रेस्टोरेंट इंडिया इन्वेस्टमेंट एंड डेवलपमेंट समिट 2021 में फूड ब्रांड्स, स्टार्टअप और होटेल्स के शेफ शामिल हुए जिन्होंने अपने रेस्टोरेंट के बारे में बताया और व्यवसाय को किस तरह से आगे बढ़ा सकते है, किस तरह की स्ट्रेटेजी का उपयोग कर सकते है और रेस्टोरेंट के विकास के लिए क्या-क्या कर सकते है इन सब तमाम बातों पर चर्चा की।
जेडब्लयू मैरियट के चीफ एग्जीक्यूटिव शेफ संदीप पांडे ने हेलदी सीज़नल फूड के बारे में बताते हुए कहा कि मेरे लिए हेल्दी फूड की एक ही डेफीनेशन है जो सीज़नल है, जो उपल्बध हो और जिस सिज़नल में जो मिलता है, हमें सिर्फ उसी खाने को लेना चाहिए जैसे की आज कल वॉटरमेलन साल भर मिल रहा है तो इस तरह से हम पूरी दुनिया को नही बना सकते है यानी की यह सीज़नल फूड है लेकिन साल भर मिल रहा तो यह हेल्थ को नुकसान भी दे सकता है।
क्या हम जंक फूड को हेल्दी फूड बना सकते है तो इस सवाल पर उन्होंने बताया की जंक फूड बहुत ही ज्यादा ताला हुआ होता है आगर उसे अलग तरह से बनाया जाए जैसे की पोटैटो के प्राइस में बहुता ज्यादा रिफाइंड का यूज कर रहे है तो वह जंक फूड कहलाता है लेकिन उसकी जगह पर हम याम का यूज करे या फिर उसे बेक कर रहे है तो वह हेल्दी फूड हो जाता है।
ओमीक्रोन पर उन्होंने बताया कि टचवुड इस वैरियंट का हमारे होटेल पर कोई प्रभाव नही पड़ा है चाहे फोरन गेस्ट हो या इंडियन गेस्ट आज कल सभी हेल्दी खाना पसंद करते है। हम अपने गेस्ट के लिए वो ही बनाते है जो उनको पसंद है या हम सोचते है कि उनको क्या पसंद आ सकता है, तो हम लोग गेस्ट के हिसाब से खाना बनाते है जो उनको पसंद आए।
डाइनिंग या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बारे में बताते हुए कहा कि ये दोनों अपने हिसाब से अच्छा वर्क कर रहे है, मैरियट में हमारा एक वर्टिकल है जिसे मैरियट बोन्वॉय ऑन व्हील्स कहते है फूड डिलीवरी के लिए हमारे लिए काफी कामयाब वर्टिकल है। हम दोनो में विशवास रखते है डाइनिंग और बोन्वॉय ऑन व्हील्स हमारे लिए उतना ही कामगार साबित हुआ है।
स्टार्टअप रेस्तरां पर उन्होंने अपना सुजाव देते हुए कहा कि वह वो ही खाना बनाए, वो ही खाना परोसे जो सीजनल है जो हेल्दी है जो उपल्बध है और जो लोकल है।
रेडी टू ईट फूड की बात करे तो आज के समय में हर कोई अपने काम में व्यवस्त है और नौकरी पेशो वाले लोग खाना बनाने के इच्छुक नही होते है तो ऐसे लोगों के लिए रेडी टू ईट फूड बहुत अच्छा है बस खाना गरम करों और खाना तैयार। ऐसा ही एक व्यवसाय है जो इस बिज़नेस को काफी अच्छे से चला रहा है। चलिए आपको बताते है:-
रीगल किचन के सीईओ मनीष मदन ने रेडी टू कुक फूड के बारे में बताते हुए कहा कि यह शेफ को सपोर्ट करने वाला एक ब्रांड है और शेफ के काम को असान बनाता है और लेबर के समय को भी बचाता है।
प्रोडक्ट्स के बारे में उन्होंने कहा की रेडी टू ईट प्रोडक्ट में इंडियन करीस और रेडी टू कुक मे बेस ग्रेवी जिसे किचन प्रिपरेशन टाइम बोला जाता है। यह एक बहुत ही कठिन समय होते है किसी भी चीज की ग्रेवी को बनाना और वह बहुत ही ज्यादा समय भी लेता है लेकिन अब हमने उस काम को छोटा कर दिया है एक किचन ऑपरेटर के लिए।
प्रोडक्ट के डिस्पले पर उन्होंने बताया कि हम लोग अभी ओरेका बेस्ट प्रोडक्ट डिस्पले कर रहे है, होटेल, रेस्टोरेंट, क्यूएसआर,केटरर, क्लाउड किचन इन सभी को सपोर्ट करने वाले प्रोडक्ट्स है जैसे की रेडी टू ईट में दाल मखनी, पालक पनीर, बिरयानी, इंस्टीड मिक्स जैसे गुलाब जामुन उसके बाद रेडी टू ईट फूड रेलवे में भी उपल्बध है। इसमें कोई प्रिजर्वेटिव नही होता है सारे नेचुरल इनग्रेडिएंट से बने होते है इसकी शेल्फ लाइन 12 महने से 24 महीने के लिए होती है।
