व्यवसाय विचार

भारत-ऑस्ट्रेलिया की एमएमई व स्टार्टअप को बड़ी मदद करेगा यह कार्यक्रम

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Nov 22, 2023 - 3 min read
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यह कार्यक्रम उन स्टार्टअप्स और एसएमई पर केंद्रित है जिनके पास सक्षम प्रौद्योगिकियां हैं और जो भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच विस्तार करने की इच्छा रखते हैं।

भारत और ऑस्ट्रेलिया में सर्कुलर इकोनॉमी प्रौद्योगिकियों और समाधानों पर काम करने वाले स्टार्टअप और छोटे से मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) को दोनों देशों के बीच अवसरों का पता लगाने के लिए नए एक्सीलरेटर कार्यक्रम से लाभ होगा। इस एक्सीलरेटर को डिजाइन करते समय कैसे अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हों, इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह कार्यक्रम एआईएम, नीति आयोग की ओर से जारी किया गया है। यह एक्सीलरेटर भारत और ऑस्ट्रेलिया में सर्कुलर इकोनॉमी स्टार्टअप्स की मदद के लिए बनाया गया है। इसका नाम रैपिड इनोवेशन एंड स्टार्टअप एक्सपेंशन (आरआईएसई) है। इंडिया ऑस्ट्रेलिया राइज एक्सीलरेटर को ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी सीएसआईआरओ और भारत सरकार की प्रमुख पहल अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के बीच साझेदारी में तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है।

इस कार्यक्रम को लेकर ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बदलते परिवेश में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी हमारे साझा मूल्यों, आर्थिक हितों और भू-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एक प्रमाण पत्र के रूप में मौजूद है जो दोनों देशों को जोड़े रखती है। आरआईएसई एक्सीलरेटर न केवल राजनयिक संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगात्मक प्रयासों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
अटल नवाचार मिशन - नीति आयोग में मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव ने कहा कि आरआईएसई/राइज एक्सीलेरेटर एक अग्रणी बहु-वर्षीय द्विपक्षीय कार्यक्रम है, जिसे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विशिष्ट रूप से तैयार किया गया है और यह दोनों अर्थव्यवस्थाओं की साझा चुनौतियों से निपटने के लिए समर्पित है। पर्यावरण और जलवायु प्रौद्योगिकी के अति महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए आरआईएसई स्टार्टअप को वैश्विक चुनौतियों से परे समाधान खोजने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

सीएसआईआरओ के आरआईएसई एक्सेलेरेटर कार्यक्रम निदेशक तमारा ओगिल्वी ने कहा कि यह कार्यक्रम उन स्टार्टअप्स और एसएमई पर केंद्रित है जिनके पास सक्षम प्रौद्योगिकियां हैं और जो भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच विस्तार करने की इच्छा रखते हैं। ओगिल्वी ने बताया कि नौ महीने के आरआईएसई एक्सेलेरेटर कार्यक्रम के दौरान हम स्टार्टअप्स को एक नए क्षेत्र में शुरुआती कदम उठाने, सही भागीदारों, ग्राहकों और प्रतिभाओं के लिए फास्ट-ट्रैक कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सफल होने के लिए विश्वसनीयता बनाने में मदद करेंगे। आरआईएसई एक्सीलरेटर के पहले दौर के लिए हम भारत और ऑस्ट्रेलिया के सर्कुलर इकोनॉमी में रूपांतरण में सहायता करने हेतु नवोन्मेषी व्यवसाय मॉडलों, प्रौद्योगिकियों और अथवा संसाधनों के कुशल उपयोग विकसित करने वाले स्टार्टअप और एसएमई का आह्वान कर रहे हैं।

एआईएम के आरआईएसई एक्सीलरेटर प्रमुख प्रमित डाश ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय स्टार्टअप को विदेशों में अपनी तकनीक और अनुसंधान को मान्य और अनुकूलित करने के लिए पर्याप्त सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के स्टार्टअप्स के लिए अपने लक्षित बाजार में उद्योग और शोधकर्ताओं के साथ काम करने का यह एक अच्छा अवसर है। इसके जरिए हम सांस्कृतिक साक्षरता विकसित करने के साथ-साथ, प्रतिभागी सार्थक द्विपक्षीय उद्योग और अनुसंधान सहयोग विकसित करेंगे। कार्यक्रम का पहला दौर सीएसआईआरओ की सर्कुलर इकोनॉमी फॉर मिशन पहल के अनुरूप है, जो अपशिष्ट नवाचार पर आधारित स्थायी भविष्य का सृजन करने पर केंद्रित है।

सीएसआईआरओ के सर्कुलर इकोनॉमी फॉर मिशन के प्रमुख हेंज शांडल ने कहा कि हमें शून्य-अपशिष्ट मानसिकता के साथ सामग्रियों और उत्पादों को डिजाइन करने की आवश्यकता है। डॉ. शांडल ने कहा, सर्कुलर इकोनॉमी का आशय है कि उत्पादों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि उनका मूल्य अधिकतम करने के लिए उन्हें दोबारा या कई बार भी इस्तेमाल किया जा सके। हमें उम्मीद है कि यह कार्यक्रम अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने, रोजगार के अवसरों का सृजन करने और बर्बादी को कम करने के लिए प्रौद्योगिकियों और समाधानों में तेजी लाने में मदद करेगा। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्टार्टअप्स के लिए कोई शुल्क नहीं है, जो ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच यात्रा करने के कई अवसरों सहित आभासी रूप से वितरित किया जाएगा। इसमें भाग लेने वाले स्टार्टअप गैर-इक्विटी अनुदान में 40,00,000 रुपये तक के लिए भी पात्र हो सकते हैं। आरआईएसई एक्सीलरेटर कार्यक्रम के लिए आवेदन अभी खुले हैं, और शनिवार 7 जनवरी 2024 आवेदन किया जा सकता है।

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