आज दुनिया भर में होने वाली तकनीकी क्रांति उन कारणों में से एक है, जिनकी वजह से ई-कॉमर्स कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा विकल्पों के साथ आने के लिए बढ़ावा मिल रहा है। फोरेस्टर रिसर्च द्वारा किए गए नए अध्ययन के अनुसार, एशिया प्रशांत की कुल खुदरा बिक्री का लगभग पांचवा हिस्सा ऑनलाइन होगा, जिसमें से 78 प्रतिशत मोबाइल से हो रहा है, जो 2016 में 63 प्रतिशत था। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन खुदरा 15.6 प्रतिशत के सी.ए.जी.आर. के साथ बढ़ेगा और 2020 तक 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो 2016 में 539 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
एशिया प्रशांत में लगभग 80 प्रतिशत ऑनलाइन खुदरा बिक्री चीन में होती है और फोरेस्टर को उम्मीद है कि 2020 तक चीन, ऑनलाइन खुदरा बिक्री में 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने वाला पहला बाजार हो जाएगा। भारतीय बाजार, 31.2 प्रतिशत के सी.ए.जी.आर. से बढ़ते हुए 2021 तक 64 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह बाजार उन लोगों के लिए बिल्कूल उपयुक्त है, जो ई-कॉमर्स व्यवसाय में अपने हाथ आजमाना चाहते हैं। वह या तो खुदरा जगत का हिस्सा बन सकते हैं या 2017 में ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू करने के लिए नए विचारों के साथ आगे आ सकते हैं।
एक फैंचाइजी व्यवसाय शुरू करना और कुछ ही समय में सनसनी बन जाना आसान नहीं है, लेकिन व्यवसाय का सबसे मुश्किल हिस्सा है। खेल में बने रहना, जिसके लिए फ्रैंचाइजी का व्यवसाय से ब्रांड बनना महत्वपूर्ण है।
अपने फ्रैंचाइजी ब्रांड को परिभाषित करें:
भारत कई आने वाले नए उद्यमों, महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए घर है जहां सभी शहरों और राज्यों से नए विचार नदी की तरह बहते हैं। सरकार के द्वारा की गई पहल ‘मेक इन इंडिया’ ने भी आवश्यक प्रोत्साहन दिया है। इसलिए भीड़ से अलग दिखने के लिए आपके लिए अपने ब्रांड को परिभाषित करना बहुत महत्वपूर्ण है और यह करने के लिए कुछ अत्यावश्यक सवालों के जवाब देना जरूरी हैः
आप कौन है?
आप क्या कर रहे हैं?
आप क्यों कर रहे हैं?
संक्षेप में, अपने अद्वितीय विक्रय बिंदु (यू.एस.पी.) को अपने दिमाग में स्पष्ट रखें। सबसे पहले तो यह उत्तर आपको व्यवसाय शुरू करने की मूल अवधारणा को समझने में मदद करेंगे और आपको ब्रांड निर्माण का प्रयास करने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगे।
ब्रांड स्थिति निर्धारण (ब्रांड पोजिशनिंग)
चार पहलूओं को संयोजन है, जिससे ब्रांड के लिए पैसा आता है और वह चार पहलू है उत्पाद, कीमत, स्थान और प्रचार।
ब्रांड स्थिति निर्धारण, लक्षित ग्राहकों के लिए ब्रांड जागरूकता को निर्देशित और सीमित करने में मदद करती है।
इससे बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, जैसे प्रमुख भागीदारों की पहचान करना जो निवेश, प्रमुख गतिविधियों और आगे कैसे बढ़ना है यह बताने में मदद करेंगे। मूल्य स्थापन निर्धारित करना, ग्राहक सम्बन्ध, मुख्य संसाधन, वितरण चैनल, लागत संरचना और आय स्त्रोत। शोध रिपोर्ट्स संकेत देती है कि भारतीय ग्राहक तकनीकी पक्ष में और ज्यादा विकास देखने की उम्मीद कर रहे हैं। जैसे ऐसी एप्स जो उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को आसान कर दें। रिपोर्ट्स कहती हैं कि 14-45 साल के युवा ग्राहकों द्वारा बड़े पैमाने पर इसे बढ़ावा दिया जाता है।
तकनीकी रूप से जुड़े
तकनीक के कीड़े ने सबको काट लिया है और अगर आप अभी भी अखबारों और रेडियो विज्ञापनों के द्वारा प्रचार या विपणन करने की पुरानी विचारधारा के साथ जी रहे हैं, तो उसे छोड़कर आपको प्रचार के लिए सामाजिक मीडिया की ओर रूख करना होगा।
अकेले सामाजिक मीडिया ने कई ई-कॉमर्स व्यवसायी, ऑनलाइन दिग्गजों और प्रसिद्ध उद्यमियों को जन्म दिया है, जो ऑनलाइन सेलिब्रिटी बन गए हैं।
इंटरनेट और तकनीक चीज़ों को सुविधाजनक बनाते हैं, तो ऐसी जगह बनाने के लिए इसका फायदा उठाएं, जहाँ लोग बार-बार आना चाहे। अपने बाजार को देखें और अपने आप से पूछे कि तकनीक उनको किस तरह की सुविधा प्रदान कर सकती है।
आज कोई भी व्यक्ति घर बैठे-बैठे और बिना अपना समय, ऊर्जा और आपा खोए अपने पूरे परिवार की लगभग सारी बुनियादी जरूरतों के लिए आर्डर दे सकता है। तकनीक, लोगों के जीवन में इस तरह की क्रांति लाई है।