जब हम चाय और व्यवसाय इन दोनों चीजों की एक साथ कल्पना करते हैं, तब सम्भावनाओं का असीम आकाश खुल जाता है। भारत एक चाय-प्रेमी देश होने के कारण, चाय से संबंधित कारोबार का कामयाब होना तय है। एक कामयाब बबल टी आउटलेट के लिए कोई सीक्रेट फॉर्मूला नहीं है। आपको सिर्फ आपका मेन्यू होशियारी से चुनना है। अपने कर्मचारियों को अच्छी तरह प्रशिक्षित करना है और अपने टारगेट ऑडियंस को पहचानना है। आज के युवा उद्यमियों में बबल टी लोकप्रिय है। भारत में बबल टी संस्कृति के आगमन से, अवसरों की बहार आ गई है। जानने की कोशिश करते हैं कि बबल टी क्या है और आप अपना खुद का बबल टी व्यवसाय कैसे चला सकते हैं?
क्या है बबल टी?
बबल टी मूलतः तैवान से है। बबल टी उन तरोताजा करने वाली फ्रुट टी और मिल्क टी की विस्तृत श्रृंखला को कहा जाता है, जो या तो बहुत ठंडे या अत्यधिक गर्म, प्राकृतिक टैपिओका बॉल्स के साथ सर्व की जाती हैं और आप उन्हें एक बड़े, मोटे स्ट्रॉ से सिप करते हैं।
अचानक से ये लोकप्रियता क्यों ?
बबल टी सर्व करने वाले और उसमें स्पेशलाइज करने वाले भी, ब्रांड्स की संख्या में अचानक बढोतरी हुई है। Dr Bubbles जिनके मुंबई में 3 आउटलेट्स हैं, असली बबल टी बनाने वाले अपने ‘मेड इन इंडिया’ स्वचालित टी ब्रूअर और शेकिंग मशीन पर गर्व महसूस करते हैं। Dr Bubbles के संस्थापक अदनान सरकार कहते हैं, “हर कोई ओरिजिनल बबल टी पसंद नहीं करता। पहले बबल टी का ट्रेन्ड ठीक ढंग से पकड़ नहीं पाया था। कई ब्रांड्स सिर्फ नकल उतार रहे थे, लेकिन अब बाजार के स्वाद के हिसाब से बनाए गए खास प्रोडक्ट्स और उनके भारतीयकरण की वजह से हम तेजी से बढ़ पा रहे हैं। हम अपने ग्राहकों के दिल जीतने के लिए हर कुछ दिनों में नए-नए फ्लैवर्स जोड़ते रहते हैं।”
सोशल मीडिया और युवाओं के लिए कई तरह के लॉयल्टी प्रोग्राम्स भी बबल टी ब्रांड्स को व्यवसाय बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। 15-30 वर्ष का आयुवर्ग ही उनका लक्ष्य-समूह है। टी ट्रैल्स के सह-संस्थापक, उदय माथुर कहते हैं, “बबल टी का दौर 1980 के दशक में तैवान से शुरु हुआ और आज वह दुनियाभर में लोकप्रियता हासिल कर चुका है। टैपिओका बॉल या बोबा एक स्वस्थ बेवरेज विकल्प है और आज के युवाओं में काफी पसंद किया जा रहा है। आज के भारतीय ग्राहक काफी यात्रा करते हैं, खानपान के नए-नए रूझानों के बारे में जागरूक हैं और वैश्विक क्विजाइंस का अनुभव लेने के लिए इच्छुक हैं।”
इसके लिए फ्रैंचाइजी मॉडल सबसे उचित क्यों है?
चूंकि भारत के युवाओं द्वारा बबल टी को ज्यादातर पसंद किया जा रहा है, फ्रैंचाइजी के सफलता से निकल पड़ने की संभावनाएं बहुत ज्यादा होती हैं। फ्रैंचाइजी मॉडल से ROI (निवेश पर प्रतिफल) भी आश्वस्त हो जाता है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा चाय पीने वाला देश है, तो अगर आप चाय के दीवाने हैं और आपकी अंदाजन 30-35 लाख रूपए निवेश करने की क्षमता है, तो आप भारत में बबल टी व्यवसाय बहुत अच्छी तरह से चला सकेंगे।
चुनौतियां
किसी भी अन्य व्यवसाय की तरह बबल टी व्यवसाय में भी अपनी तरह की चुनौतियां हैं। टी ट्रैल्स ने नवम्बर 2013 में मुंबई में अपना पहला आउटलेट शुरु किया। ब्रांड गर्म और ठंडी चाय के 100 से अधिक प्रकार और बेस्ट सेलर्स के रूप में 2 प्रकार की बबल चाय – टेपिओका बॉल्स और बोबास- प्रस्तुत करता है। बबल टी की इन दो शैलियों में एक दर्जन से ज्यादा तरह के प्रोडक्ट्स हैं। टी ट्रैल्स के वर्तमान में 8 शहरों में 31 आउटलेट्स हैं और वे इसी साल नए बाजारों में उतरते हुए 100 नए आउटलेट्स जोड़ने वाले हैं। टी ट्रैल्स के माथुर बताते हैं, “उच्च दर्जे के बोबा और एक परिपूर्ण बबल टी बनाने के लिए आवश्यक कुशल कारीगर, ये दो चुनौतियां हैं चुनौतियां होती हैं, जिन्हें आप को पार पाना होता है।” दूसरी ओर Dr Bubbles के सरकार आगाह करते हैं कि इस बाजार में बने रहना यही सबसे बड़ी चुनौती है। आपको बाजार में खड़े रहने और आगे बढ़ने के लिए लगातार नए स्वाद और प्रकार पेश करते रहना पड़ता है।
मास्टर फ्रैंचाइजी का अवसर भी उपलब्ध है
ये सफल रूप से सक्रीय भारतीय ब्रांड्स अन्य देशों में उड़ान भरने के लिए भी तैयार हैं। बबल टी ब्रांड्स अब अंतर्राष्ट्रीय मास्टर फ्रैंचाइजी अवसरों के लिए सुस्थापित और अनुभवी फ्रैंचाइजी भागीदारों की खोज में हैं। टी ट्रैल्स पहले से ही यूएई, यूके और सिंगापुर के सम्भावित भागीदारों से बातचीत कर रहा है। Dr Bubbles जल्द ही अपने सम्भाव्य भागीदार के साथ लंदन में आउटलेट शुरु करने जा रहे हैं।
बाजार के अन्य ब्रांड्स
Buntea & Bubbley
चाटाइम
चा रिपब्लिक
टीज
(Refer to the graph in original article)