फैक्ट्रीप्लस के निवेशक बेटर कैपिटल व टाइटन कैपिटल इस अधिग्रहण के बाद होंगे कंपनी से बाहर
एमएसएमई को कम लागत पर कच्चा माल उपलब्ध कराए जाने के प्रयास होंगे तेज
निर्माताओं के लिए वित्तीय मदद की भी होगी व्यवस्था
विक्रेता डिजिटलीकरण स्टार्टअप बिजिंगो ने हाल ही एमएसएमई द्वारा संचालित कारखानों के लिए फैक्ट्री डिजिटलीकरण ऐप फैक्ट्रीप्लस के अधिग्रहण की घोषणा की। इस अधिग्रहण के साथ, बिजिंगो फैक्ट्रीप्लस की मोबाइल-प्रथम क्षमताओं में जैसे फैक्ट्री इन्वेंट्री प्रबंधन, कच्चे माल की कीमतें, समाचार फीड और डिजिटल कैटलॉग को शामिल करेगा। इस अधिग्रहण के बाद फैक्ट्रीप्लस के निवेशक बेटर कैपिटल और टाइटन कैपिटल कंपनी से बाहर निकल जाएंगे। इस अधिग्रहण से बिजिंगो एमएसएमई को एआई-संचालित कच्चा माल खरीद समाधान भी प्रदान करेगा, जो उन्हें कम से कम संभव लागत पर विक्रेताओं से कच्चा माल प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। कंपनी ने कहा कि यह निर्माताओं को कच्चे माल की खरीद में देरी और कार्यशील पूंजी के अभाव में आने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए वित्तपोषण की भी सुविधा प्रदान करेगा।
बिजिंगो के सह-संस्थापक और सीईओ सचिन अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई की निरंतर सफलता और विस्तार का समर्थन करने के लिए, डिजिटल परिवर्तन को अपनाने में एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों को समय रहते समझना और इनका निराकरण बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि समस्या की स्थिति में ही नई-नई तकनीकें यानी कि प्रौद्योगिकी एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि यह अध्रिग्रहण बढ़ते प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में विक्रेताओं की सफलता के लिए कई अवसर लेकर आएगा।
फैक्ट्रीप्लस का उद्देश्य फैक्ट्रीज को कम लागत में अधिक प्रभावी बनाना
फैक्ट्रीप्लस के सह-संस्थापक और सीईओ वत्सल रुस्तगी ने कहा कि 2021 में स्थापित, फैक्ट्रीप्लस का उद्देश्य प्रौद्योगिकी की मदद से फैक्ट्रियों को अधिक स्मार्ट, तेज और कम लागत में अधिक प्रभावी बनाना है, ताकि फैक्ट्री मालिक मैन्युअल संचालन पर कम समय खर्च कर सकें और अपने व्यवसाय को बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारे उत्पाद का उपयोग पूरे भारत में कारखानों में कई हितधारकों द्वारा वस्तुओं के निर्माण कार्यों के लिए दैनिक रूप से किया जा रहा है। फैक्ट्रीप्लस के प्लेटफॉर्म पर 4,000 से अधिक कंपनियां हैं।
भारतीय कंपनियों का रुझान एआई की ओर
वस्तु निर्माण प्रक्रिया के डिजिटलीकरण पर इस वर्ष जून में पीडब्ल्यूसी इंडिया के एक सर्वेक्षण में कहा गया कि भारतीय कंपनियां भी एनालिटिक्स और एआई को अपनाने के लिए तैयार हैं। हालांकि डिजिटल प्रौद्योगिकी में निवेश अभी भी एक समस्या बनी हुई है। ऐसे में इस अधिग्रहण को लेकर एमएसएमई के लिए उम्मीदें जरूर जागी हैं।