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- फिनटेक स्टार्टअप इनकैश को मिला आरबीआई से पेमेंट एग्रीगेटर का लाइसेंस
एक वर्ष के लंबे समय के बाद मिला है अप्रूवल
लाइसेंस देने से पहले बेहद सख्त ऑडिट करती है आरबीआई
फिनटेक स्टार्टअप इनकैश ने ओलंपस ब्रांड नाम के तहत पेमेंट एगीग्रेटर (पीए)के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से हाल ही में लाइसेंस प्राप्त कर लिया है। इसकी मदद से अब यह कंपनी कारोबारियों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को हर तरीके के ऑनलइान ट्रांजेक्शन करने में मदद कर सकेगी। यह ट्रांजेक्शन पेमेंट नेटबैंकिंग, यूपीआई या क्रेडिट या डेबिट कार्ड सहित किसी भी तरीके से किया जा सकता है। इसके जरिए व्यवसायियों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अपना पेमेंट सिस्टम बनाने की भी कोई आवश्यकता नहीं होगी। यहां यह जान लें कि पीए के लिए लाइसेंस देने से पहले आरबीआई बेहद सख्त ऑडिट करती है। कई बार इसमें एक से दो वर्ष का भी समय लग जाता है। इनकैश को भी यह लाइसेंस प्राप्त करने में एक वर्ष का समय लगा।
लाइसेंस प्राप्त करने के बाद इनकैश के को-फाउंडर यादवेंद्र त्यागी ने कहा कि इनकैश एक ऐसा व्यय प्रबंधन मंच है जो व्यवसायों को अपने भुगतानों को स्वचालित करने, प्राप्तियों को डिजिटल बनाने, खर्चों का प्रबंधन करने की अनुमति देता है। व्यय प्रबंधन से आशय सही तरीके से जरूरतों पर खर्च करने में सुधार, लागत कम करने और समग्र वित्तीय प्रदर्शन को अधिकतम करने के लिए किसी संगठन के खर्चों को नियंत्रित करने, अनुकूलित करने और ट्रैक करने की प्रक्रिया से है। उन्होंने कहा कि यह नियामक मानकों को बनाए रखने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही उद्योगों को आगे बढ़ाने में भी मदद करता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इनकैश का यह लाइसेंस अन्य फिनटेक स्टार्टअप्स जैसे कैशफ्री पेमेंट्स, ओपेन, रेजरपे और अन्य के साथ 19 दिसंबर को जारी किया।
ऐसा एक साल से अधिक समय बाद हुआ जब केंद्रीय बैंक ने पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी के बाद अंतिम मंजूरी मिलने तक कुछ फिनटेक द्वारा मर्चेंट ऑनबोर्डिंग को रोक दिया था। ओपेन के को-फाउंडर और सीईओ, अनीश अच्युतन ने कहा कि यह मंजूरी न केवल नियामक मानकों के प्रति हमारे समर्पण को स्वीकार करती है बल्कि एसएमई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण छलांग का भी संकेत देती है। बढ़ी हुई क्षमताएं हमारे वित्तीय स्वचालन प्लेटफार्मों को मजबूत करेंगी। एसएमई को अपने वित्तीय संचालन को सुव्यवस्थित करने और डिजिटल युग में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।
कैशफ्री पेमेंट्स के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अब आरबीआई से लाइसेंस के साथ अपने भुगतान गेटवे पर नए व्यापारियों को शामिल कर रही है। इसके अलावा हम अपनी यात्रा के इस नए चरण के साथ तेजी से विकास करना जारी रखेंगे और भुगतान क्षेत्र में पसंदीदा एग्रीगेटर के रूप में अपने बाजार नेतृत्व को बनाए रखेंगे। इस वर्ष की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022 में लॉंच रूपे क्रेडिट कार्ड को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से जोड़ने की अनुमति देने के बाद, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई), जो देश में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली संचालित करता है, ने विभिन्न भुगतानों के साथ हाथ मिलाया था। ताकि अलग-अलग पेमेंट एग्रीगेटर्स पर रूपे क्रेडिट कार्ड के जरिए व्यापारी ले