व्यवसाय विचार

प्रोसस ने घटाई बायजूस की हिस्सेदारी

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Nov 30, 2023 - 3 min read
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बायजूस के लिए दिक्कतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। हाल ही में बीसीसीआई के छापे के बाद एक और खबर सामने आई है। यह एक साल में तीसरी बार है जब प्रोसस ने बायजूस का मूल्यांकन घटाया है।

एक वर्ष में तीसरी बार प्रोसस ने घटाया बायजूस का मूल्य

बायजूस को लेकर एक और खबर सामने आ रही है, इसके अनुसार प्रोसस ने एक बार फिर से बायजूस की हिस्सेदारी घटा दी। प्रोसस ने पहले एडटेक दिग्गज कंपनी बायजूस में अपनी 9.67 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य 57.8 करोड़ आंका। हालांकि प्रभावी रूप से कंपनी का मूल्य छह सौ करोड़ से कम था। टेक निवेशक प्रोसस ने बायजूस में अपनी हिस्सेदारी का मूल्य कम कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी का मूल्यांकन तीन सौ करोड़ से कम हो गया है, जो कि 2200 करोड़ के पिछले फंडिंग दौर के मूल्यांकन से 86 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। यह एक साल में तीसरी बार है जब प्रोसस ने बायजूस का मूल्यांकन घटाया है। बायजूस का आधिकारिक तौर पर मूल्य आखिरी बार अक्टूबर 2022 में 2200 करोड़ से अधिक आंका गया था, जब उसने 25 करोड़ का फंडिंग राउंड जुटाया था।

पिछले साल नवंबर में प्रोसस ने पहली बार बायजू का उचित मूल्य घटाकर 597 करोड़ कर दिया था। इससे पहले की बात करें तो जुलाई में बायजूस के बोर्ड में प्रोसस के प्रतिनिधि, रसेल ड्रिसेनस्टॉक ने एडटेक कंपनी से इस्तीफा दे दिया था, बाद में कंपनी छोड़ने का कारण उन्होंने खराब रिपोर्टिंग और प्रशासन संबंधी कमी बताई थी। ड्रेसेनस्टॉक के साथ, चौन जुकरबर्ग इनिशिएटिव के विवियन वू और पीक एक्सवी पार्टनर्स (सिकोइया कैपिटल इंडिया) के जीवी रविशंकर ने भी जुलाई में पद छोड़ दिया। इसके लिए कंपनी को कई तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद एक और समस्या सामने आई कंपनी के वित्तीय नतीजों में देरी और अपने ऑडिटर डेलॉइट के इस्तीफे संबंधित। इसे लेकर भी कंपनी को कई तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद बायजूस के लिए फिर एक समस्या आई ईडी की यानी कि प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा उल्लंघन मामले में एडटेक कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजूस रवींद्रन को कारण बताओ नोटिस भेजा।

इस बीच, नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों के पूर्ण और अंतिम निपटान में देरी के लिए कंपनी एक बार फिर आलोचना का शिकार हुई। बेंगलुरु स्थित कंपनी ने पहले भुगतान की तारीख सितंबर से नवंबर कर दी थी। हाल ही में, कंपनी ने डेविडसन केम्पनर के साथ एक लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे पर काबू पा लिया है, जो बायजूस की सहायक कंपनी आकाश पर अनुबंधों से जुड़ा था। इससे पहले नवंबर में मणिपाल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पई ने 1,400 करोड़ रुपये के सौदे में यूएस हेज फंड द्वारा ऋण निवेश खरीदा था। इस बीच सितंबर में बायजूस ने भी अपने ऋणदाताओं के सामने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें कंपनी ने आगामी छह महीनों के भीतर अपने 120 करोड़ के टर्म लोन बी को पूरी तरह से चुकाने का भरोसा दिलाया। बायजूस का लक्ष्य अगले तीन महीनों के भीतर 30 करोड़ का प्रारंभिक भुगतान करके इसे पूरा करना है। ऋण पुनर्भुगतान के लिए आवश्यक धनराशि सुरक्षित करने के अपने प्रयासों के तहत, कंपनी ने अपनी प्रमुख संपत्तियों की रणनीतिक समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए बायजूस ने अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म ग्रेट लर्निंग और बुक रीडिंग प्लेटफॉर्म एपिक को बिक्री के लिए रखा है, जिससे कंपनी को लगभग सौ करोड़ की कमाई होगी।

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