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- फेम इंडिया योजना के तहत 7,432 ईवी चार्जिंग स्टेशन होंगे स्थापित
भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 800 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की है। यह सब्सिडी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तीन ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) को दी जाएगी। इस पूंजी का उपयोग 7,432 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) स्थापित करने के लिए किया जाएगा। इसका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और उनके लिए चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध कराना है।
भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम-II योजना के तहत 73.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मंजूर की है। इस राशि का उपयोग देश भर में मौजूदा 980 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों (ईवीपीसीएस) की क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसका मतलब है कि इन चार्जिंग स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा ताकि वे अधिक और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें।
फेम-II योजना के तहत, कुल 8412 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों (ईवीपीसीएस) को तेल विपणन कंपनियों को आवंटित किया गया है। इसमें से, 438 चार्जिंग स्टेशनों को मध्य प्रदेश में और 552 चार्जिंग स्टेशनों को राजस्थान में स्थापित करने के लिए मंजूरी दी गई है। इसका मतलब है कि इन राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कई नई चार्जिंग सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
भारी उद्योग मंत्रालय देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। इनमें से कुछ योजनाएं विशेष रूप से मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में लागू की जा रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाना और चार्जिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
1 अप्रैल 2024 से 30 सितंबर 2024 तक 6 महीने के लिए 778 करोड़ रुपये के बजट के साथ "इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024" लागू की जाएगी। इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर के खरीदारों को प्रोत्साहन या सब्सिडी मिलेगी। इसका मतलब है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर और इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा खरीदने पर ग्राहकों को आर्थिक मदद मिलेगी।
2. ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (पीएलआई-ऑटो)" के लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों की विभिन्न श्रेणियों, जैसे ई-इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा),इलेक्ट्रिक कार, ई-बसें, और ई-ट्रक, को प्रोत्साहन देती है। इस योजना के तहत इन इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे इनकी उपलब्धता और उपयोग बढ़ेगा।
3. 18,100 करोड़ रुपये के बजट के साथ "एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (पीएलआई-एसीसी)" बैटरी स्टोरेज के निर्माण के लिए एक योजना है। इस योजना का उद्देश्य भारत में उन्नत बैटरियों का निर्माण बढ़ाना है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जरूरी हैं। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक यात्री कारों के निर्माण को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसका लक्ष्य है कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाया जाए और वैश्विक ईवी निर्माताओं को निवेश के लिए आकर्षित किया जाए।
भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उपयोग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे:
1. इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जर/ चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई।
2. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा की है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को ग्रीन लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी।
3. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को ईवी पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह देते हुए एक अधिसूचना जारी की, जिससे ईवी की शुरुआती लागत को कम करने में मदद मिलेगी।