व्यवसाय विचार

भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस हुई लांच

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Aug 23, 2022 - 2 min read
भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस हुई लांच image
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने पुणे में भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस लांच किया। मंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन को एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा वेक्टर कहा।

केंद्रीय राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने पुणे में केपीआईटी-सीएसआईआर द्वारा विकसित भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सिंह ने ग्रीन हाइड्रोजन को एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा वेक्टर कहा, जो रिफाइनिंग इंडस्ट्रीज, फर्टिलाइजर इंडस्ट्रीज, इस्पात इंडस्ट्रीज, सीमेंट इंडस्ट्रीज और कमर्शियल ट्रांसपोर्ट कंपनी क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने के लिए डीकार्बोनाइजेशन को योग्य बनाता है। मंत्री जितेंद्र ने कहा की "भारत फॉसिल फ्यूल के शुद्ध आयातक से स्वच्छ हाइड्रोजन ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बनने तक पोल-वॉल्ट कर सकता है।" डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि लगभग 12-14 प्रतिशत कार्बन डाइआक्साइड और पार्टिकुलेट उत्सर्जन डीजल से चलने वाले कमर्शियल ट्रांसपोर्ट से आते हैं,जो महत्व रखता है उत्सर्जन में, और इसलिए इसे पकड़ना मुश्किल है।

मंत्री ने कहा, हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन इस क्षेत्र से सड़क पर होने वाले उत्सर्जन को खत्म करने के लिए एक उत्तम साधन प्रदान करते हैं। मंत्री ने केपीआईटी और सीएसआईआर-एनसीएल के संयुक्त विकास प्रयासों की सराहना की और बताया कि भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का तकनीक कौशल दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है।

पुणे में केपीआईटी-सीएसआईआर द्वारा विकसित, ईंधन सेल बस को बिजली देने के लिए हाइड्रोजन और वायु का उपयोग करता है, और बस से एकमात्र बहाव पानी है। तुलना के लिए लंबी दूरी के मार्गों पर चलने वाली एक डीजल बस आमतौर पर जो सालभर में (सालाना) 100 टन कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन करती है, और भारत में ऐसी दस लाख से अधिक बसें हैं। इसके अलावा, ईंधन सेल वाहनों की उच्च क्षमता और हाइड्रोजन की उच्च ऊर्जा डेंसिटी की सुनिश्चित करती है कि ईंधन सेल ट्रकों और बसों के लिए प्रति किलोमीटर परिचालन लागत डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में कम है।

क्या है हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी?

हाइड्रोजनफ्यूल सेल टेक्नोलॉजी में फ्यूल सेल, हाइड्रोजन तथा एक ऑक्सिकारक के प्रयोग से एलेक्ट्रोकेमीक्ल प्रक्रिया द्वारा बिजली का निर्माण करता है। फ्यूल सेल हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन को मिलाकर बिजली धारा का निर्माण करता है तथा इस प्रक्रिया में जल निर्मान करता है। यह तकनीक 65-75 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम करती है जो गाड़ी चलाते समय उत्पन्न गर्मी का सामना कर सकती है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल भी केमीक्ल एनर्जी को बिजली उर्जा में परिवर्तित करता है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन

केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की घोषणा की गई थी, इसकी मदद सेहाइड्रोजन को वैकल्पिक एनर्जी स्रोत के रूप में प्रयोग करने के लिये एक रोडमैप तैयार किया करने की बात कही गई थी जो ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख बदलाव ला सके। इस पहल के तहत स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिये पृथ्वी पर सबसे भकपूर तत्त्वों में से एक हाइड्रोजन का उपयोग किया जायेगा। यह मिशन ग्रीन एनर्जी संसाधनों से हाइड्रोजन उत्पादन पर ज़ोर देता है जो भारत की बढ़ती रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के साथ जोड़गा।

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