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- भारत किन देशों से खरीदता है क्रूड ऑयल, जानिये तेल से कैसे बनती है गैस
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारत में एलपीजी सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी हुई है हर राज्य के हिसाब से दामों में बढ़ोतरी की गई है, जैसे की पिछले साल के मुताबिक दिल्ली में सिलेंडर का दाम 819 रूपये था लेकिन अब इसे 900 रूपये कर दिया गया है। मुंबई की बात करे तो पिछले साल मुंबई में 819 रूपये और अब 900 रूपये है, वर्ष 2021 मे कोलकता में 846, चेन्नई में 835, लखनऊ 857, आगरा 832, जयपुर 830, पटना 909, इंदौर 847, अहमदाबाद 826, पुणे 823 और अब इस साल यानी की 2022 में इन राज्यों में कितना बड़ा है दाम चलिए बताते है कोलकता में 926, चेन्नई में916, लखनऊ 938, आगरा 913, जयपुर 904, पटना 998, इंदौर 928, अहमदाबाद 907, पुणे 909, लेकिन क्या आपको पता है भारत किन देशों से सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल खरीदता है और अब आप सोच रहे होंगे की बात एलपीजी सिलेंडर के बारे में कर रहे है बीच में क्रूड ऑयल की बात कैसे आ गई, तो चलिए बताते है आपको क्रूड ऑयल से ही सिलेंडर के गैस जो कुकीग में उपयोग होती है उसे बनाया जाता है अब बात आती है कैसे बनाया जाता है, क्रूड ऑयल को रिफाइन करने के पहले फेज में ब्यू टेन और प्रोपेन नाम की प्राकृतिक गैस मिलती हैं, जो बेहद तेजी से जलने वाले इन गैसों को कुकिंग और ट्रांसपोर्ट के लिए इस्ते माल किया जाता है। प्रोपेन को ही ज्या दा दबाव में ब्युेटेन के साथ कम्प्रे स किया जाता है, जिसे लिक्विुडफाईड पेट्रोलियम गैस के तौर पर उपयोग किया जाता है। ब्यूटेन को रेफ्रिजरेशन के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है।
अगले फेज में प्रोपेन को ही अलग करके पेट्रोल, कैरोसिन और डीज़ल जैसे ईंधन निकाले जाते है। इनमें सबसे शुद्ध पेट्रोल ही होता है। इसके बाद कैरोसिन होता है। हवाई जहाज में उपयोग होने वाले ईंधन कैरोसिन को बहुद स्टेदज में रिफाइन कर तैयार किया जाता है। इसमें खास तरह के केमिकल को भी मिलाया जाता है ताकि यह माइनस 50 से 60 डिग्री सेल्सियस में भी न जम सके। इस तरह से एलपीजी गैस को बनाया जाता है।
अब बात करते है किन देशों से भारत क्रूड ऑयल को खरीदता है, भारत अपनी कुल तेल जरूरत का 83 फीसदी तक आयात से पूरा करता है। इसमें इराक, अमेरिका और सऊदी प्रमुख तेल निर्यातक देश हैं। सऊदी, रूस और अमेरिका ये तीन देश दुनियाभर को सबसे ज्यादा तेल देते है। अमेरिका, इरान और सऊदी अरब के साथ-साथ भारत तेल की अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए कई दूसरे तेल उत्पादक देशों पर भी निर्भर है। जैसे नाइजीरिया भी भारत को क्रूड ऑयल की आपूर्ति कर रहा है, इसके बाद यूएई और वेनेजुएला भी आते हैं। बता दें कि वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तेल पर निर्भर है ऑयल की आपूर्ति को पूरा करता है। इसके बाद यूएई और वेनेजुएला भी आते हैं। बता दें कि वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तेल पर निर्भर है।
भारत में तेल के भंडार कहा पर है
भारत के 3 प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं- जहाँ से खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी राज्यों असम तथा मेघालय में फैला है, जबकि दूसरा महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है- गुजरात में खम्भात की खाड़ी का समीपवर्ती क्षेत्र।
भारत अपनी खपत का 80 प्रतिशत तेल बाहर से मंगाता है। सरकार आपात स्थिति के लिए देश के 2 राज्यों में बनी गुफाओं में तेल स्टोर करती है ताकी आपात स्थिति में कच्चे तेल का भंडार खत्म न हो पाए।
भारत में तेल की कितनी गुफाएं है
वर्तमान में इन गुफाओं की भंडारण क्षमता 53.3 लाख टन से ज्यादा है,लेकिन अभी इनमें 55 प्रतिशत तेल ही मौजूद है। ये गुफाएं विशाखापत्तनम, मंगलौर और कर्नाटक के पादुर में मौजूद हैं। देश की रिफाइनरियों के पास आमतौर पर 60 दिनों का तेल का स्टॉक रहता है। ये स्टॉक जमीन के अंदर मौजूद होते हैं, जिन्हें तेल की गुफाएं कहा जाता है। मंगलुरू में जमीन के भीतर तेल की स्टोरेज क्षमता 15 लाख टन है और विशाखापट्टनम के स्टोर की क्षमता 13 लाख टन है। पद्दूर में विकसित तेल की गुफा की भंडारण क्षमता सबसे अधिक है।
भारत में खनिजों का वितरण बहुत असमान है। अधिकांश खनिज दक्कन के पठार तथा छोटानागपुर पठार में पाए जाने वाले प्राचीन रवेदार शैलों में मिलते हैं।
भारत में सम्भावित तेल क्षेत्र 14.1 लाख वर्ग किमी. पर विस्तृत हैं, जिसका 85 प्रतिशत भाग स्थल पर है एवं 15 प्रतिशत भाग अपतटीय क्षेत्र में। भारत का खनिज तेल का ज्ञात भण्डार एवं उत्पादन दोनो ही कम है, अतः अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए विदेशों से तेल का आयात किया जाता है।
किस देश के पास कितना ऑयल रिसर्व है
तेल भंडार एक विशेष क्षेत्र में स्थित कच्चे तेल की मात्रा को दर्शाता है जिसे वर्तमान तकनीकी बाधाओं के साथ और तेल की वर्तमान कीमत पर आर्थिक रूप से व्यवहार्य लागत पर पुनर्प्राप्त किया जा सकता है।
वेनेजुएला के पास 300.9 अरब बैरल के साथ दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार है। सऊदी अरब के पास 266.5 बिलियन बैरल के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल भंडार है। इरान के पास 158.40 बिलियन बैरल, नाइजीरिया के पास 37.10 बिलियन बैरल, संयुक्त अरब अमीरात के पास 97.80 बिलियन बैरल ऑयल रिसर्व है।