- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- भारत में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का सबसे बड़ा हब होगी दिल्ली: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार 17 सितंबर 2023 को राजधानी दिल्ली के द्वारका में भव्य और विशाल अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र-यशोभूमि का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक सुनहरे भविष्य की ओर निरंतर अपने कदम बढ़ा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र-यशोभूमि के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत, हर क्षेत्र में अपनी नई पहचान बना रहा है। यह इसी परंपरा को और भव्यता से आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि यशोभूमि का संदेश है- इस भूमि पर जो भी होगा, यश ही यश प्राप्त होने वाला होगा। यह भविष्य के भारत को दर्शाने का एक शानदार केंद्र बनेगा। भारत के भव्य आर्थिक कौशल और वाणिज्यिक शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए, यह देश की राजधानी में एक योग्य केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी और पीएम गतिशक्ति दोनों को दर्शाता है। मोदी ने मेट्रो द्वारा केंद्र को प्रदान की गई कनेक्टिविटी और मेट्रो टर्मिनल के उद्घाटन की व्याख्या की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यशोभूमि का इको सिस्टम उपयोगकर्ताओं की यात्रा, कनेक्टिविटी, आवास और पर्यटन आवश्यकताओं का ध्यान रखेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "बदलते समय के साथ विकास और रोजगार के नए-नए सेक्टर्स भी बनते हैं। आज से 50-60 साल पहले आईटी इंडस्ट्री और 30-35 साल पहले सोशल मीडिया के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। अब दुनिया में एक और बड़ा सेक्टर बन रहा है, जिसमें भारत के लिए असीम संभावनाएं हैं। ये सेक्टर है. कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का। पूरी दुनिया में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री का बाजार 25 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है। हर साल दुनिया में 32 हजार से भी ज्यादा बड़ी प्रदर्शनियां लगती हैं, एक्सपो होते हैं। तकरीबन 140 करोड़ की आबादी वाला भारत दुनिया के लिए सबसे बड़ा बाज़ार है। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए आने वाले लोग एक सामान्य पर्यटक की अपेक्षा, कई गुना ज्यादा पैसे खर्च करते हैं। इतनी बड़े औद्योगिक क्षेत्र वाले बाजार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ एक प्रतिशत है। भारत की कई बड़ी कंपनियां हर साल अपने इवेंट्स बाहर करती हैं, जबकि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार हमारे यहां है। ऐसे में आज का नया भारत, खुद को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए भी तैयार कर रहा है।
लाखों युवाओं को मिलेगा रोजगार
"आप सब जानते हैं, एडवेंचर टूरिज्म (साहसिक पर्यटन) वहीं होगा, जहां एडवेंचर के साधन-संसाधन हों। मेडिकल टूरिज्म वहीं होगा, जहां आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं हों। स्पीरिचुअल टूरिज्म (आध्यात्मिक पर्यटन) वहीं होगा, जहां ऐतिहासिक, धार्मिक, स्पीरिचुअल एक्टिविटी हों। हेरिटेज टूरिज्म (धरोहर या विरासत पर्यटन) वहीं होगा, जहां हिस्ट्री और हेरिटेज (इतिहास और विरासत) का बाहुल्य हो। इसी तरह, कॉन्फ्रेंस टूरिज्म भी वहीं होगा, जहां इवेंट्स के लिए, मीटिंग्स के लिए, प्रदर्शनी के लिए, जरूरी साधन-संसाधन हों। इसलिए 'भारत मंडपम' और 'यशोभूमि', ये ऐसे सेंटर हैं, जो अब दिल्ली को 'कॉन्फ्रेंस टूरिज्म' का सबसे बड़ा हब बनाने जा रहे हैं। अकेले 'यशोभूमि सेंटर' से ही लाखों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। 'यशोभूमि' भविष्य में एक ऐसा स्थान बनेगा, जहां दुनिया भर के देशों से लोग अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन (इंटरनेशनल कांफ्रेंस), मीटिंग्स और प्रदर्शनी लगाने के लिए कतार में लगने वाले हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज मैं दुनिया भर के देशों में प्रदर्शनी और इवेंट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को भारत में, दिल्ली में, यशोभूमि में विशेष रूप से आमंत्रित करता हूं। मैं देश की, पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर क्षेत्र के फिल्म और टीवी उद्योग को आमंत्रित करता हूं। आप अपने अवार्ड समारोह, फिल्म फेस्टिवल यहां आयोजित करिए, फिल्म के पहले शो यहां आयोजित करिए। मैं इंटरनेशनल इवेंट कंपनी, प्रदर्शनी क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी 'भारत मंडपम' और 'यशोभूमि' से जुड़ने को आमंत्रित करता हूं। मुझे विश्वास है, 'भारत मंडपम' हो या 'यशोभूमि', ये भारत के आतिथ्य, श्रेष्ठता और भव्यता के प्रतीक बनेंगे। भारत मंडपम और यशोभूमि, दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है। आज ये दोनों भव्य प्रतिष्ठान, नए भारत की यशगाथा, देश और दुनिया के सामने गा रहे हैं। इनमें नए भारत की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी है, जो अपने लिए सबसे बेहतरीन सुविधाएं चाहता है।"
