व्यवसाय विचार

भारत को खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नवीनतम अभिनव प्रयास

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Aug 09, 2023 - 3 min read
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केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने देश में खनिज उत्पादन को बढ़ावा देने और देश को खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं।

देश में खनिज उत्पादन को बढ़ावा देने और देश को खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कई नीतिगत सुधार किए हैं। इस संबंध में खान और खनिज (विकास और विनियमन) (एमएमडीआर) अधिनियम, 1957 में कई बार संशोधन किया गया है। कुछ महत्वपूर्ण सुधारों का विवरण इस प्रकार है:

देश में खनिजों के उत्पादन में गिरावट के मुद्दे का समाधान निकालने के लिए एमएमडीआर अधिनियम को निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ 2015 में संशोधित किया गया था।

(i) बाधाओं को दूर करना;

(ii) खनिज संसाधनों के आवंटन में पारदर्शिता में सुधार;

(iii) प्रक्रियाओं को सरल बनाना;

(iv) प्रशासन में विलम्‍ब को दूर करना, ताकि देश के खनिज संसाधनों का शीघ्र और अधिकतम विकास संभव हो सके;

(v) सरकार के लिए देश के खनिज संसाधनों के मूल्य में एक बढ़ी हुई हिस्सेदारी प्राप्त करना; और

(vi) निजी निवेश और नवीनतम तकनीक को आकर्षित करना।

खनिज क्षेत्र की क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने, कोयला सहित खनन क्षेत्र में रोजगार और निवेश बढ़ाने, राज्यों का राजस्व बढ़ाने, उत्पादन बढ़ाने और खानों के समयबद्ध संचालन एवं निरंतरता बनाए रखने के लिए एमएमडीआर संशोधन अधिनियम में 2021 में फिर से संशोधन किया गया था। पट्टेदारी के परिवर्तन के बाद खनन कार्यों, खनिज संसाधनों की खोज और नीलामी की गति को बढ़ाने और लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान निकालने की आवश्‍यकता है, जिसके कारण क्षेत्र के विकास की गति धीमी पड़ गई है।

इसके अलावा, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 को लोकसभा द्वारा 28 जुलाई 2023 को और राज्यसभा द्वारा 02 अगस्त 2023 को पारित किया गया है, यह गहराई में मौजूद महत्वपूर्ण खनिज जैसे सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा, निकल, कोबाल्ट, प्लैटिनम समूह के खनिज, हीरे, आदि तक के अन्वेषण लाइसेंस को प्रदान करने के लिए एमएमडीआर अधिनियम, 1957 में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है, जिसका एमएमडीआर अधिनियम की 7वीं अनुसूची में उल्लेख किया गया हैं। नीलामी के माध्यम से प्रदान किया गया अन्वेषण लाइसेंस, लाइसेंसधारी को अधिनियम की नई सातवीं अनुसूची में उल्लिखित महत्वपूर्ण और गहरे खनिजों के लिए टोही और पूर्वेक्षण संचालन करने की अनुमति देगा। अन्वेषण लाइसेंस महत्वपूर्ण और गहराई में मौजूद खनिजों के लिए खनिज अन्वेषण के सभी क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाते हुए प्रोत्‍साहन देगा।

एमएमडीआर संशोधन विधेयक 2023 अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग-बी में निर्दिष्ट परमाणु खनिजों की सूची से लिथियम युक्त खनिजों सहित छह खनिजों को हटा देता है। इन खनिजों का अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार, ऊर्जा, इलेक्ट्रिक बैटरी जैसे क्षेत्रों में विभिन्न अनुप्रयोग हैं और ये भारत की शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्रतिबद्धता में महत्वपूर्ण हैं। परमाणु खनिजों की सूची में शामिल होने के कारण, उनका खनन और अन्वेषण सरकारी संस्थाओं के लिए आरक्षित था। पहली अनुसूची के भाग-बी से इन खनिजों को हटाने के लिए इन खनिजों के अन्वेषण और खनन को निजी क्षेत्र के लिए भी खोल दिया जाएगा। जिन खनिजों को कुछ अन्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के साथ परमाणु खनिजों की सूची से हटा दिया गया है, उन्हें अब अधिनियम की पहली अनुसूची के नए भाग में शामिल किया गया है और इन खनिजों की नीलामी करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास निहित है। हालांकि, ऐसी नीलामियों से राजस्व केवल राज्य सरकार को प्राप्त होगा। परिणामस्वरूप, देश में इन खनिजों के अन्वेषण और खनन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

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