हमारा प्रोडक्ट कोविड प्रूफ प्रोडक्ट है हम इसे रीटोड मशीन में 121 डिग्री में स्टेरेलाइज्ड करते है जिससे सारे बैक्टीरीया, वायरस जर्म खत्म हो जाते है।
बिक्री पर उन्होंने कहा कि कोरोना के समय हमे बहुत ज्यादा वैलिडेशन इंडियन मार्केट और और गलोबल मार्केट में मिला जैसे जैसे मैन पॉवर शोरटेज होने लगी तो उस समय पर हमारे प्रोडक्ट की एक्सेसिबिलिटी बढ गई और हमे कोरोने के समय बहुत ही ज्यादा पुश मिला और हमारी डिमांड इंडिया के अंदर भी बढ़ी।
आगर कोई क्यूएसआर या क्लाउड किचन खोलना चाहता है तो हमारे पास एक कम्पलीट मॉडल तैयार है और हम अपने प्रोडक्ट से ही पूरा मैन्यू प्लेन कर सकते है और क्लाउड किचन खुलवाने में मदद भी कर सकते है।
उन्होंने आगे बताया की बिज़नेस मैन होने के नाते हर तरह के चैलेंजीस आते है चाहे वो फंडिग का हो, नई टेक्निक्स के बारे में या फर किसी एक्सपर्टीज का हो, तो यह सारी चीजे ग्रेजुअली सीखी जाती है। यह सारी चीजे हम तब सिखते है जब हम अपने कस्टमर को ध्यान से सुनते है और जब से मैने अपने बिजनेस को स्टार्ट किया है तब से मैं अपने कस्टमर को बहुत ध्यान से सुनता हूं और हमारे प्रोडक्ट अमेज़न इंडिया और अमेज़न यूएस में उपल्बध है।
आगर आपकी खाने में रूची है और आप खाना बनाने का शौक रखते है तो रेडी टू ईट फूड का व्यवसाय आपको अच्छा लाभ दे सकता है और कम समय में आप ग्राहको को अच्छा खाना भी दे सकते है।
इस समिट में इंडियन रेस्टोरेंट अवार्ड्स 2021 से रेस्तरां, कैफे, बार और बेकरी को नवाज़ा गया जिन्होंने देश भर में अभूतपूर्व काम किये है और ग्राहकों को अच्छी क्वालिटी के फूड और सर्विस दी है।
इस समिट में हैदराबाद के रेस्टोरेंट राम भरोसे भंडार, भट्टढ़ की इडली के को-ओनर ऋतेश भट्टढ़ को पुरस्कार से नवाज़ा गया। उन्हे बेस्ट टेकअवे कॉन्सेप्ट के लिए अवार्ड दिया गया है। उन्होंने बताया की कोरोना के समय सबसे चलेंचीग चीज स्किलड लेबर रही है। हमारे लिए उन्हे ट्रेनिंग देना बहुत मुश्किल होता था, क्योकि लेबर ज्यादातर नॉर्थ इंडिया के यूपी और बिहार से होते थे। कोरोना के समय काफी लोग छोड़ के गए थे और काफी लोगों को ट्रेनिंग देनी पढ़ी। इतनी मेहनत के बावजूद हमने 60 से 70 स्किल्ड लेबर को तैयार किया। जब सारी स्थिती सामान्य हो गई थी तो सबसे मुश्किल वाला काम उन्हे वापिस हैदराबाद बुलाना था।
यह व्यवसाय पिछले 21 वर्षो से चला आ रहा है। उन्होंने टेकअवे पर बताते हुए कहा कि महामारी के समय टेकअवे काफी ज्यादा थे और जो डाइन इन कस्टमर थे वह सब टेकअवे में तबदील हो गए जिससे की कोरोना की पहली लेहर में बिक्री मोडरेट थी और दूसरी लेहर में बूम थी उसके बाद से काफी लोग हमसे जुड़े।पिछले 21 सालों से हमने अपने फूड की क्वालिटी को बरकरार रख है।
उन्होंने अपने नए साल 2022 के रेजोल्यूशन के बारे में बताते हुए कहा कि 3 ब्रांच खोलेगे और फ्रैंचाइज़ मॉडल भी लाएगे। आगर हमारा पार्टनरशिप कॉसेप्ट होता है तो हम ओंड कम फ्रैंचाइज़ मॉडल लेकर आएगे और साथ ही ज्यदा वर्टिकल होने के वजह से पूरे इंडिया में बैठर की डिमांड बहुत ज्यादा है तो हम यह भी बिज़नेस खोलने पर विचार कर रहे है।
रितेश भट्टढ़ के अलावा पंजाबी चिक-इन रेस्टोरेंट के सीईओ करन बक्शी को बेस्ट रीजनल क्यूजीन फूड के लिए मिला, स्मूर चॉकलेट को बेस्ट बेकरी एंड कन्फेक्शनरी के लिए, बर्गर किंग को बेस्ट नेशनल रेस्टोरेंट, बिरयानी ब्लूज़ को बेस्ट रीजनल क्यूएसआर चेन और 108 साल पुराने करीम को बेस्ट नेशनल इंडियन क्यूज़ीन रेस्टोरेंट चेन के लिए नवाज़ा गया।