व्यवसाय विचार

फ्रैंचाइज़ ब्रांड इस तरह करें सही क्राउडफंडिंग मंच की पहचान

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jan 02, 2019 - 2 min read
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सही क्राउडफंडिंग की पहचान करने से पहले आपको इसका मतलब पता होना चाहिए। क्राउडफंडिंग का अर्थ है किसी नए प्रोडक्ट या स्टार्टअप कंपनी में निवेश करने के इच्छुक व्यक्तियों से उनकी इच्छानुसार वित्त जुटाने का एक साधन।

तेजी से बढ़ते बाजार के परिणामस्वरूप सहकार्य की यह प्रक्रिया अब तक की सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रक्रिया बन गई है। व्यक्तियों को कैसे निवेश करना है और कैसे अपने पैसे खर्च करने हैं, वे तरीके जिनसे यह पता चलें कि किस व्यवसाय में पूंजी बढ़ेगी आदि, इन सभी विषयों में प्रभावशाली बदलाव आ रहा हैं। टेक्नावियो की वैश्विक क्राउडफंडिंग बाजार की रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2017 से 2021 के बीच कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 17 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

क्राउडफंडिंग की बहुत सारी साइट्स है जिसमें से आप अपने लिए सही का चुनाव कर सकते हैं, जैसे क्राउडक्यूब, क्राउडफंडर, किकस्टार्टर और इंडीगोगो आदि। ज्यादातर कारोबारी मामलों की ही तरह इसमें समय सबसे बड़ी कुंजी है। साथ ही एक ऐसा प्रोडक्ट या सर्विस जो बहुत समय से है और जो ज्यादातर लोगों के पास पहले से ही है कि तुलना में यदि आप किसी नई, कलात्मक, अद्भुत और नवीनता में निवेश करें तो आपकी क्राउडफंडिंग सफल बन सकती है।

अपने ब्रांड के लिए सही क्राउडफंडिंग मंच का चुनाव करें

आपके पास चुनने के लिए बहुत से विकल्प होंगे। इसलिए सबसे पहले रिसर्च करें और निर्णय लेने से पहले सबके बारें में जान लें। हम सभी जानते हैं कि सही प्रक्रिया चुनने के लिए क्राउडफंडिंग की बहुत सी प्रक्रियाएं हैं जो अपने ऑफर की योजना के अनुसार प्रोडक्ट या सर्विस पर आधारित है।

व्यवसाय के लिए तीन तरह की क्राउडफंडिंग होती हैं-

रिवॉर्ड आधारित क्राउडफंडिंग में आप अपने निवेशकों को निवेश करने के लिए रिवॉर्ड के तौर पर प्रोडक्ट या सर्विस देते हैं। यह क्राउडफंडिंग का सबसे सामान्य तरीका है क्योंकि यह व्यवसायों को अतिरिक्त खर्च किए
बिना या स्वामित्व को दांव पर लगाएं बिना, निवेशक के योगदान को प्रोत्साहित करने की अनुमति देता है।

इक्विटी आधारित क्राउडफंडिंग वह है जहां पर सहकार्य करने वाले इक्विटी शेयर में व्यवसाय पूंजी लगाकर व्यवसाय के कुछ अंश के मालिक बन जाते हैं। इसका अर्थ है कि सहकार्य करने वाले को अपने निवेश राशि
के बदले में आर्थिक रिटर्न मिलते है और साथ ही लाभ में उन्हें अपना हिस्सा मिलता है।

पियर-टू-पियर लेंडिंग, यह कुछ ऐसा है जैसे अपने दोस्त को पैसे उधार देना और यह पारंपरिक फंड की तलाश के तरीके से छुटकारा दिलाता है।

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