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- भारत ने इंपोर्ट ड्यूटी चोरी के मामले में ओप्पो को 4,389 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा
सरकारी बयान में कहा गया है कि भारतीय जांचकर्ताओं को इस बात के सबूत मिले कि ओप्पो ने मोबाइल फोन उत्पादन में उपयोग होने वाली वस्तुओं पर लगने वाला इंपोर्ट ड्यूटी नही दिया है जिसकी वजह से भारत सरकार को उनके खिलाफ नोटिस जारी करना पड़ा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ओप्पो ने रॉयल्टी का भुगतान किया जो कि बाहर के सामानों के लेनदेन मूल्य में नहीं जोड़ा गया था।
जांच के दौरान, डीआरआई द्वारा ओप्पो इंडिया के कार्यालय और उसके प्रमुख कर्मचारियों के घरों की तलाशी ली गई। आरोप लगाया गया कि विवो इंडिया की बिक्री आय को नुकसान दिखाया गया है, और करों का भुगतान करने से बचने के लिए भारत से बाहर पैसे भेजे गए है। जिसके कारण ओप्पो इंडिया को 2,981 करोड़ रुपये की शुल्क माफ़ कर दिया गया था।
सरकार ने कहा, "ओप्पो इंडिया को इंपोर्ट ड्यूटी की मांग करते हुए एक नोटिस जारी किया गया है।"
जिसमें ओप्पो इंडिया पर 4,389 करोड़ रुपये की इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी गई है। नोटिस में इंपोर्ट ड्यूटी अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत ओप्पो इंडिया, उसके कर्मचारियों और ओप्पो चीन पर रिलेवेंट पेनल्टी का भी प्रस्ताव है।
2020 में सीमा पर संघर्ष के बाद राजनीतिक तनाव बढ़ने के बाद कई चीनी फर्मों ने भारत में व्यापार करने के लिए काफी स्ट्रगल किया है। भारत ने तब से 300 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है, साथ ही चीनी निवेश पर कड़े नियम बनाए है। सरकार ने सुरक्षा की चिंता जताते हुए नियमों कड़ा कर दिया था।
सरकार के नोटिस के बाद ओप्पो इंडिया ने एक ईमेल पर प्रतिक्रिया दी है, की ओप्पो इंडिया एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट है और विवेकपूर्ण कॉर्पोरेट प्रशासन ढांचे में विश्वास करता है। ओप्पो इंडिया इस संबंध में कानून के तहत प्रदान किए गए किसी भी उपाय सहित उचित कदम उठाएगी।, ”
बता दे कि ओप्पो इंडिया पूरे भारत में मैन्युफैक्चरिंग, होलसेल ट्रेडिंग, मोबाइल हैंडसेट्स के डिस्ट्रीब्यूशन और एक्सेसरीज के कारोबार करता है। ओप्पो, वनप्लस और रियलमी सहित कई अनेक तरह के ब्रांडों के मोबाइल फोन में काम करता है।