भारत की सबसे पुरानी एकल मालिकाना हक की कंपनियों में से एक 150 साल पुरानी रत्न और अभूषणों के उद्यम सी कृष्णह चैटी एंड सन्स (सीकेसी) को यकीन है कि फ्रैंचाइज़ कंपनी के विकास का सबसे बढ़िया मॉडल है।
TechSci रिसर्च की रिपोर्ट 'ग्लोबल जेम्स एंड ज्वेलरी मार्केट फोरकास्ट एंड अपॉरच्युनिटीस, 2020' के अनुसार ग्लोबल जेम्स एंड ज्वेलरी बाजार का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट करीब 2015-20 के दौरान 6 प्रतिशत के आसपास इसके रेवेन्यू विकास का अनुमान लगाया गया था।2014 में ग्लोबल जेम्स एंड ज्वेलरी बाजार पर सोने के सेगमेंट का प्रभुत्व रहा था और इस सेगमेंट का 2020 तक बाजार पर प्रभुत्व बने रहने की भविष्यवाणी की गई थी।
FranchiseIndia.com से बातचीत करते हुए सीकेसी ग्रुप के सेल्स एसोसिएट और निर्देशकों में से एक चैतन्या वी कोथा ने अपनी 150 साल पुरानी कंपनी के विकास और देखरेख के बारे में कई बातें बताईं।
क्या है राज
150 सालों तक सफलतापूर्वक व्यवसाय चलाते रहना कोई मजाक नहीं है। चुनौतियां जो पहले थी उन्होंने या तो और भी बहुत बड़ा आकार ले लिया है या तकनीकी या नई पीढ़ी की तरह का आकार इसने ले लिया है।
चैतन्या ने कहा, 'बहुत सारी नीतियां है। हमारी नीतियां और अनुशासन बहुत ही मजबूत हैं। अगर ज्वेलरी की बात करें तो हम देश के सबसे ज्यादा व्यवस्थिति ज्वेलरों में से एक हैं। हम यहां पर कार्यवाही करने और भाग जाने के लिए नहीं है, हम इस व्यवसाय में 150 सालों से हैं और मैं इस परिवार की 6वीं पीढ़ी हूं। परदादा के दादा के दादा ने यह कंपनी शुरू की थी, हमारी कंपनी केवल बिक्री के लिए नहीं है बल्कि एक रिश्ता बनाने के लिए है जो जीवनभर बना रहता है।'
उन्होंने कहा, 'हमारी मजबूत सप्लाई चेन मैनेजमेंट, उच्च नैतिक मानदंड (कोई तस्करी का सोने का प्रयोग, कोई विवादास्पद हीरे का प्रयोग नहीं होता है।), इन-हाउस की समर्पित डिजाइन की टीम, आधुनिक तकनीकी का प्रयोग, सुसंगठित मैनेजमेंट और बाजार के नेतृत्व वाले मूल्य हमें स्पष्ट रूप से अलग करती है।'
फ्रैंचाइज़िंग ही क्यों?
कंपनी की योजना है कि वे आने वाले एक साल के समय अंतराल में 6 अतिरिक्त फ्रैंचाइज़ स्टोर खोले।
जब उनसे पूछा गया कि वे फ्रेंचाइज़िंग को ब्रांड विस्तार के लिए सबसे आदर्श मॉडल क्योंमानते है? तब चैतन्या ने विस्तार में कहा, 'फ्रैंचाइज़िंग एक रोचक विषय है क्योंकि ये तेजी से विस्तार और उन लोगों के साथ काम करने का अवसर देता है जो आपके व्यवसाय के नियमों को समझते है। मैं भागीदारी के एकदम परफेक्ट होने पर विश्वास रखता हूं।'
उन्होंने कहा, 'हम ये निरीक्षण भी करते हैं कि ब्रांड से क्या मेल खाता है और हमारी एक बेहतरीन-स्थापित ऑनलाइन उपस्थिति भी है जो आधुनिक डिजाइन ऑफर करती है। जिसके अपडेट करने के लिए एक अलग टीम होती है। जेम्स और डायमंड की बढ़ती मांग के कारण विशेष रूप से मध्यम आय वर्ग के जरिए इस व्यवसाय का विकास की गांरटी है।'
ग्लोबल ब्रांड्स भारत को लक्षित करते
वर्तमान में, भारत ने बहुत सारी ग्लोबल ब्रांडों को आते हुए देखा है या देश में प्रवेश करते देखा है जिसने देश के घरेलू ब्रांडों दोनों पुराने व नए के आधार को हिला दिया है लेकिन सीकेसी को इन सभी विदेशी ब्रांडों से डरने की कोई जरूरत नहीं है।
चैतन्या ने इस बात की जानकारी दी है कि क्यों विदेशी ब्रांड भारत में आने के लिए आकर्षित हो रहे हैं, 'देश की खर्च करने की शक्ति में अचानक से तेजी आई है। मेरे ख्याल से मध्यम वर्ग बहुत तेजी से बढ़ा है जिसका अर्थ है इससे असल खर्च करने की राशि में अतिरिक्त मिली है जिसे खर्च किया जा सकता है। भारत आज बिलियन जनसंख्या के साथ है इसकी 20 प्रतिशत की बड़ी जनसंख्या के साथ यह केवल बढ़ रही है। भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से है और यही कारण है कि मुझे लगता है कि ज्यादातर कंपनियां भारत में आ रही हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमारे पुराने निष्ठावान ग्राहक 60 प्रतिशत तक है जबकि हमारे नए ग्राहक 40 प्रतिशत है। हमारा लॉयल्टी प्रोग्राम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये ग्राहकों के ऑटोमैटिक रिवार्ड पॉइंट देता है। जन्मदिन और सालगिराह पर गिफ्ट, रिवॉर्ड, बोनस और स्पेशल प्रिवलेज हमारें सबसे ज्यादा पॉइंट पाने वाले ग्राहक को देता है। यह देश का अपनी तरह का पहला ब्रांड है जो ये सारी सुविधाएं प्रदान करता है।'