ऐडटेक कंपनी बायजूस ने हाल ही में जिन्नी थैटिल को अपना नया सीटीओ नामित किया। बायजूस की ओर से जारी किये गए बयान में कहा गया कि कंपनी ने इंजीनियरिंग के लिए अपने वरिष्ठ उपाध्यक्ष जिनी थाटिल को मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) की भूमिका में पदोन्नत किया है। थैटिल ने अनिल गोयल का स्थान लिया है। कंपनी ने कहा कि हमें जिनी थैटिल को बायजूस के सीटीओ के रूप में पदोन्नत करते हुए खुशी हो रही है। उनका अनुभव और नेतृत्व कौशल उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाते हैं क्योंकि हमारी कोशिश रहती है कि कंपनी आने वाले समय में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करे। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही कंपनी के सभी फैसले किये जाते हैं। बायजूस के भारत के सीईओ अर्जुन मोहन ने कहा, हम अनिल गोयल को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए हार्दिक आभार व्यक्त हैं। इसके अलावा बयान में यह भी कहा गया कि सीटीओ पद के लिए जो भी जरूरी परिवर्तन किये गए हैं वह बायजूस के रणनीतिक पुनर्गठन का एक हिस्सा हैं।
जिन्नी थैटिल के सीटीओ बनने को लेकर कंपनी ने कहा कि उन्हें 25 वर्षों से अधिक का कार्यानुभव है। इसके अलावा उन्हें ई-कॉमर्स, विज्ञापन, एनालिटिक्स, भुगतान, ऑनलाइन बैंकिंग, व्यक्तिगत वित्त, बिजनेस इंटेलिजेंस, हेल्थकेयर और परिवहन सहित विविध डोमेन की भी बेहतरीन समझ है। इसके अलावा थैटिल ने बायजूस की अलग-अलग सहायक कंपनियों के अधिग्रहण के बाद एकीकरण में भी योगदान दिया है। पिछली भूमिकाओं की बात करें तो उन्होंने हैप्पे, अमेजॅन, इनमोबी, जीई हेल्थकेयर आदि जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ भी काम किया है, उनका यह अनुभव कंपनी के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
बीते दिनों ईडी नोटिस को लेकर चर्चा में था बायजूस
बीते दिनों ईडी नोटिस को लेकर चर्चा में रहा बायजूस। हालांकि एडटेक प्रमुख बायजूस ने कहा कि कंपनी ने किसी भी तरह के नियमों की अवमानना नहीं की है और न उनके पास प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से कोई नोटिस आया है। बायजूस की ओर से ट्वीट कर यह जानकारी साझा की गई। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि फर्म ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। विशेषतौर पर बाजार में चल रही खबरों यानी कि जिसमें फर्म को ईडी की ओर से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन करने के लिए 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने की बात कही गई है, इसमें कोई सच्चाई है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत निर्णायक प्राधिकारी ने एक शिकायत के आधार पर बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और सीईओ बायजू रवींद्रन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनके खिलाफ 9,362.35 करोड़ रुपये के फेमा के कथित उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है। एजेंसी ने कहा कि उसने कंपनी मेसर्स थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राप्त विदेशी निवेश और फर्म के व्यावसायिक आचरण के संबंध में प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की थी।
ईडी के एक प्रवक्ता ने कहा, कंपनी ने यह भी कहा था कि उसने भारत के बाहर महत्वपूर्ण विदेशी प्रेषण और विदेशों में निवेश किया है, जो सीधे तौर पर फेमा 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन था और इससे केंद्र सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ था। प्राप्त सूचना के आधार पर ईडी ने 27 और 28 अप्रैल को मेसर्स थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के परिसर और रवींद्रन के आवास की तलाशी भी ली। इसने कंपनी द्वारा प्राप्त सभी निवेशों से संबंधित दस्तावेजों के साथ-साथ विदेश में किये गए निवेश संबंधित सभी दस्तावेजों को भी जब्त कर लिया था। जांच के दौरान, रवींद्रन और मेसर्स थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी का बयान दर्ज किया गया। जांच के निष्कर्ष में यह पाया गया कि मेसर्स थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और रवींद्रन भारत के बाहर किए गए सभी निवेशों के दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल हुए हैं, जो कि स्पष्ट तौर पर फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन था। प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच में यह भी पाया गया कि कंपनी ने प्राप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के खिलाफ दस्तावेज दाखिल करने में देरी भी की। साथ ही कंपनी में प्राप्त एफडीआई के खिलाफ शेयर आवंटित करने में भी विफल रही।
खबरों में ईडी के सूत्रों के अनुसार, बायजूस ने 2011 और 2023 के बीच लगभग 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया। सूत्रों ने बताया कि एडटेक फर्म ने इसी अवधि के दौरान भारत के बाहर निवेश में लगभग 9,754 करोड़ रुपये भेजे। रिपोर्टों के अनुसार नोटिस में सीधे तौर पर बायजूस के संस्थापक बायजू रवींद्रन और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। ईडी का यह कदम एड-टेक कंपनी द्वारा संभावित फेमा उल्लंघन की जांच के बाद आया है। हालांकि बायजूस ने स्पष्ट रूप से उन सभी मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जो बायजूस द्वारा किसी भी फेमा उल्लंघन का संकेत देती हैं। कंपनी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर की, जिसमें साझा किया कि उनको अभी तक ईडी की ओर से किसी भी तरह का कोई नोटिस नहीं मिला है और न ही उनके साथ किसी भी तरह का संवाद हुआ है। बायजूस ने कहा कि वह अगले तीन हफ्तों में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ सभी आंकड़े दाखिल करने की योजना बना रहा है।