगटन डीसी में एप्लाइड मैटेरियल्स के प्रेसिडेंट एवं सीईओ गैरी ई. डिकर्सन से भी मिले। उन्होंने एप्लाइड मैटेरियल्स को भारत में सेमीकंडक्टर के इकोसिस्टम को मजबूत करने में योगदान देने, प्रोसेस टेक्नोलॉजी और उन्नत पैकेजिंग क्षमताओं के विकास के लिए डिकर्सन को आमंत्रित किया। इन दोनों ने कुशल कार्यबल के निर्माण हेतु भारत में शैक्षणिक संस्थानों के साथ एप्लाइड मैटेरियल्स के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
भारतीय सरकार ने उद्योगों को स्थापित करने और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां और प्रोग्राम शुरू किए हैं। उदाहरण के तौर पर, "नया उद्योग नीति 2021" में बहुत सारे उद्योगों, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है।
सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए विशेष क्षेत्रों में भूमि का आवंटन करने का प्रावधान किया है और इसमें आकर्षक सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह उद्योग नए उत्पादकों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करता है और नए संयोजकों को आकर्षित करता है।
भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग में बाहरी निवेश की वृद्धि देखी गई है। कई विदेशी कंपनियां भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट खोलने और नए परियोजनाओं में निवेश करने में रुचि दिखा रही हैं। इससे न केवल औचक तकनीकी ज्ञान और अनुभव का वितरण हो रहा है, बल्कि यह रोजगार और आय के साधन भी प्रदान कर रहा है।
शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में नवीनतम विज्ञान और टेक्नोलॉजी के विकास के लिए विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए धनराशि का निर्दारण किया गया है, जिससे नए उत्पादों का विकास और नवाचार किया जा सकता हैं।
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में कुशल मजदूरों की आवश्यकता होती है। भारत सरकार ने कौशल विकास प्रोग्रामों की शुरुआत की है जिससे उद्योग के लिए योग्य श्रमिक तैयार किए जा सकें। यह मजदूरों को उनके कौशल के आधार पर रोजगार के अवसर प्रदान करता है और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए उन्नति करता है। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि, यह एक नई और अभियांत्रिकी युक्त उद्योग है, और इसका पूरी तरह से विकास करने में समय लगेगा।