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- भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में राज्यों की भूमिका: अमिताभ कांत
भारत के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात करते हुए भारत के शेरपा G20 अमिताभ कांत ने कहा हमारी एक हरी और मजबूत ऊर्जा भविष्य की उम्मीद को हर स्तर—वैश्विक, राष्ट्रीय, और खासकर राज्य स्तर पर ठोस कदमों में बदलना होगा। भारतीय राज्यों द्वारा उठाए गए सक्रिय कदम भारत की ऊर्जा व्यवस्था को बदल रहे हैं और स्वच्छ ऊर्जा( Clean Energy) के बारे में वैश्विक चर्चा को भी प्रभावित कर रहे हैं। पावर जनरेशन के अलावा, राज्य स्वच्छ ऊर्जा निर्माण और परिवहन क्षेत्रों में केंद्रीय हब के रूप में उभर रहे हैं, जो विकास को गति दे रहे हैं, रोजगार सृजन कर रहे हैं, और भारत को एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहे हैं। कांत ने यह बात WRI इंडिया के कनेक्ट करो 2024 में कही।
इस सत्र में सरकारी अधिकारियों और प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया ताकि वे राज्य की ऊर्जा परिवर्तन के विभिन्न तत्वों—जेनरेशन, ट्रांज़िशन, मार्केट्स, उभरती और इनोवेटिव टेक्नोलॉजी और योजना प्रक्रियाओं—संबंधी अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा कर सकें।
यह कार्यक्रम पर्यावरणीय और स्थिरता चुनौतियों के लिए नवीन समाधान ढूंढने पर केंद्रित है।यह भारत और विदेशों से विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, सरकारी अधिकारियों और शोधकर्ताओं को एक साथ लाता है ताकि वे भारत को सामना करने वाली जलवायु कार्रवाई, स्थिर खाद्य प्रणाली, पुनर्स्थापन, ऊर्जा और विकास संबंधी चुनौतियों पर चर्चा कर सकें।
इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट की ज्वाइंट सेक्रेटरी आईएएस योगिता राणा ने भारत में सस्टेनेबल, फूड और लेंड सिस्टम को सक्षम बनाने पर कहा हमें अस्थिरता की समस्या को हल करने के लिए सोच बदलनी होगी और सुरक्षित और पोषक भोजन को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने सरकार की योजनाओं की बात की, जैसे कि सॉयल(Soil) हेल्थ कार्ड, जो किसानों को रासायनिक खादों पर कम निर्भर रहने में मदद करता है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की आईआरएस रीजनल डायरेक्टर प्रीति चौधरी ने फूड वेस्ट को कम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षित फूड प्रथाओं को बढ़ावा देने और संसाधनों का पुन: उपयोग करने के प्रयासों का उल्लेख किया, जैसे कि फूड डिस्ट्रीब्यूशन और रीसाइक्लिंग कुकिंग ऑयल।इन उपायों को विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ाने की अपील की। वेस्ट किया गया हर एक अनाज किसी जरूरतमंद को खाना दे सकता है, यही सोच बदलने की जरूरत है।
डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ माधव पाई ने कहा भारत को अपने फूड और भूमि उपयोग प्रणालियों में तुरंत बदलाव की आवश्यकता है ताकि लोगों की सुरक्षा की जा सके, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत किया जा सके, पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना किया जा सके और स्वस्थ प्राकृतिक इकोसिस्टम सुनिश्चित किया जा सके। यह हमें एक ऐसा भविष्य बनाने में मदद कर सकता है जहां भारत की भूमि को पुनर्स्थापित किया जाए, कृषि उत्पादन बढ़ाया जाए, मिट्टी और पानी को फिर से जीवंत किया जाए, और समावेशी जीवनयापन के अवसर पैदा किए जाएं।