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- बजाज फाइनेंस को EV बिक्री के लिए IFC से मिला $400 मिलियन का लोन
इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) ने बजाज फाइनेंस को $400 मिलियन (करीब 3300 करोड़ रुपये) का कर्ज दिया है। इस पैसे का इस्तेमाल बजाज फाइनेंस इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और ऊर्जा बचाने वाले प्रोडक्ट्स को खरीदने के लिए आसान लोन देने में करेगी। इसके साथ ही महिला उद्यमियों और महिलाओं को छोटे कर्ज देने में भी मदद मिलेगी। यह राशि बजाज फाइनेंस की 1 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना का एक हिस्सा है।बजाज फाइनेंस ने कहा कि इस फंडिंग का उद्देश्य जलवायु से जुड़े कर्ज के बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना, देश के जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करना और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराना है।
बजाज फाइनेंस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर संदीप जैन ने कहा कि IFC का $400 मिलियन का कर्ज कंपनी को उन ग्राहकों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने में सक्षम बनाएगा जो दोपहिया, तिपहिया और चारपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं। इसके साथ ही, यह कंपनी की ऊर्जा-कुशल उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में उपस्थिति को मजबूत करेगा। यह साझेदारी महिला-स्वामित्व वाले छोटे उद्यमों और महिला सूक्ष्म-उधारकर्ताओं को वित्तीय सहायता देने और समर्थन करने की कंपनी की क्षमता को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा, "IFC की फंडिंग हमारे वित्तीय स्रोतों में विविधता लाने के लिए एक उत्प्रेरक का काम करती है। इसके साथ, हमारे जलवायु ऋण का आकार 2024 में $150 मिलियन से बढ़कर 2027 में $600 मिलियन हो जाएगा।"
आईएफसी के रीजनल डायरेक्टर इमाद एन फखूरी के अनुसार, भारत के नेट-ज़ीरो लक्ष्य हासिल करने के लिए जलवायु वित्त को तेज़ी से बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण है। बजाज फाइनेंस में IFC का निवेश बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और अन्य एनबीएफसी और निवेशकों को ऊर्जा-कुशल समाधान, ई-मोबिलिटी और माइक्रोफाइनेंस के लिए अपने वित्तपोषण को बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी।
भारत दुनिया में ऊर्जा की खपत करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। जैसे-जैसे देश का ऊर्जा क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, लाखों परिवारों के नए उपकरण, एयर कंडीशनर और वाहन खरीदने की उम्मीद है। 2050 तक एयर कंडीशनर की मांग नौ गुना बढ़ने का अनुमान है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में काफी वृद्धि होगी। घरेलू उपकरणों का बाजार 2024 में $59.2 बिलियन का आकलन किया गया है और इसके सालाना 7.35 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
ऊर्जा दक्षता उपभोक्ता वस्त्र गाइडलाइन्स (EECG)देश के कम कार्बन उत्सर्जन वाले विकास में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि घरेलू उपयोगों में कुल ऊर्जा खपत का 26 प्रतिशत और बिजली खपत का 25 प्रतिशत हिस्सा है। हालांकि, EECG का इस्तेमाल और इसकी वित्तीय सहायता सीमित है, क्योंकि केवल 26 प्रतिशत उपभोक्ता सामान को ही 5- या 4-स्टार ऊर्जा दक्षता रेटिंग मिलती है, जो अनिवार्य होती है।