प्रधानमंत्री के अनुसार, भारत अब रुकने वाला नहीं है। हमें चलते रहना है, नए लक्ष्य बनाते रहना है और उन नए लक्ष्यों को पाकर ही चैन से बैठना है। हम देश को 2047 में दुनिया के सामने डंके की चोट पर विकसित भारत के रूप में खड़ा कर देंगे, यह संकल्प लेकर चलना है। यह समय हम सभी के लिए जुट जाने का समय है। हमारे विश्वकर्मा साथी, 'मेक इन इंडिया' की शान हैं और यह इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर की इस शान को दुनिया के सामने दर्शाने का माध्यम बनेगा। बता दें कि देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को द्वारका में 'यशोभूमि' के प्रचालन के साथ सुदृढ़ किया जाएगा। 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र और 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, 'यशोभूमि' दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी।
'यशोभूमि' लगभग 5400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। यह एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित है। इस कन्वेंशन सेंटर में 73 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने मुख्य सभागार, ग्रैंड बॉलरूम सहित 15 सम्मेलन कक्ष और 13 बैठक कक्ष हैं, जिनकी कुल क्षमता 11,000 प्रतिनिधियों को रखने की है। कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया है। आठ मंजिलों वाला यह कन्वेंशन हॉल सेंटर लगभग 6,000 मेहमानों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है। सभागार में उपयोग किए गए लकड़ी के फर्श आगंतुक को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेंगे। अद्वितीय पंखुड़ी की छत वाले ग्रैंड बॉलरूम में लगभग 2,500 मेहमान एक साथ बैठ सकते हैं। इसमें एक खुला क्षेत्र भी है, जिसमें एकसाथ 500 लोग बैठ सकते हैं।
'यशोभूमि' दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉल में से एक
'यशोभूमि' दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉल में से एक है। लगभग 1.07 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने इस प्रदर्शनी हॉल का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा। कन्वेंशन हॉल के अंदर ठीक सामने वाला खुला हिस्सा (फोयर), जिसे तांबे की छत के साथ विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है, में मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, क्लोक सुविधाएं, आगंतुक सूचना केंद्र, टिकटिंग जैसे विभिन्न सहायता क्षेत्र हैं। 'यशोभूमि' आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्च तकनीक सुरक्षा प्रावधानों से सुसज्जित है। यहां 3,000 से अधिक कारों के लिए भूमिगत कार पार्किंग सुविधा है। यह 100 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट से सुसज्जित है। नए मेट्रो स्टेशन 'यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25' के उद्घाटन के साथ 'यशोभूमि' दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से भी जुड़ गई है। नए मेट्रो स्टेशन में तीन सबवे हैं- स्टेशन को प्रदर्शनी हॉल, कन्वेंशन सेंटर और सेंट्रल एरिना से जोड़ने वाला 735 मीटर लंबा सबवे; द्वारका एक्सप्रेसवे में प्रवेश/निकास को जोड़ने वाला दूसरा सबवे; जबकि तीसरा सबवे मेट्रो स्टेशन को 'यशोभूमि' के प्रदर्शनी हॉल फ़ोयर से जोड़ता है।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यशोभूमि प्रधानमंत्री के ‘कौशल, गति और पैमाने’ के दृष्टिकोण का एक प्रमाण है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आईआईसीसी की यह परियोजना तेजी से पूरी हुई और आज यशोभूमि के रूप में इसका उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरे चरण में इसका वर्तमान आकार दोगुना हो जाएगा। गोयल ने कहा कि द्वारका स्थित यह कन्वेंशन सेंटर पीएम गतिशक्ति के आदर्श का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यहां से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक एक्सप्रेसवे के जरिए पांच मिनट में पहुंचा जा सकता है, मेट्रो कनेक्टिविटी इसे 20 मिनट में कनॉट प्लेस से जोड़ती है और इस परियोजना से जुड़ने वाले होटलों की पर्याप्त व्यवस्था है। गोयल ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान देश में जो कन्वेंशन सेंटर बनाए जा रहे हैं, वे विश्वस्तरीय प्रदर्शनी केन्द्र बन जाएंगे। भारत मंडपम और यशोभूमि व्यापार, उद्योग, निर्यात एवं रोजगार को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि यशोभूमि एमएसएमई क्षेत्र, किसानों एवं कारीगरों को बढ़ावा देगी और उनके लिए नए अवसर एवं बाजार सुलभ कराएगी।