किसी भी व्यवसाय की तरह 'रेस्टोरेंट इंडस्ट्री' को आगे बढ़ाने के लिए भी कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। रेस्टोरेंट मालिकों के लिए ग्राहकों समेत अपने कर्मचारियों के साथ भी रिश्ते मधुर बनाने की आवश्यकता होती है। अगर, वे इतना कर लें तो यकीनन उनके व्यवसाय पर इसका काफी अच्छा असर देखने को मिल सकता है। हालांकि, अपने व्यवसाय को आगे ले जाने के लिए मालिकों को कुछ अन्य बातों को भी ध्यान में रखने की जरूरत है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ, आइए जानें...
मैनेजमेंट को लगे कि मैं कीमती हूं
'रेस्टोरेंट बिज़नेस' में हम टेक्नोलॉजी, डिजाइन वगैरह कई मुद्दों पर बात करते हैं। हम यह भूल जाते हैं कि इन सभी को कॉपी किया जा सकता है। बस एक ही चीज़ है, जिसे कोई कॉपी नहीं कर सकता और वह है- हमारे साथ काम करने वाले लोग और उनकी खासियत। लोग, जिन्हें हम किस तरह से चुनते हैं, किस तरह प्रशिक्षित करते हैं, किस तरह उनके साथ अपने रिश्ते बनाते हैं, अपने साथ जुड़े रहने के लिए उन्हें कैसे प्रेरित करते हैं, ये बातें सबसे ज्यादा मायने रखती हैं। किसी भी व्यवसाय में सही मायनों में हमारी यही सोच और काम करने के तरीके हमें दूसरों से अलग, खास और सफल बनाती हैं।
कौन सी चीजें हैं, जो किसी भी कर्मचारी को आपकी कंपनी से जोड़े रखती हैं... वरीयता को ध्यान में रखते हुए आइए, इसे उलटे क्रम में सजाते हैं...
अगर आप अपना रेस्टोरेंट चला रहे हैं तो थोड़ा रुकिए और खुद से अपना रिव्यू करिए। पूरी ईमानदारी के साथ। यह टटोलने की कोशिश करिए कि क्या आपका संस्थान अपने कर्मचारियों के साथ ऐसा ही व्यवहार कर रहा है? क्या आप अपने कर्मचारियों के साथ ऐसा आत्मीय रिश्ता बना पाए हैं कि वे बेझिझक आपके साथ अपना दुःख-दर्द बांट सकें? अगर अगर आप वाकई ऐसा कर रहे हैं तो यकीन मानिए, आपके सुख-दुःख में ये कर्मचारी भी सदा आपके साथ खड़े रहेंगे। आपकी यही प्रवृत्ति आपको अन्य कंपनियों से अलग और खास बनाएगी। एक सीईओ के तौर पर मैं इस बात का पूरा ध्यान रखता हूं कि मेरी कंपनी में इन बातों का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं? अगर आपने इतना कर लिया तो यकीन मानिए, पूरी इंडस्ट्री में आपको कोई पछाड़ नहीं सकेगा।
- नवीन गुरनानी, सीईओ, टिम हॉरटोंस इंडिया
लॉयल्टी बिदाउट डिस्काउंट
किसी भी व्यवसाय में ग्राहकों के साथ आपके रिश्ते कैसे हैं, का आपके व्यवसाय पर काफी असर पड़ता है। उनके साथ आपके रिश्ते अच्छे हों तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि रेस्टोरेंट में किसी तरह की कोई छूट दे रहे हैं या नहीं। भूख लगने पर आपके नियमित ग्राहक आपके रेस्टोरेंट की ओर आने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। इसे इस तरह से समझें। मान लीजिए कि आप अपनी गर्लफ्रेंड या अपने फ्रेंड्स को पार्टी देना चाहते हैं, जिसमें उन्हें उनकी पसंद का खाना खिलाना चाहते हैं। आपको मालूम है कि उन्हें कौन से रेस्टोरेंट का खाना पसंद आएगा। ऐसे में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि उस खास रेस्टोरेंट में आपको किसी तरह की छूट मिल रही है या नहीं, आप उन्हें ट्रीट देने के लिए उसी रेस्टोरेंट में लेकर जाएंगे।
- गौरव नारंग, संस्थापक, कॉफी कल्चर
दो से चार किलोमीटर की दूरी
आपके रेस्टोरेंट व्यवसाय पर इस बात का सबसे ज्यादा असर दिखता है कि आपके ब्रांड आउटलेट के दो से चार किलोमीटर की दूरी पर कैसे लोग रहते हैं या वहां का माहौल कैसा है। आसपास के लोग आपके यहां आकर आपके फूड्स तभी टेस्ट करेंगे, जब आपका आउटलेट उनके यहां से इतनी ही दूरी में हो। आपके डिलिवरी कल्चर के साथ भी ऐसा ही जरूरी है। दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर जो भी रेस्टोरेंट हों, अगर लोग वहां तक खुद खाने के लिए नहीं जा पाते, तो ऑनलाइन डिलिवरी के लिए ऑर्डर दे देते हैं यानी फ़ूड बिज़नेस में दूरी काफी मायने रखती है।
- मुरली कृष्णन, को-फाउंडर एंड सीएमओ, वॉव! मोमो
'मेटावर्स' की तर्ज पर 'बेटावर्स'
हम भारतीय एक मजबूत घरेलू बाजार में ज्यादा यकीन रखते हैं। अगले चार से पांच सालों तक के लिए हम अवसरों की तलाश में हैं। भारत के पास टेक्नोलॉजी और स्किल्स दोनों हैं, जिसका इस्तेमाल करके रेस्टोरेंट इंडस्ट्री काफी फायदा उठा रही है। भारत में 'मेटावर्स' की तर्ज पर 'बेटावर्स' (अद्वितीय अनुभव) की भी एक अलग दुनिया तैयार हो चुकी है। रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर इसका ज्यादा असर दिख रहा है।
अब तक हॉस्पिटैलिटी केवल लोगों के जरिये किया जा रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। फ़ूड के साथ-साथ रेस्टोरेंट इंडस्ट्री अब ब्लड डोनेशन जैसे समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़ा हुआ है। इसके जरिए वह लोगों की मदद भी कर रहा है।
कोरोना काल ने मजदूरों को उनके घर लौटने पर मजबूर कर दिया। वहीं, रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में होम डिलीवरी का काम बढ़ गया, जिसमें ज्यादातर इसी वर्ग के लोग काम करते हैं। अब फिर से उन्हें शहरों की ओर बुलाना आसान नहीं हो रहा। मजदूर महंगे हो गए हैं। जिससे हमारी इंडस्ट्री का बजट बढ़ गया है और खाना भी महंगा हो गया है।
- उन्नत वर्मा, एमडी, पिज्जा हट