भारी उद्योग मंत्रालय भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। फेम-II योजना में अन्य बातों के साथ-साथ ही उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास पैदा करने के उद्देश्य से सार्वजनिक रूप से चार्जिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली वित्तीय सहायता भी शामिल है।
भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि इस साल दो फरवरी तक देश में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 12,146 हो गई है। उन्होंने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही।मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र 3,079 ईवी चार्जिंग स्टेशनों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद दिल्ली 1,886 स्टेशनों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि कर्नाटक 1,041 चार्जिंग स्टेशनों के साथ तीसरे स्थान पर है। शीर्ष दस की सूची में शीर्ष तीन राज्य हैं- केरल (852), तमिलनाडु (643), उत्तर प्रदेश (582), राजस्थान (500), तेलंगाना (481), गुजरात (476) और मध्य प्रदेश (341)।
इसके अलावा, विद्युत मंत्रालय ने देश में सार्वजनिक रूप से ईवी की चार्जिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में तेजी लाने के उद्देश्य से कई पहल की हैं। सरकार ने ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जरूरी दिशानिर्देश और मानक जनवरी 2022 में जारी किए गए थे, जिन्हें नवंबर 2022 तथा अप्रैल 2023 में संशोधित किया गया है। दिशानिर्देश की व्यापक विशेषताएं इस प्रकार हैं।
1. ईवी वाहनों के मालिकों को अपने मौजूदा बिजली के कनेक्शन का उपयोग करके निवास एवं कार्यालयों में अपने ईवी वाहनों को चार्ज करने की सुविधा स्थापित करने की स्वीकृति देना।
2. सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए उन्नत दरों पर भूमि का प्रावधान करने हेतु राजस्व साझाकरण मॉडल निर्धारित करना।
3. सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) को निर्धारित समय सीमा में बिजली का कनेक्शन प्रदान करना।
4. सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए एकल भाग विद्युत चालित वाहनों का टैरिफ निर्धारित करना और यह 31.03.2025 तक आपूर्ति की औसत लागत (एसीओएस) से अधिक नहीं होना चाहिए।
5. सौर और गैर-सौर घंटों के दौरान सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी एसी चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की सीमा क्रमशः 2.50 रुपये प्रति यूनिट और 3.50 रुपये प्रति यूनिट निर्दिष्ट करती है। इसके अतिरिक्त, सौर एवं गैर-सौर घंटों के दौरान सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर ईवी वाहनों की डीसी फास्ट चार्जिंग के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की क्रमशः 10/- रुपये प्रति यूनिट व 12/- रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा भी निर्दिष्ट की गई है।
6. सौर घंटों के दौरान डिस्कॉम द्वारा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (पीसीएस) को आपूर्ति की औसत लागत (एसीओएस) पर 20 प्रतिशत की छूट और अन्य सभी समय के दौरान 20 प्रतिशत का अधिभार होगा।
ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियम 2022 को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में और तेजी लाने, सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ तथा हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया है। विद्युत मंत्रालय ने भारत में विद्युत चालित वाहनों (ईवी), विद्युत चालित वाहनों के लिए चार्जिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक कुकिंग के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से फरवरी 2021 में "गो इलेक्ट्रिक" अभियान भी शुरू किया था। दो फरवरी 2024 तक फेम इंडिया योजना चरण- II के तहत राज्य-वार विद्युत चालित वाहनों के लिए चालू किए गए चार्जिंग स्टेशनों का विवरण अनुलग्नक- I के रूप में संलग्न है।
विद्युत मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो फरवरी 2024 तक देश भर में 12,146 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन क्रियान्वित हैं। राज्यवार संचालित होने वाले सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों का विवरण अनुबंध-II में दिया गया है।
नीति आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार्जिंग और इन्फ्रासट्रक्चर की आवश्यकता इलेक्ट्रिक वाहनों की संरचना, उनके चलने के पैटर्न, इलाके व भूगोल, शहरीकरण स्वरूप और ईवी और चार्जिंग उपकरणों की तकनीक पर निर्भर करती है। चूंकि, ये सभी कारक अभी भी विकसित हो रहे हैं और साथ ही विद्युत चालित वाहन की एक निश्चित संख्या के लिए आवश्यक चार्जिंग पॉइंट की संख्या पर कोई वैश्विक सहमति नहीं है। उपरोक्त कारकों के आधार पर, आवश्यकता को गतिशील माना जाता है और यह प्रति 20 ईवी में एक चार्जिंग पॉइंट से लेकर प्रति 150 ईवी में एक चार्जिंग पॉइंट तक की विस्तृत श्रृंखला में होती है।