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- बिट्स पिलानी केके बिड़ला गोवा कैंपस का हर क्षेत्र में हो रहा विस्तार
बिट्स पिलानी केके बिड़ला गोवा कैंपस, जुआरीनगर दो सदी पूर्व इस राज्य में स्थापित पहला राष्ट्रीय तकनीकी इंस्टीट्यूट था। बिट्स पिलानी के गोवा स्थित कैंपस ने अब अपने 20 वर्ष पूरे कर लिए हैं। वर्ष 2004 में जब इस संस्थान की स्थापना की गई थी, तब यहां 600 छात्रों ने नामांकन कराया था, जिसे बढ़ाकर अब 5000 छात्र करने की योजना है। इसमें अंडरग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) छात्रों को भी शामिल किया गया है।
बिट्स पिलानी केके बिड़ला गोवा कैंपस के निदेशक प्रोफेसर सुमन कुंडु के अनुसार, "हमारे यहां फिलहाल 4500 से ज्यादा छात्र हैं, जिनमें अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट समेत पीएचडी छात्र भी शामिल हैं। अब तक यूजी और पीजी के 900 छात्र हमारे यहां प्रथम वर्ष स्तर में अध्ययनरत हैं। आने वाले वर्ष में हम इसे बढ़ाकर 1200 छात्र तक करने को प्रयासरत हैं। जैसे-जैसे ये छात्र उच्च कक्षाओं में जाएंगे, कैंपस में अध्ययनरत छात्रों की संख्या 5000 से ज्यादा हो जाएगी। आने वाले वर्ष में संस्थान अपने पीएचडी छात्रों की संख्या भी दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा, हमने 15 से 20 पीएचडी छात्रों से शुरू किया था, जो आज 500 पीएचडी छात्रों तक पहुंच गया है। शोधों से संबंधित अपनी सुविधाओं को और बेहतर करने को लेकर हम लगातार प्रयासरत हैं। हम सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फेसिलिटी (केंद्रीय औजारों संबंधी सुविधाओं) को बेहतर बनाने की कोशिश में भी जुटे हैं। हमें यकीन है कि इन सुविधाओं के बल पर पीएचडी छात्रों की संख्या को भी हम दोगुना कर सकेंगे।
बिट्स पिलानी केके बिड़ला गोवा कैंपस संस्थान ने गणित और कम्प्यूटिंग में नए यूजी प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी की है। साथ ही, संस्थान ने अपने शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी करने की योजना भी बनाई है, ताकि छात्रों की संख्या बढ़ने पर उनकी शिक्षा के स्तर में कमी न आए।
बिट्स पिलानी केके बिड़ला गोवा कैंपस के निदेशक ने कहा, "हम ऐसे प्रोफेसरों की नियुक्ति करने के लिए प्रयासरत हैं, जिनके पास औद्योगिक संस्थानों में काम करने को लेकर सभी जरूरी कौशल और क्षमता मौजूद हों। हमारी कोशिश है कि उन्हें औद्योगिक संस्थानों में काम करने के दौरान आने वाली समस्याओं का भान हो और उसका हल भी मालूम हो। ऐसा हुआ तो यूजी और पीएचडी छात्रों को नौकरी के लिए पूर्णतः तैयार करने में उनका यह अनुभव महत्वपूर्ण साबित होगा। हमारा ध्यान कैंपस में अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष संबंधी शोधों समेत उनके विकास से जुड़ी शिक्षा प्रदान करने पर भी है। इसके अलावा 'नैनो टेक्नोलॉजी', 'टिश्यु साइंस' और 'कैमिकल इंजीनियरिंग में एआई' जैसे कई विशेष विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी हमारी योजना है। इस क्रम में कैंपस का विस्तार कर उसमें अल्ट्रा मॉडर्न 'डी' विंग को भी शामिल करने की तैयारी की जा रही है।"
छात्रों की संख्या और पाठ्यक्रम के साथ-साथ छात्रों के लिए आवश्यक सुविधाओं में भी बढ़ोतरी करने की योजना है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है। प्रोजेक्ट विस्तार के तहत होस्टल, एकेडमिक और रिसर्च बिल्डिंग्स तैयार करने की योजना को अंजाम दिया जा रहा है। छात्रों के फिटनेस के लिए जिम, खेलने के लिए बैडमिंटन कोर्ट और स्विमिंग पूल की व्यवस्था भी कैंपस के अंदर की जा रही है। अंधेरा होने के बाद भी छात्र खेल का आनंद ले सकें, इसके लिए उचित रौशनी की व्यवस्था भी की जा रही है। हमारी पूरी कोशिश है कि हमारे छात्र एक्टिव, हेल्दी और व्यस्त रह सकें।"