केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज भारत न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम (भारत एनसीएपी) को लॉन्च किया। इसका उद्देश्य भारत में 3.5 टन वाले वाहनों के लिये सुरक्षा मानकों को बढ़ाकर सड़क सुरक्षा में इजाफा करना है।
गडकरी ने कहा कि भारत-एनसीएपी से भारत में वाहनों की सुरक्षा और उनकी गुणवत्ता में बहुत बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही सुरक्षित वाहनों के निर्माण के लिए ओईएम के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत एनसीएपी और एआईएस-197 के तहत नई सुरक्षा-व्यवस्था निर्माताओं और उपभोक्ताओं, दोनों के लिए लाभदायक है। यह हमारे नागरिकों के जीवन की रक्षा करने तथा हमारे मोटर-वाहन उद्योग को दुनिया में पहले नंबर पर लाने के लिए सहायक होगा।
यह कार्यक्रम 3.5टन सकल वाहन वजन (जीवीडब्लू) के नीचे वाली एम-1 श्रेणी( आठ सीट वाले वाहन) के स्वीकृत वाहनों पर लागू होगा। यह ऐच्छिक कार्यक्रम है, जिसमें निर्धारित मॉडल वाले वाहनों की विभिन्न किस्मों की जांच की जायेगी।
यह कार्यक्रम एक अक्टूबर, 2023 से शुरू होगा और मोटर-वाहन उद्योग मानक (एआईएस) 197 पर आधारित होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी सुरक्षा वृद्धि की इको-प्रणाली को विकसित करना है, जिससे उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा होगी। उपभोक्ता ‘क्रैश-टेस्ट’ द्वारा वाहन का तुलनात्मक मूल्यांकन करके उसके बारे में फैसला कर सकते हैं।
एनसीएपी सभी ओईएम को यह अवसर देगा कि वे वैश्विक सुरक्षा मानकों का पालन करते हुये वाहनों का निर्माण करें। यह कार्यक्रम केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (सीआईआरटी) के तत्वावधान में चलाया जायेगा। यह कार्यक्रम समस्त हितधारकों से सलाह-मशिवरा करने के बाद तैयार किया गया है।
रैनो इंडिया के कंट्री सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकटराम मामिलापल्ले ने कहा मैं इस दूरदर्शी और ऐतिहासिक पहल के लिए भारत सरकार की सराहना करता हूं। भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) ऑटोमोटिव उद्योग में वास्तव में एक ऐतिहासिक निर्णय है। यह महत्वपूर्ण प्रगति "फर्स्ट ह्यूमन प्रोग्राम" पहल के हमारे मुख्य मिशन के साथ सहजता से जुडी है।
सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ भारत एनसीएपी सड़कों पर वाहनों के सुरक्षा मानकों का आकलन करने और उन्हें बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। भारत सरकार द्वारा भारत एनसीएपी की समय पर और ऐतिहासिक शुरूआत अपने नागरिकों की सुरक्षा और सड़क सुरक्षा को आगे बढ़ाने के प्रति उसके समर्पण को दर्शाती है। रैनो इंडिया इस पहल का तहे दिल से समर्थन करता है और दुर्घटनाओं को कम करने और सभी के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देने के लिए तत्पर है।
भारत एनसीएपी प्रोग्राम का उद्देश्य कार ग्राहकों को बाजार में उपलब्ध मोटर वाहनों की दुर्घटना संबंधी सुरक्षा का एक तुलनात्मक मूल्यांकन करने के लिए एक उपकरण प्रदान करना है। इस प्रोग्राम के अंतर्गत, कार निर्माता स्वेच्छा से मोटर-वाहन उद्योग मानक (एआईएस) 197 के अनुसार टेस्ट की गई अपनी कारों की पेशकश कर सकते हैं। इन टेस्ट में कार की प्रदर्शन क्षमता के आधार पर, कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट और चाइल्ड ऑक्यूपेंट ( गाड़ी में बैठे लोगों और बच्चों) की स्टार रेटिंग प्रदान की जाएगी। संभावित कार ग्राहक विभिन्न वाहनों के सुरक्षा मानकों की तुलना करने के लिए इन स्टार रेटिंग का उल्लेख कर सकते हैं और उसके अनुरूप अपना खरीद का निर्णय ले सकते हैं।
यह उम्मीद है कि इससे सुरक्षित कारों की मांग बढ़ेगी, जिससे कार निर्माता ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। उच्च सुरक्षा मानकों के साथ, भारतीय कारें वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगी, जिससे भारत में कार निर्माताओं की निर्यात की क्षमता बढ़ेंगी। इस प्रोग्राम से भारत में सुरक्षा के प्रति संवेदनशील कार बाजार के विकसित होने की उम्मीद है।
ग्लोबल की जगह भारत एनसीएपी
भारत में अब तक बेची जाने वाली कारों पर ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) टेस्ट रेटिंग दी जाती थी। इस रेटिंग से कार की मजबूती का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन अब भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के तहत भारत में मैन्युफैक्चरिंग की जाने वाली और बेचे जाने वाले वाहनों को उनके क्रैश टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी।
भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) में क्या कुछ
इस प्रोग्राम के तहत वाहन मैन्युफैक्चरर ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआईएस) 197 के अनुसार अपने वाहनों को टेस्टिंग के लिए भेज सकते है। टेस्टिंग वाहन के प्रदर्शन के आधार पर, एडल्ट ऑक्यूपेंट और चाइल्ड ऑक्युपेंट्स के लिए भी स्टार रेटिंग दी जाएगी।
भारत एनसीएपी की टेस्टिंग कौन करेगा
भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम के लिए ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( एआरएआई) क्रैश टेस्ट एजेंसी का काम कर रही है। पुणे और चाकन में पूरी तरह से अत्याधुनिक तकनीक से लैस लैब्स हैं, जिन्होंने 800 से ज्यादा प्री-एनसीएपी क्रैश टेस्ट किए हैं।
वाहन निर्माता को अपने वाहनों के क्रैश-टेस्ट के लिए सैंपल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि एजेंसी वाहनों का टेस्ट कर सके और फिर उसके बाद रेटिंग दे सके। इसके अलावा एजेंसी सीधे शोरूम से भी वाहन को उठा सकती है और उनका क्रैश टेस्ट कर सकती है।
इस नए प्रोग्राम से सबसे बड़ा लाभ वाहन निर्माता को होगा क्योंकि उन्हें अब टेस्ट और स्टार रेटिंग के लिए अपने वाहनों के सेंपल को विदेश नहीं भेजना पढ़ेगा क्योकि यह एक महंगी प्रक्रिया है।